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कांग्रेस में चार मंत्रियों व 21 विधायकों की अमरिंदर के खिलाफ बगावत-पंजाब

कांग्रेस का अंतर्कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र से पहले यह कलह और तेज हो गई है। सिद्धू खेमे ने सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर दी है और उनको हटाने की आवाज उठा दी है। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के घर चार कैबिनेट मंत्री समेत 21 विधायक और तकरीबन आधा दर्जन पूर्व विधायक एकत्रित हुए। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चरणजीत चन्‍नी ने कहा कि अब मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह में हमारा भरोसा नहीं रहा है। हम केंद्रीय नेतृत्‍व से मुख्‍यमंत्री को बदलने की मांग करेंगे।

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दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से बगावत करने वाले चारों कैबिनेट मंत्रियों बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक थोड़ी ही देर में शुरू हाेगी। इन मंत्रियों को नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे का समझा जाता है। बताया जाता है कि इस बैठक सीएम बदलने की मांग को लेकर हाईकमान से मिलने के लिए रणनीति तैयार की जाएगीबैठक समाप्‍त हो गई है। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री से पंजाब के मसले हल नहीं होने वाले है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस का पांच सदस्य एक शिष्टमंडल आज ही दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में तृप्‍त राजेंद्र सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया परगट सिंह और वह खुद होंगे। बाजवा ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अकाली दल से मिले हुए हैं। कांग्रेस पंजाब में आती तो नेशनल लेवल पर भी पार्टी का रिवाइवल कर सकती है। कैप्टन चाहते हैं कि मैं (कैप्टन) जाऊं वो (अकाली) आ जाएं।

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कांग्रेस के विधायक व पार्टी के प्रदेश महासचिव परगट सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री की वर्किंग से संतुष्टि नहीं है। इसलिए वह पार्टी हाई कमान से मिलेंगे। बैठक में सुखबिंदर सिंह सरकरिया भी थे। बैठक में कार्यकारी प्रधान संगत सिंह गिलजियां भी थेवहीं सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि हमने मंत्रियों के रूप में अच्‍छा काम किया है और मंत्री पद जाने का कोई डर नहीं है। रंधावा के इस बयान से यदि स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि कैप्टन के विरोध में आने वाले मंत्रियों को अपना विभाग बदलने या मंत्रिमंडल जाने का भी डर है। सुरेंद्र नावा ने नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली द्वारा कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणी को व्यक्तिगत करार दिया है। उनका कहना है कि या माली का व्यक्तिगत बयान है इसका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं है

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सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि यह बात यहां तक बढ़ने नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि क्या कारण है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अमृतसर में जाकर 1000 लोगों की बैठक कर सकते हैं, विधायकों के साथ बैठक कर सकते हैं, लेकिन कैबिनेट बैठक वर्चुअल होती है। रंधावा का इशारा था कि मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह मंत्रियों के सवालों से बचना चाहते हैं, इसीलिए वर्चुअल कैबिनेट बैठक कर रहे हैं पहले से ही इस तरह की बैठक की तैयारी थी और माना जा रहा था कि इसमें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधियों की यह मंशा मुख्यमंत्री को बदलने का प्रस्ताव लाने की थी। बैठक में  21 विधायक और चार मंत्री ही पहुंचे । इसकी वजह से इस प्रस्ताव को लाने की संभावना कम दिखाई दे रही थी। यह बैठक ऐसे समय में की जा गई जब 2 दिन बाद 26 अगस्त को पंजाब कैबिनेट की बैठक होने वाली है। कैबिनेट बैठक में विधानसभा का मानसून सत्र कब बुलाया जाए इसको लेकर फैसला होना हैजानकारी के अनुसार इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू अभी उपस्थित नहीं हुए । उनके भी बैठक में हाजिर होने की पूरी संभावना थी। बता दें कि कांग्रेस में कैप्टन विरोधी खेमा लंबे समय से मुख्यमंत्री को बदलने का प्रस्ताव लाने को लेकर के प्रयास कर रहा है हालांकि पूर्ण बहुमत न होने के कारण अभी तक प्रस्ताव लाने की कोशिश कामयाब नहीं हो पाई थी।

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पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक आज की बैठक में मंत्रियों में तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, सुखविंदर रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, समेत विधायकों में कुलदीप सिंह वैध, सुरजीत सिंह धीमान, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, जूनियर अवतार हैनरी, हरजोत कमल, अमरीक सिंह ढिल्लों, संतोख सिंह भलाईपुर, परमिंदर सिंह पिंकी, मदनलाल जलालपुर, गुरकीरत कोटली, लखबीर सिंह लक्खा, देवेंदर घुबाया, प्रीतम सिंह कोर्ट भाई, कुलबीर जीरा, दर्शन बराड़, सिंह गोल्डी, परगट सिंह, काका रणदीप सिंह, अंगद सिंह उपस्थित हैं। जबकि इसके अलावा आधा दर्जन पूर्व विधायक भी उपस्थित रहेमाना जा रहा है कि कैप्टन विरोधी खेमा न सिर्फ पार्टी हाईकमान बल्कि मुख्यमंत्री पर भी दबाव बनाना चाहता है। कांग्रेस का एक धड़ा बेअदबी और पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी पर कड़ी कारवाई न किए जाने ने नाराज चल रहा है। सुखजिंदर रंधावा पहले ही खुल कर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम, डीजीपी विजिलेंस बीके उप्पल और एडवोकेट जनरल अतुल नंदा का इस्तीफा मांग चुके हैं।

यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री का चेहरा बनने की प्रतिबद्धता से इनकार कर दिया

शनिवार को लखीमपुर सेमराघाट गांव पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड़ा ने मीडिया के उस सवाल को जड़ से नकार दिया, जिसमें उनको यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री का चेहरा होने की बात पूछी गई थी। उन्होंने निकट भविष्य में चुनाव लड़ने या अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा बनने की प्रतिबद्धता से भी इनकार कर दिया। एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि वह प्रदेश के बड़े मुद्दों को उठाना जारी रखेंगी। आने वाले चुनाव में खड़े होने के सवाल पर प्रियंका ने साफ कहा कि वह देखेंगी और तब फैसला लेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह पार्टी की सीएम का चेहरा होंगी या नहीं होंगी ये अहम रणनीति का हिस्सा है, जिसे साझा नहीं किया जा सकता। ये सब बताना जरूरी भी नहीं।

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आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति क्या होगी? इस पर प्रियंका ने कहा कि जहां भी समस्या या दर्द होगा, वे जरूर जाएंगी और लोगों के साथ खड़ी भी होंगी। प्रियंका ने ये भी कहाकि पिछले सालों में कांग्रेस ने प्रदेश भर में जहां कहीं भी अन्याय हुआ है उसके खिलाफ पूरी ताकत से आवाज उठाई है। कांग्रेस सड़कों पर उतरी हैं, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी है। बाकी पार्टियों ने इतना कुछ नहीं किया, कांग्रेस ये क्रम जारी रखेगी।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव वरिष्ठ नेता प्रियंका वाड्रा  शनिवार को लखीमपुर खीरी के पसगवां ब्लॉक में दो महिलाओं के साथ नामांकन के दौरान हुई भारी अभद्रता की घटना का जायजा लेने सपा नेता क्रांति कुमार सिंह के आवास सेमराघाट पहुंची थी। प्रियंका ने कहा कि पंचायत चुनाव में कहीं हिंसा हुई है, कहीं बम फूटे, कई गोलियां चली है तो कही अराजकता हुई है ।

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कहीं नामांकन पत्र फाड़े गए हैं लेकिन किसी को कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है।वाड्रा ने जोर देकर कहा कि वह पसगवां कांड में पीड़ित महिलाओं के साथ एक बहन की तरह खड़ी हैं और पूरे देश व प्रदेश की महिलाएं भी इस अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने के लिए तैयार हैं । उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से महिलाओं के अधिकारों को कुचला जाएगा तो वह इसका विरोध करेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर यही करना है तो फिर महिला आरक्षण क्यों किया? करीब 20 मिनट तक पीड़ित महिलाओं से मिलने के बाद वाड्रा ने मीडिया से भी मुलाकात की और कहा वह मांग करती हैं यह चुनाव रद्द हो और जो लोग भी इस कांड में दोषी हैं उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने से हिंदू वर्ग नाराज हो सकता है।

पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष का पेंच आज सुलझने की संभावना है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की करीब डेढ़ घंटे से सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से वार्ता समाप्‍त हो गई है। मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने फिर दोहराया कि उनको आलाकमान का हर निर्णय को मानेंगे। इसके साथ ही आज मैं कोई ब्रेकिंग नहीं दूंगा। दूसरी ओर , नवजोत सिंह सिद्धू आज काफी सक्रिय रहे। इसके बाद साफ हो गया है कि आज शाम या कल पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष के नाम का ऐलान‍ किया जा सकता है।कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मीटिंग के बाद हरीश रावत दिल्ली रवाना हो गए। उनकी आज पार्टी हाई कमान से मीटिंग के बाद शाम तक नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधान बनाने का ऐलान हो सकता है। दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू मंत्रियों और अन्य नेताओं के साथ मीटिंग के बाद पटियाला रवाना हो गए हैं।वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बातचीत के दौरान अपने कुछ मुद्दे और बातें रखीं। मैंने इन्‍हें नोट कर लिया है और पार्टी आलाकमान को अवगत करवा दूंगा। कैप्‍टन कांग्रेस अध्‍यक्ष और पार्टी का फैसला मानेंगे।

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बताया जाता है कि वार्ता के लिए रावत के साथ राज्‍य के मंत्री सुंदर श्‍याम अरोड़ा भी पहुंचे हैं। संभावना जताई जा रही है कि रावत सिद्धू की कैप्‍टन से मुलाकात करवा सकते हैं। हरीश रावत को लेने पंजाब सरकार का हेलीकाप्‍टर दिल्‍ली गया था और हेलीपैड से कैप्‍टन अमरिंदर के फार्म हाउस पर प‍हुंचे। इसके बाद दोनों नेताओं की बातचीत शुरू हुई। दूसरी ओर, नवजाेत सिंह सिद्धू राज्‍य के मंत्रियों, वरिष्‍ठ कांग्रेस नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं।रावत के साथ उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा के भी कैप्टन के फार्म हाउस जाने को बेहद अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कल ही सोनिया गांधी को इस बारे में लिखा था कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने से हिंदू वर्ग नाराज हो सकता है। इसके अलावा सांसद मनीष तिवारी ने अलग से ट्वीट करके पंजाब में हिंदू, सिख और दलितों की आबादी का ब्योरा डालकर इसे हवा दे दी। दरअसल हिंदू वर्ग के पास इस समय एक भी महत्वपूर्ण पद नहीं है जबकि राज्य में उनकी आबादी 38 फीसदी है।

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मुख्यमंत्री, युवा कांग्रेस के प्रधानगी जट सिख के हाथों में। प्रदेश कांग्रेस की प्रधानगी फिलहाल हिंदू नेता सुनील जाखड़ के पास थी लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को प्रधान बनाने के बाद वह भी उनके हाथ से जाती रहेगी। ऐसे में उनकी नाराजगी को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चिंतित हैं। यही वह पार्टी हाईकमान को अवगत करवाना चाहते हैं।दूसरी ओर बताया जा रहा है कि रावत पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष के लिए सिद्धू के नाम पर कैप्‍टन काे मनाने की कोशिश कर रहे हैं। बैठक मे अगले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा करने के साथ बैठक का मुख्‍य फोकस सिद्धू- कैप्‍टन की जंग को समाप्‍त करना है।दोनों नेताओं की बैठक करीब एक घंटे से चल रही है।  माना जा रहा है कि रावत इसके बाद सिद्धू और कैप्‍टन की मुलाकात करवा सकते हैं। कैप्‍टन राजी हो गए तो आज ही सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाने का ऐलान किया जा सकता है। सिद्धू भी सुबह से ही खासे सक्रिय हैं। दूसरी ओर राज्‍य के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक है और भी सब अच्‍छा रहेगा। सिद्धू से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक दूसरे के साथ बैठकें करते रहते हैं।

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इससे पहले वह पंजाब कांग्रेस के वर्तमान अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ से मिले और इसके बाद विधायकों से मुलाकात की। इसके बाद वह कई मंत्रियों से मिले और उनसे मिलने मंत्रियों के आवास पर गए। इसके साथ ही वह कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं से भी मिल रहे हैं। वह पंजाब कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता लाल सिंह के घर भी पहुंचे।नवजोत सिंह सिद्धू सभी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं से मिलकर उनका साथ मांग रहे हैं। उन्होंने सेक्टर 39 में पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह के साथ ही उनके समाणा से विधायक रजिंदर सिंह से भी मिले। उनके साथ तीन अन्य विधायक दर्शन बराड़, फाजिल्का के विधायक दविंदर सिंह घुबाया , गुरदासपुर के विधायक बरिंदरजीत सिंह पाहड़ा और सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा भी थे। अब सेक्टर 39 से वह सेक्टर 2 के लिए रवाना हो रहे हैं जहां वह ब्रह्म मोहिंदरा, स्पीकर राणा केपी सिंह आदि से मिलेंगे।जाखड़ और चंडीगढ़ सर्किट हाउस में अमरिंदर सिंह राजा वडिंग व अन्‍य विधायकों से मिलने के बाद‍ सिद्धू स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की कोठी पहुंचे। वहां पर सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा और कुछ विधायक भी आ गए हैं। कांग्रेस में अचानक राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। सिद्धू जिस तरह से सभी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं उससे लगता है कि उनके खिलाफ चल रही मुखालफत के माहौल को वह प्रधान बनने से पहले ठंडा कर लेंगे।

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इससे पहले नवजोत सिद्धू चंडीगढ़ के सेक्टर 2 और सेक्टर सात में स्थित मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया के घर भी गए लेकिन वे घर पर नहीं मिले। सेक्टर 39 में वेयरहाउसिंग कारपाेरेशन के चेयरमैन और कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी डॉ राज कुमार वेरका का भी घर है। सिद्धू वहां भी गए थे लेकिन पता चला कि वह घर पर नहीं हैं।नवजाेत सिंह सिद्धू सुबह पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ से मिले। वहीं अटकलें लगाई जा रही हैं कि रावत मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर और सिद्धू की मुलाकात भी करवा सकते हैँ। इसी कारण संभवत: सिद्धू अभी चंडीगढ़ में रुके हुए हैं। बताया जाता है कि पहले उनका अमृतसर जाने का प्‍लान था।नवजोत सिद्धू पंचकूला में सुनील जाखड़ से मिलने के बाद चंडीगढ़ के सेक्‍टर 39 के सर्किट हाउस पहुंचे। वह अभी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हरीश रावत की होने वाली मीटिंग का इंतजार करेंगे। सुनील सर्किट हाउस में सिद्धू से मिलने के लिए अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और कुछ अन्य विधायक भी आए हैं। माना जा रहा है कि हरीश रावत आज सिद्धू और कैप्टन की मीटिंग करवा सकते हैं।जाखड़ से मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा कि उनसे मार्गदर्शन लेने आया था। उम्‍मीद है उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। यह जोड़ी हिट रही है और आगे भी रहेगी। इस दौरार सुनील जाखड़ भी उनके साथ थे। जाखड़ ने कहा कि सिद्धू बेहद सुलझे व्‍यक्ति और राजनेता हैं। नवजोत को मेरी शुभकामनाएं हैं।

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सिद्धू के साथ हुई मीटिंग के बाद सुनील जाखड़ ने जागरण से बातचीत में कहा कि सिद्धू ने मेरा सहयोग मांगा था और मैंने उनसे कहा है कि वह तो पार्टी की मजबूती के लिए हर समय तैयार हैं। हालांकि इससे पहले उन्होंने सिद्धू से पूछा कि क्या उन्हें प्रधान पद का फारमल लैटर मिल गया है कि नहीं ताकि मैं शुभकामनाएं दे दूं।सिद्धू ने जाखड़ से सहयोग मांगते हुए कहा कि हम मिलकर काम करेंगे। जो भी आपके मुद्दे हैँ उन्हें डटकर उठाया जाएगा। इस पर जाखड़ ने कहा कि वह सदैव पार्टी की मजबूती के लिए हर किसी से सहयोग करने को तैयार हैं।नवजोत सिंह सिद्धू आज चंडीगढ़ में ही विभिन्न नेताओं के साथ मिल रहे हैँ।बताया जाता है कि पार्टी ने उन्हें पंजाब जाकर काम शुरू करने को कह दिया है हालांकि उनके प्रधान बनाने संबंधी अधिकारिक पत्र अभी तक जारी नहीं किया गया है क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह को मनाना अभी बाकी है। कैप्टन से बात करने के लिए पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। उनकी 12.30 बजे के करीब कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात होगी। इधर नवजोत सिद्धू कांग्रेस के अन्य नेताओं से बात करने में जुट गए हैं।

#कॉग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पेट्रोलियम एवं खाद्य पदार्थों की भारी वृद्धि के विरोध में थाली बजाकर किया विरोध प्रदर्शन#

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ‘ लल्लू ‘ एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार यादव के आह्वान पर पेट्रोलियम एवं आवश्यक खाद्य पदार्थों की अप्रत्याशित भारी मूल्यवृद्धि के विरोध में प्रदेश के सभी जनपदों में तहसील स्तरीय पर थाली बजाओ अभियान के तहत धरना प्रदर्शन किया । बतादे भारतीय जनता पार्टी के सरकार में आम जनता के ऊपर पेट्रोलियम एवं खाद्य पदार्थों की बेतहाशा वृद्धि कर जनता की कमर तोड़ दिया । जिसके कारण दिन प्रतिदिन डीजल ,पेट्रोल ,गैस एवं खाद्य पदार्थों में वृद्धि कर आम जनता की कमर तोड़ दिया । जहाँ कोरोना से लोगो को रोजगार चले जाने से एक तरफ जो परेशानी झेलनी पड़ रही है वही खाद्य पदार्थों में वृद्धि होने से उनके घर भोजन की भी दिक्कत हो रही है । इसलिए आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारीओ ने तहसील स्तर पर थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन किया ।

रिपोर्ट — सचिन यादव,

गोरखपुर

#मनसुख मंडाविया होंगे नए स्वास्थ्य मंत्री, रासायनिक उर्वरक मंत्रालय भी संभालेंगे#

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट  में हुए फेरबदल में मनसुख मंडाविया को नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन () के इस्तीफे के बाद उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। बुधवार को मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले 12 मंत्रियों ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कोरोना काल में मोदी सरकार के मैनेजमैंट पर कई तरह के सवाल खड़े किए गए थे और स्वास्थ्य मंत्रालय निशाने पर था। राष्ट्रपति भवन में आज शाम 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हर्षवर्धन दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से सांसद हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी वह कैबिनेट मंत्री थे। इसके बाद 2019 में भाजपा के नेतृत्व में दूसरी बार एनडीए की सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

हर्षवर्धन के इस्तीफे पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया-डॉ. हर्षवर्धन के इस्तीफे पर कांग्रेस  ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी से निपटने में विफलता के लिए हर्षवर्धन को बलि का बकरा बनाया गया है। पार्टी ने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लेकर अपना पल्ला झाड़ लेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम  ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और स्वास्थ्य राज्य मंत्री (अश्विनी चौबे) का इस्तीफा इस बात की ठोस स्वीकारोक्ति है कि मोदी सरकार कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह विफल रही। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ये इस्तीफे मंत्रियों के लिए एक सबक हैं। अगर चीजें अच्छी होंगी तो श्रेय प्रधानमंत्री को जाएगा, लेकिन अगर चीजें खराब हो जाती हैं तो फिर मंत्री पर गाज गिरेगी। जी हुजूरी और चापलूसी की कीमत चुकानी पड़ती है।