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राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक के मामले पर CRPF ने दिया ये जवाब… जानें

Rahul Gandhi News:  बुधवार को कांग्रेस ने राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक के मामले पर गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी. इसे लेकर सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जवाब सौंपा है. सीआरपीएफ ने गृह मंत्रालय को बताया कि राहुल गांधी ने 2020 से अब तक 113 बार सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है.

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सीआरपीएफ के मुताबिक, कई बार भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी ऐसा हुआ है. सीआरपीएफ के मुताबिक, कई बार भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी ऐसा हुआ है. CRPF ने कांग्रेस के आरोपों पर गृह मंत्रालय को बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक ही राहुल गांधी की सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. सीआरपीएफ के मुताबिक, दौरों पर व्यक्ति की सुरक्षा का जिम्मा राज्य पुलिस के समन्वय से CRPF का होता है.

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गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों सहित संबंधित सभी हितधारकों को खतरे के आकलन के आधार पर सलाह जारी की गई है. CRPF के मुताबिक, प्रत्येक दौरे के लिए अग्रिम सुरक्षा संपर्क भी किया जाता है. राहुल गांधी की दिल्ली यात्रा से पहले 22 दिसंबर को सभी हितधारकों को शामिल कर ASL किया गया था.

 

बड़ी खबर : नक्सलियों ने अगवा किए गए CRPF जवान राकेश्वर सिंह को छोड़ा

नई दिल्ली। सीआरपीएफ के बंधक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने अपने चंगुल से आजाद कर दिया है,  वो तरेम्म थाने पहुंच चुके  हैं। उन्हें रायपुर लाने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा गया है। वहीं, अभी यह साफ नहीं है कि नक्सलियों ने किसी तरह की डील या दबाव बढ़ने के बाद राकेश्वर सिंह को छोड़ा है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ की बटालियन पर हुए नक्सली हमले में जहां 23 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, नक्सलियों ने एक कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को अपने कब्जे में ले लिया था।

राकेश्वर सिंह की सलामती के लिए पूरा देश दुआ मांग रहा था। इसको लेकर नक्सलियों ने पहले राकेश्वर सिंह की सलामती की बात कही थी। उनकी तरफ से कोबरा जवान की तस्वीर जारी की गई थी। जबकि राकेश्वर सिंह का परिवार सरकार से इस बात की मांग कर रहा था कि उनकी सही सलामत वापसी के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किया जाए।

Pulwama Terror Attack: CRPF ने पुलवामा के बलिदानियों को दी ऐसे श्रद्धाजंलि

नई दिल्ली। 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले में बलिदान हुए अपने जवानों को सीआरपीएफ ने श्रद्धांजलि दी। यह जवान उस समय बलिदान हो गए थे जब वे जम्मू से श्रीनगर में अपनी डयूटी पर जा रहे थे। इस हमले में बलिदान हुए जवान जम्मू के छन्नी हिम्मत कैंप से ही रवाना हुए थे।

जम्मू के छन्नी हिम्मत इलाके में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन में आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह में सीआरपीएफ के बलिदानी हेड कांस्टेबल नसीर अहमद की वीर नारी शाजिया कौसर को सीआरपीएफ के आइजीपी पीएस रनपिसे और उनकी पत्नी कविता रनपिसे ने सम्मानित भी किया। वीर नारी शाजिया कौसर समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित थीं। इस समारोह में प्रजापति ब्रह्मकुमारी की ओर से अध्यामिक सत्र का आयोजन भी किया गया जिसमें बल के जवानों ने भाग लिया। वहीं समारोह में सुनील शर्मा ने मेरा बलिदान रंग लाएगा गीत पेश किया जिसने जवानों में उत्साह भर दिया। समारोह में जवानों के परिजन भी शामिल हुए जबकि बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने वालों में सीआरपीएफ के डीआइजी प्रदीप चंद्रा, डीआइजी अशोक समेयाल, डीआइजीपी एके चतुर्वेदी व अन्य अधिकार भी शामिल थे।

इसी बीच जीवन नगर में स्थित शिक्षा निकेतन स्कूल में रखे गए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बच्चों ने भाग लिया। मोमबत्तियां जलाकर बलिदानियों को याद किया गया। दो मिनट का मौन भी रखा गया। वहीं बाद में प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें भगवान से सुख शांति के लिए दुआ मांगी गई। साथ ही बलिदानी सैनिकों के परिजनों की सुख समृद्धि के लिए भी प्रार्थना की गई। इस मौके पर संबोधित करते हुए अशोक ने कहा कि दो साल पहले आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में शांति को भंग करने के लिए सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था। देश को क्षति उठानी पड़ी। इसलिए इस दिन को हम काला दिवस के तौर पर मनाते हैं।

वहीं शिव सेना ने भी पुलवामा के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। जम्मू कश्मीर के प्रधान मनीश साहनी ने कहा कि पाकिस्तान अभी भी जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। मगर देश के सैनिक पाकिस्तान के मंसूबों को लगातार नाकाम बना रहे हैं। हमें सैनिकों पर गर्व है जोकि देश की सरहदों पर डटे हुए हैं व वहीं जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से भी लोहा ले रहे हैं।

नक्सलियों पर कहर बरपाएंगी कोबरा बटालियन की महिला कमांडो, पढ़िए क्या है पूरी खबर ?  

देश की सबसे बड़ी केंद्रीय पुलिस बल, सीआरपीएफ की महिला योद्धा एक और इतिहास रचने जा रही हैं। बल की महिला कमांडो की पहली बार कोबरा बटालियन में तैनाती की जा रही है। लेडी कोबरा कमांडो अब दुर्गम जंगलों में भी सीधे नक्सलियों से लोहा लेंगी।

जंगल वारफेयर में कई महीनों के कठोर प्रशिक्षण के बाद महिला कमांडो की पहली यूनिट को 6 फरवरी को कोबरा बटालियन में शामिल किया जाएगा। ये मौका एक तरह से महिला शक्ति को सलाम करने का होगा तो साथ ही इस बात का भी प्रतीक होगा कि मोदी सरकार महिलाओं को किस तरह से हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। वैसे 6 फरवरी सीआरपीएफ के लिए इसलिए भी ख़ास है क्यूंकि इसी दिन साल 1986  में बल के पहले महिला बटालियन का गठन हुआ था। महिला बटालियन की स्थापना दिवस के मौके पर 30 से भी ज्यादा महिला योद्धाओं को कोबरा बटालियन में शामिल किया जाएगा। इस मौके पर ऑल वुमन ब्रास बैंड का भी गठन किया जाएगा। ध्यान ये भी रहे कि पहले से ही सीआरपीएफ में ऑल वुमन पाइप बैंड है।

बता दें कि कोबरा बटालियन में महिला कमांडो की तैनाती एक ऐसे वक्त में हो रही है, जब नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अहम मोड़ पर पहुंच गई है। एक तरफ सुरक्षा एजेंसियां वामपंथी उग्रवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में हैं तो वहीं, दूसरी तरफ बड़ी संख्या में उनके कैडर आत्मसमर्पण कर रहे हैं। सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार की समग्र रणनीति के चलते ना सिर्फ तमाम हिंसाओं में शामिल बड़े नक्सली नेता मारे गए हैं बल्कि उनका संगठन भी लगातार कमजोर हुआ है। बीते 5-6 वर्षों में नक्सली हिंसा में कमी और नक्सल प्रभावित जिलों की सिमटती संख्या भी इस बात की तस्दीक करते हैं।

साल 2008 में भारत सरकार ने विद्रोहियों और आतंकियों के साथ निपटने के लिए गुरिल्ला और जंगल वॉरफेयर तरह के ऑपरेशन के लिए कठोर कार्रवाई करने के लिए कमांडो बटालियन कोबरा यानी कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्‍यूट एक्शन की स्‍थापना के लिए मंजूरी दी थी। फिलहाल 10 कोबरा बटालियन काम कर रही हैं।