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पांच राज्यों मेंकभी भी हो सकता है,विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कभी भी हो सकता है। चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। चुनाव आयोग की आज अहम बैठक भी होने जा रही है। कहा जा रहा है कि इस बैठक के बाद कभी भी विधानसभा चुनाव का बिगुल बज सकता है। बता दें कि कुछ ही दिनों बाद यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इन राज्यों का दौरा भी किया था। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की है। आयोग ने कोरोना और ओमिक्रोन संक्रमण पर भी स्वास्थ्य मंत्रालय से रिपोर्ट ली है।

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मुख्य चुनाव आयुक्त की अध्यक्षता में होगी बैठक-मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की अध्यक्षता में आज अहम बैठक होगी। बैठक में चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे और राजीव कुमार के अलावा सभी डिप्टी चुनाव आयुक्त मौजूद रहेंगे। चुनावी राज्यों में टीकाकरण पर जोर-इससे पहले कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ गुरुवार को समीक्षा बैठक की। बैठक में चुनावी राज्यों में टीकाकरण पर जोर देने को कहा गया। बैठक में स्वास्थ्य सचिव के अलावा, कोविड की स्थिति का आकलन करने के लिए एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और आईसीएमआर के बलराम भार्गव ने भी भाग लिया। सुरक्षा मामलों पर भी बैठक-इसके अलावा सुरक्षा मामलों पर गुरुवार को एक अलग बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला शामिल हुए। इस दौरान चुनावी राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विचार-विमर्श हुआ।

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव: अन्नाद्रमुक और पीएमके के बीच सीटों के बंटवारे पर बनी सहमति

तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को अन्नाद्रमुक और पीएमके के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई। इसके तहत एस रामदास की पार्टी पीएमके 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

अन्नाद्रमुक समन्वयक और उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उनकी पार्टी और पीएमके ने गठबंधन कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी और पीएमके के राज्यसभा सदस्य अंबुमणि रामदास की उपस्थिति में पन्नीरसेल्वम ने कहा, “अन्नाद्रमुक और पीएमके के बीच हुए समझौते के अनुसार, पीएमके को 23 सीटें दी गई हैं।”

तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा के लिए छह अप्रैल को मतदान होगा। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तमिलनाडु समेत केरल, असम, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में चुनावों के तारीखों की घोषणा कर दी है। तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर एक चरण में ही 6 अप्रैल को वोटिंग होगी।

चुनाव के तारीखों की घोषणा होने के बाद तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को विधानसभा में बताया कि 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कुल 102.93 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

इसके साथ ही चुनावी राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की तरह बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी मतदान के लिए एक घंटा अधिक मिलेगा।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव में कोरोना के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भी करा सकते हैं, तो घर-घर चुनाव प्रचार अभियान के लिए उम्मीदवार समेत 5 लोगों को ही अनुमति होगी। हालांकि दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनावी राज्यों में रोडशो भी किए जा सकते हैं।

केरल में सभी सीटों पर 6 अप्रैल को होंगे मतदान, 2 मई को होगी मतगणना

चुनाव आयोग ने केरल में मतदान की घोषणा कर दी है। राज्य की सभी 140 विधानसभा सभी सीटों पर एक फेज में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी और मतगणना 2 मई को होगी। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की तरह बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी मतदान का समय एक घंटे के लिए बढ़ाया गया है।

 

निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव में कोरोना दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन करा सकते हैं तो घर-घर चुनाव चुनाव प्रचार अभियान के लिए उम्मीदवार समेत 5 लोगों को अनुमति होगी। हालांकि, दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रोडशो भी किए जा सकते हैं। 

 

चुनाव आयुक्त ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए सीएपीएफ की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। संवेदनशील, अति संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है और अग्रिम तैनाती पहले ही की जा चुकी है। 5 विधानसभाओं के लिए चुनाव के पहले सभी चुनाव कर्मियों का कोविड-19 का टीकाकरण होगा।

केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्षी यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच मुख्य मुकाबला है। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। हाल ही में केरल से आने वाले मेट्रोमैन ई श्रीधरन को बीजेपी ने पार्टी में शामिल किया है। वह राज्य में पार्टी का चेहरा हो सकते हैं। खुद श्रीधरन ने कहा है कि यदि पार्टी को बहुमत मिलता है तो वह मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे।

2016 के विधानसभा चुनाव में 140 सीटों वाली विधानसभा में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी तो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) ने 58 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस को 22 और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। केरला कांग्रेस को 6 और जनता दल (सेक्युलर) को 3 सीटें मिली थीं। बीजेपी केवल एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी।

 

 

किसान आंदोलन ने उत्तर प्रदेश में बढ़ाई भाजपा की टेंशन, जानें कैसे हो सकता है बड़ा नुकसान?

उत्तर प्रदेश। किसान आन्दोलन का कोई हल न निकलता देख व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही खाप पंचायतों से भाजपा की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। राज्य में अप्रैल माह में पंचायत चुनाव है। साथ ही एक साल बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं।

ऐसे में उत्तर प्रदेश का माहौल उसके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। खासकर जाट समुदाय की नाराजगी, जो पिछले सालों में अधिकांशत: भाजपा के साथ खड़ा होता रहा है।

दोनों ही पक्ष सरकार व किसान संगठन अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। भाजपा की दिक्कतें उस समय ज्यादा बढ़ीं, जब उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजीपुर बार्डर खाली कराने का ऐलान किया और भारी पुलिस बल खड़ा कर दिया।

बार्डर तो खाली नहीं हुआ लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका विरोध जरूर शुरू हो गया। खाप पंचायतों की एकजुटता भी बढ़ी और रालोद नेता चौधरी अजित सिंह भी सक्रिय हो गए। जाट समुदाय की नाराजगी बढ़ती देख भाजपा भी अब सक्रिय हो गई है।

महाराष्ट्र में अब बैलट पेपर से भी होंगे चुनाव, कानून बनाने को उद्धव सरकार को मिला निर्देश

महाराष्ट्र। मतदाताओं को ईवीएम के अलावा बैलेट पेपर से भी वोट देने का विकल्प मिल सकता है और इसके लिए कानून बनाने की कवायद भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर नाना पटोले ने मंगलवार को इस संबंध में कानून बनाने का निर्देश दिया है।

नाना पटोले ने कहा कि उन्होंने राज्य की विधायिका को मतदाताओं को स्थानीय निकाय चुनावों और राज्य विधानसभा चुनावों में ईवीएम के अलावा बैलट पेपर के इस्तेमाल का विकल्प देने के लिए एक कानून बनाने को कहा है।

स्पीकर नाना पटोले के फेसबुक पेज पर जारी एक बयान के अनुसार, नागपुर के रहने वाले प्रदीप उके नामक शख्स ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इस संबंध में एक आवेदन दिया था और उसी के अनुसार विधान भवन में उसी पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी।

इस मसले पर हुई बैठक में राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बलदेव सिंह और अन्य लोग भी बैठक के लिए मौजूद थे।

यूपी पंचायत चुनाव की तैयारिया शुरू,23 अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश। यूपी में हाेने वाले पंचायत चुनाव में गाजीपुर जिला प्रशासन तैयारियां पूरा करने में लगा है। मतदाता सूची के प्रकाशन हो जाने बाद 23 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उधर,आरक्षण पर सबकी निगाहें टिकी हैं। त्रिस्तरीय चुनाव में किस्मत आजमाने वाले दावेदार भी आरक्षण की जानकारी लेने के लिए निर्वाचन विभाग सहित जिला पंचायत राज विभाग में पता लगाने के आने लगे है। आरक्षण लागू होते ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो जाएंगी।

जनपद की 1237 ग्राम पंचायतों में चार पदों पर होंगे। इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने 23 अधिकारियों को चुनाव से पहले छोटी-बड़ी सभी प्रकार की चुनावी तैयारियां पूरी करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है।

प्रभारी अधिकारी के रूप में नामित किए गए इन अफसरों को चुनाव से संबंधित कार्यों को अपनी देखरेख में कराने की जिम्मेदारी दी गई है। उधर, आरक्षण पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। भावी प्रत्याशियों से लेकर मतदाताओं तक को इसका इंतजार है। गांवों में प्रत्याशियों की ओर से चुनावी तैयारी शुरू हो गई है। आरक्षण की सूची आते हीं चुनवी सरगर्मी तेज हो जाएगी।