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अब सरकारी और निजी अस्‍पतालों में हर कार्य दिवस पर होगा कोरोना वैक्‍सीनेशन, ऐसे कराएं रजिस्‍ट्रेशन

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों और फ्रंट लाइन वकर्स के बाद 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 से 59 साल के बीच के बीमार लोगों को टीका लगना शुरू हो चुका है। हालांकि तीसरे चरण के पहले दिन दो सरकारी और एक निजी नर्सिंग होम को बूथ बनाया गया। ऐसे में हर बूथ पर 100 यानी कुल 300 लाभार्थियों को ही इसका लाभ मिल पाया।

अब टीका लगवाने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करने वाले लोगों को राहत मिलने वाली है। क्‍योंकि तीन सरकारी और पंजीकृत निजी अस्‍पतालों में हर दिन और अन्‍य सरकारी अस्‍पतालों में सप्‍ताह में तीन दिन टीकाकरण होगा।

गोरखपुर के सीएमओ डॉ. सुधाकर पाण्‍डेय ने बताया कि पांच लाख लोगों को टीकाकरण का लक्ष्‍य है। 4 या 5 मार्च से बीआरडी मेडिकल कालेज, जिला चिकित्‍सालय और जिला महिला चिकित्‍सालय पर बने बूथ पर हर दिन वैक्‍सीनेशन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। तीसरे चरण में फिलहाल 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के साथ 45 से 59 साल के बीच के बीमार लोगों को टीकाकरण किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि हर कार्य दिवस पर टीकाकरण होगा। टीकाकरण कराने के लिए आरोग्‍य सेतु एप और कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा सकता है। अन्‍य सरकारी अस्‍पतालों में भी सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन कोविड-19 टीकाकरण किया जा सकेगा।

डॉ. सुधाकर पाण्‍डेय ने बताया कि आयुष्‍मान भारत योजना के तहत पंजीकृत नर्सिंगहोम जिनके पास कोल्‍डचेन को मेंटेन रखने की व्‍यव्स्‍था है। वहां भी टीकाकरण कराया जा सकता है। उन्‍होंने बताया कि निजी अस्पताल अपने टीकाकरण दिवस स्वयं निर्धारित कर सकेंगे। सप्ताह में न्यूनतम 4 दिन टीकाकरण करना होगा. वे अपनी व्यवस्थानुसार सातों दिन टीकाकरण कर सकते हैं। समस्त सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा मुफ़्त होगी। सभी निजी अस्पताल टीकाकरण के लिए अधिकतम 250 रुपए तक शुल्क ले सकेंगे।

निजी अस्‍पतालों में दूसरा डोज लेने पर भी शुल्‍क देना होगा। जिन स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स को निजी अस्पतालों या अन्य स्थानों में बूथ बना कर प्रथम डोज़ लगाई गई थी, उन्हें जिला अस्पताल या सीएचसी पर दूसरी डोज़ लगाई जाएगी। यदि वे निजी अस्पताल में दूसरी डोज लेते हैं, तो उन्हें निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। शहरी क्षेत्र में 60% बुकिंग पहले से की जा सकेगी। शेष 40% को बूथ पर ही पंजीकृत कर टीका लगाया जा सकेगा।

भारत में एक बार फिर बढ़ा कोरोना का खतरा,पिछले 24 घंटों में दर्ज हुए 8,635 नए मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में भारत में 8,635 नए कोरोना वायरस के मामले सामने आए, जिससे देश में कोरोना सकारात्मक मामले बढ़कर 1,07,66,245 हो गए है।

संक्रमण के कारण 94 से अधिक मौतों के साथ, देश में मृत्यु की कुल संख्या 1,54,486 हो गई है। मंगलवार की सुबह तक, कुल 1,63,353 सक्रिय मामले सामने आए, जबकि वायरस से संक्रमित 1,04,48,406 लोगों के ठिक होने के आंकड़े दर्ज किए गए है।

अधिकारियों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में 121 ताजा कोरोना मामले और 0.28 प्रतिशत की सकारात्मकता दर दर्ज की गई। तीन और लोगों के इस बीमारी के शिकार होने के साथ, मरने वालों की संख्या 10,856 हो गई। दिल्ली में अब तक दर्ज किए गए कोरोना मामलों की कुल संख्या 6,35,217 हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पश्चिम बंगाल में सोमवार को 179 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए, जबकि छह और लोगों की मौत हो गई। राज्य में अब तक 10,179 मौतें और 5,70,177 मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीच, मुंबई में कोरोना मामलों  की संख्या में बड़ी गिरावट देखी गई। 1 फरवरी को, मुंबई में 328 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए। दर्ज की गई मौतों की संख्या 8 थी। शहर में कुल सक्रिय कोरोना रोगियों की संख्या 5,656 है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि ओडिशा में एक सप्ताह के से कोरोना के एक भी मौत नहीं हुई है, यहां तक ​​कि 79 ताजा मामलों ने इस तनाव को 3,35,151 तक पहुंचा दिया। बता दें, राजस्थान में सोमवार को उपन्यास कोरोनो वायरस के कारण कोई भी ताजा मृत्यु दर्ज नहीं की गई थी, जबकि 96 नए मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार की सुबह भारत की कोरोना रिकवरी दर 97 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, देश की दैनिक नई मौतें जोड़कर 120 अंकों से नीचे गिर गई हैं, जिसमें 118 मौतें दर्ज की गई थीं।

वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहों पर लगी रोक, AIIMS के डॉ गुलेरिया ने दिए वैक्सीन से जुड़े सवालों के जवाब

नई दिल्ली। देश में वैस्सीनेशन का काम शुरु हो चुका है। दिल्ली के एस्म में डॉ. गुलेरिया ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन की डोज ली। वैक्सीन लेने के बाद डॉक्टर गुलेरिया ने वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों और अफवाहों पर विराम लगाते हुए सभी सवालों के जवाब दिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनका जवाब देने के लिए तीन वीडियो जारी किए।

डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि शुरुआत में सभी लोगों को कोविड वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा है कि सरकार ने रिस्क फैक्टर के हिसाब से टीकाकरण की प्राथमिकताएं तय की हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाएंगे।

ये भी पढ़ेंः देश में शुरु हुआ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम, AIIMS के डायरेक्टर गुलेरिया ने लगवाया कोरोना का टीक

एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उन सवालों को जवाए दिए हैं, जिसको लेकर लोगों के मन में भ्रम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उनका जवाब देने के लिए तीन वीडियो जारी किए।

जानें किसे दी जाएगी वैक्सीन की पहली खुराक? PM मोदी करेंगे टीकाकरण अभियान की शुरूआत

नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करेंगे साथ ही वैक्सीनेशन के लिए जरूरी CO-WIN ऐप को भी लॉन्च करेंगे। वहीं केंद्रीय सवास्थ मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी की टीकाकरण के पहले दिन प्रधानमंत्री सवास्थ्य कर्मियों से विडियो लिंक के माध्यम से बातचीत करेंगे।

बता दें कि करीब शुरूआत में तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन दी जाएगा। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के करीब 27 करोड़ व्यक्तियों और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक 50 वर्ष की आयु की पहचान के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची का इस्तेमाल किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वैक्सीन लगाने के लिए लोंगों को मतदान की तरह अपना कोई भी पहचान पत्र दिखाना होगा। इन पहचान पत्रों में आधारकार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट के साथ-साथ मनरेगा का जॉबकार्ड और बैंक या पोस्ट आफिस का फोटो लगा पासबुक तक शामिल हैं। इन पहचानपत्रों की सूची सभी स्थानीय भाषाओं में वैक्सीन केंद्रों पर लगाई जाएगी ताकि किसी को दिक्कत  हो।

भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल को पिछले रविवार को मंजूरी दी थी। टीकाकरण अभियान के लिए 2360 लोगों को राष्ट्रीय स्‍तर के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दिया गया है।