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पानी बना जहर : दूषित पानी पीने से लोगों की मौत… जानिए पूरी ख़बर

DESK:  दूषित पानी पीने की वजह से दो लोगों ने भिलाई में दम तोड़ किया. छतीसगढ़ के भिलाई में दूषित पानी पीने के कारण डायरिया से ग्रस्त दो लोगों की मौत हुई. वहीं अभी भी करीब 70 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी दो लोगों की मौत की पुष्टि की है. वहीं शेष लोगों के उपचार चलने के बारे में कहा गया है.

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उन्होंने बताया, ‘‘बीमारों को बैकुठ धाम के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सदर अस्पताल, बीएम शाह अस्पताल और भिलाई के एसएस अस्पताल और पावर हाउस इलाके के अम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना का कारण दूषित पानी को माना जा रहा है जिसके सेवन से पहले एक साथ कई लोग बीमार हुए. फिर उपचार के क्रम में दो लोगों ने दम तोड़ दिया. इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की बात की गई है.

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5 दिन पहले फैला था संक्रमण
2 लोगों की मौत से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। बताया गया कि दो दिन पहले महिला को सीएचसी में भर्ती कराया गया था। महिला को मेरठ के लिए रेफर किया गया था।अभी भी कई की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं बीमार पड़ने वालों की संख्या 200 से ज्यादा पहुंच चुकी हैं

देश के शहरों में हर घर को नल और सीवर के साथ जोड़ने का होगा काम

जल जीवन मिशन (शहरी) के तहत दस शहरों के पायलट प्रोजेक्ट के बाद देश के सभी 4378 शहरी निकायों में इसे शुरू किया जाएगा और पांच साल के भीतर शहरी क्षेत्रों में नल से जल कनेक्शनों के 2.68 करोड़ घरों के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ सीवर कनेक्शन पर भी काम किया जाएगा और उसमें 2.64 करोड़ कनेक्शनों के अनुमानित लक्ष्य को भी इसी समयावधि में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए अनुमानित खर्च दो लाख 87 हजार करोड़ रुपए है। इसमें तीन बिंदुओं पानी की गुणवत्ता, जल स्त्रोत का संरक्षण और जल वितरण में हानि को कम करने पर जोर दिया जाएगा।

जल जीवन मिशन (शहरी) के तहत इस काम के साथ पानी के स्त्रोतों पर भी काम किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों और उनके आसपास पानी के पुराने स्त्रोतों को तलाशने, उनके पुनुरुद्धार करने और नए स्त्रोत तैयार करने का भी काम किया जाएगा। इस काम में आधुनिक तकनीक की भी मदद ली जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक लगभर 50 फीसद पानी का कोई हिसाब किताब नहीं है यानी यह पानी या तो लीकेज में बर्बाद हो रहा है या फिर इसका कोई भुगतान नहीं हो रहा है। इस नुकसान को भी 20 फीसद तक लाने की योजना है।

केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा है कि इसमें इस बात पर ज्यादा काम किया जाएगा कि जो पानी नल से आएगा वह गुणवत्ता वाला हो और उसे सीधे पिया जा सके। उसे आरओ या अन्य उपकरणों से फिल्टर करने की जरूरत न पड़े। इसके लिए उसका संयंत्रों में ही पूरी तरह से शोधन किया जाएगा और पाइपलाइन को भी ठीक रखा जाएगा। साथ ही जो पानी उपयोग के बाग वेस्ट के रूप में होगा उसका भी शोधन कर उसे बागबानी या औद्योगिक उपयोग में लेने का काम भी किया जाएगा।