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अब तक कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की 34 करोड़ से अधिक डोज लोगों को दी जा चुकी

दिल्ली - प्राइवेट स्कूलों कि फीस में 15% कि हुई कटौती | Aaryaa News

 देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में अब तक कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की 34 करोड़ से अधिक डोज लोगों को दी जा चुकी है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 18-44 आयु वर्ग के 9,41,03,985 लोगों ने टीके की पहली जबकि 22,73,477 लोगों ने दूसरी खुराक ले ली है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक शुक्रवार सुबह सात बजे तक कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की 34,00,76,232 खुराक दी जा चुकी है। यही नहीं 42 लाख से अधिक (42,64,123) खुराक बीते 24 घंटे में ही दी गई है। टीकाकरण अभियान के 167वें दिन यानी पहली जुलाई को 32,80,998 लोगों ने वैक्‍सीन की पहली जबकि 9,83,125 लोगों ने टीके की दूसरी खुराक ली।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बतया कि‍ अगले तीन दिन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 44.9 लाख डोज दी जाएंगी। अभी तक केंद्र सरकार ने कोविड रोधी वैक्‍सीन की 33.63 करोड़ से अधिक खुराक मुफ्त या प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के जरिए प्रदान की है। मंत्रालय का कहना है कि‍ सरकार पूरे देश में कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने और इसका दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

टीकाकरण अभियान का नया चरण 21 जून से शुरू हुआ था। सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की उपलब्धता बढ़ाकर, बेहतर योजना बना एवं वैक्‍सीन आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित कर टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की कोशिश की गई है। सरकार ने कोविड-19 के मामले अधिक सामने आने के चलते केरल, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में केंद्रीय टीम भेजी हैं।

भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर अमेरिका से बहुत अच्छी खबर आई |

भारत बायोटेक-आइसीएमआर-एनआइवी ने किया है विकसित

बता दें कि हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) के साथ मिलकर कोवैक्सीन को विकसित किया है और कंपनी भारत के साथ ही दूसरे देशों में इसका वितरण भी कर रही है।

भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर अमेरिका से बहुत अच्छी खबर आई है। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान  एनआइएच ने कोवैक्सीन को कोरोना वायरस के सबसे खतरनाक वैरिएंट डेल्टा के खिलाफ बहुत अधिक प्रभावी बताया है। अमेरिकी संस्था के मुताबिक को-वैक्सीन अल्फा वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर है।

एनआइएच ने कहा है कि को-

वैक्सीन लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम को लेकर दो अध्ययन किए गए। दोनों ही अध्ययनों में यह देखने को मिला कि वैक्सीन मजबूत एंटीबाडी पैदा करती है जो अल्फा यानी बी.1.1.7 और डेल्टा यानी बी.1.617 दोनों वैरिएंट को प्रभावी तरीके से असरहीन करती है। अल्फा वैरिएंट इंग्लैंड में और डेल्टा वैरिएंट भारत में सबसे पहले सामने आया था। अमेरिका के इस शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थान का भारत के साथ विज्ञान के क्षेत्र में निकट संबंधों का लंबा इतिहास रहा है।

एनआइए ने कहा कि उसकी आर्थिक मदद से एक सहायक पदार्थ विकसित किया गया था, जिसने कोवैक्सीन को और प्रभावी बना दिया। भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों में कोवैक्सीन अब तक ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को लगाई जा चुकी है। सहायक पदार्थ वैक्सीन की प्रतिरक्षा क्षमता को मजबूत करने और उसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए विकसित किया जाता है। निष्कि्रय कोरोना वायरस से बनी है वैक्सीन कोवैक्सीन में सार्स-कोव-2 के निष्कि्रय वायरस का इस्तेमाल किया गया है।

यह निष्कि्रय वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद अपनी प्रतिकृति तो पैदा नहीं कर सकता, लेकिन उसके खिलाफ एंटीबाडी पैदा हो जाती है। एनआइएच ने कहा कि कोवैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण के नतीजे प्रकाशित हुए हैं, जिससे पता चलता है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और वायरस के खिलाफ बेहतर प्रतिरक्षा प्रदान करती है। संस्थान के मुताबिक कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण का सुरक्षा संबंधी डाटा इस साल के अंत तक उपलब्ध होगा। लक्षण वाले मरीजों में 78 फीसद प्रभावी संस्थान के मुताबिक तीसरे चरण के परीक्षण के अंतरिम रिपोर्ट में वैक्सीन लक्षण वाले मरीजों में 78 फीसद कारगर पाई गई है, जबकि, कोरोना के गंभीर लक्षणों के खिलाफ यह सौ फीसद प्रभावी है। वहीं, बिना लक्षण वाले संक्रमितों में यह 70 फीसद प्रभावी मिली है।

 

 

भारत बायोटेक ने घटाई कीमत, अब 400 रुपये में मिलेगी Covaxin

नई दिल्ली। भारत बायोटेक ने बृहस्पतिवार को ‘कोवैक्सीन’ की कीमत घटा दी है। वह अब यह वैक्सीन राज्यों को 600 रुपये की जगह 400 रुपये में देगी।

इससे पहले ‘भारत बायोटेक’ कंपनी ने शनिवार को बताया था कि वह अपने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को राज्य सरकारों को प्रति खुराक 600 रुपये और निजी अस्पतालों को प्रति खुराक 1,200 रुपये में उपलब्ध करायेगी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से कहा था कि वे अपने कोविड-19 टीकों की कीमत कम करें।

 

कोवैक्सीन को लेकर उठे सवाल, कंपनी के मालिक ने कह- 200 फीसदी सुरक्षित है हमारी वैक्सीन

नई दिल्ली। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन कुछ लोग इसे लेकर तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं। इसकी सुरक्षा, प्रभावशीलता और डेटा पर पारदर्शिता को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं।

बता दें कि भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एल्ला ने कहा है कि कोवैक्सीन 200 फीसदी सुरक्षित है। हमें वैक्सीन बनाने का अच्छा अनुभव है और हम विज्ञान को गंभीरता से लेते हैं। साइड इफेक्ट को लेकर कंपनी ने कहा कि अगर कोई इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड हैं या किसी को पहले से कोई बीमारी है और दवा चल रही है तो ऐसे लोग फिलहाल कोवैक्सीन न लें।

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की डिटेल फैक्टशीट में इसकी जानकारी दी है साथ ही भारत बायोटेक ने अपनी फैक्टशीट में ये भी सुझाव दिया कि अगर कोवैक्सीन की खुराक लेने के बाद किसी में कोविड-19 से संक्रमित होने के लक्षण दिखते हैं, तो आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा। इसके रिजल्ट को ही सबूत माना जाएगा। भारत बायोटेक ने कहा कि ये सुझाव रक्षात्मक तौर पर दिए गए हैं।

भारत बायोटेक का ऐलान, कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट होने पर मिलेगा मुआवजा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक को  कोवैक्सीन के 55 लाख डोज खरीदने का ऑर्डर दिया है। ऐसे में भारत बायोटेक का कहना है कि वैक्सीन लगाए जाने वाले व्यक्ति में अगर कोई साइड इफेक्ट दिखाई पड़ता है तो कंपनी उसे मुआवजा देगी। दरअसल, भारत में कोरोना के खात्मे के लिए शनिवार से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ है।

भारत बायोटेक ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन दिए जाने वाले शख्स को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। किसी भी अनहोनी की स्थिति में कंपनी की तरफ से उसे मुआवजा दिया जाएगा।  साथ ही कंपनी ने कहा कि मुआवजा तभी दिया जाएगा जब साइड इफेक्ट का कारण वैक्सीनेशन ही होगा।