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Corona Second Wave : देशभर में कुल कितने डॉक्टरों की हुई मौत, यहां देखें लिस्ट

नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अब तक जान गंवाने वाले डॉक्टरों की सूची जारी की है। आईएमए के बयान के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में 329 डॉक्टरों की मौत हुई हैं। आईएमए के अनुसार कोरोनी की दूसरी लहर में सबसे अधिक 80 डाक्टरों की मौत बिहार में हुई है, जबकि दिल्ली में 73 डाक्टरों की मौत जान गई है। वहीं, आइएमए कोविड-19 रजिस्ट्री के अनुसार, कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान 700 से अधिक डॉक्टरों की मौत हुई थी।

देश में दिल्ली दूसरे नम्बर पर

इस लहर में कोरोना की वजह से सबसे अधिक जान गंवाने वाले डॉक्टरों में सबसे ज्यादा बिहार के हैं। बिहार में सबसे अधिक 80 डॉक्टरों की जान गई हैं। इसके बाद दिल्ली दूसरे नम्बर पर है। दिल्ली के 73 डॉक्टर मरे हैं। तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश के 41 डॉक्टरों का निधन इस लहर में कोरोना संक्रमण की वजह से हुआ है। आईएमए की ओर से जारी बयान के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में 329 डॉक्टरों की मौत हुई है।

वहीं, पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में 700 से अधिक डॉक्टरों का निधन हुआ था। हालांकि संस्था ने यह जानकारी नहीं दी है कि इस साल जान गंवाने वाले डॉक्टरों में कितने टीके की दोनों खुराक ले चुके थे।

देखिए किस राज्य में कितने डॉक्टरों की हुई मौत –

बिहार में 80 डॉक्टरों की मौत

आंध्र प्रदेश में 22 डॉक्टरों की मौत

असम में 3 डॉक्टरों की मौत

दिल्ली में 73 डॉक्टरों की मौत

उत्तर प्रदेश में 41 डॉक्टरों की मौत

महाराष्ट्र में 14 डॉक्टरों की मौत

छत्तीसगढ़ में 3 डॉक्टरों की मौत

गुजरात में 2 डॉक्टरों की मौत

गोवा में 2 डॉक्टरों की मौत

हरियाणा में 2 डॉक्टरों की मौत

जम्मू-कश्मीर में 3 डॉक्टरों की मौत

कर्नाटक में 8 डॉक्टरों की मौत

केरल में 3 डॉक्टरों की मौत

मध्य प्रदेश में 6 डॉक्टरों की मौत

उड़ीसा में 14 डॉक्टरों की मौत

पुड्डुचेरी में 1 डॉक्टर की मौत

पंजाब में 1 डॉक्टर की मौत

तमिल नाडु में 11 डॉक्टरों की मौत

तेलंगाना में 20 डॉक्टरों की मौत

त्रिपुरा में 2 डॉक्टरों की मौत

उत्तराखंड में 2 डॉक्टरों की मौत

पश्चिम बंगाल में 15 डॉक्टरों की मौत

अज्ञात में 1 डॉक्टर की मौत

हेल्थ टीम और फ्रंटलाइन वर्कर्स से संवाद में भावुक हुए PMMODI, कहा- इस वायरस ने कई अपनों को छीना है

नई दिल्ली।  कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की।

इस मौके पर डॉक्टरों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। मैं काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का धन्यवाद देता हूं। विशेष रूप से हमारे डॉक्टर्स ने, नर्सेस ने, technicians, वॉर्ड बॉयज़, एम्ब्युलेन्स ड्राईवर्स, आप सभी ने जो काम किया है, वो वाकई सरहनीय है।

पीएम मोदी ने कहा कि बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीज़न और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आपमें एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है। हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी  है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है।

पीएम मोदी ने कहा कि जहां बीमार वहीं उपचार, इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट ज़ोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएं बांट रहे हैं। ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और ANM बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए। कोरोना की सेकंड वेव में हमने वैक्सीन की सुरक्षा को भी देखा है। वैक्सीन की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं।  यही सुरक्षाकवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है।

हमारी इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।

 

कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रचार को लेकर देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने लिखा पत्र, कहा- हमें लांक्षित न करें

नई दिल्ली। देश के कई जाने-माने डॉक्टर, वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोफेशनल ने एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे दुष्प्रचार के खिलाफ कहा है कि हमें लांक्षित न किया जाए। इस चिट्ठी में 49 डॉक्टर, साइंटिस्ट और मेडिकल प्रोफेशनल्स ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र के माध्यम से कहा गया है कि ऐसे बयानों से वैज्ञानिकों की साख पर असर पड़ता है। इसके अलावा चिट्ठी में लिखा गया है कि भारत वैक्सीन की आपूर्ति के मामले में ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरा है। भारत में बनी वैक्सीन 188 देशों में निर्यात की जाती हैं, फिर भी कुछ लोग वैक्सीन को लेकर मीडिया में बयान देकर वैज्ञानिकों को बदनाम कर रहे हैं और राजनीति से प्रेरित बयान दे रहे हैं।

वहीं, चिट्ठी में एम्स के पूर्व डायरेक्टर टीडी डोगरा समेत 49 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने हस्ताक्षर किए हैं। चिट्ठी में देश के लोगों से अपील की गई है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे राजनीतिकरण के चक्कर में न आएं और डॉक्टरों वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल समुदाय को कलंकित करने की कोशिशों में न पड़ें।