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रेल रोको आंदोलन : दिल्ली मेट्रो के 4 स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद

दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार 18 फरवरी को किसान संगठनों द्वारा किए गए चार घंटे के ‘रेल रोको’ आह्वान के मद्देनजर आज दिल्ली मेट्रो के चार स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं और सभी स्टेशनों पर सुरक्षा पहले से अधिक बढ़ा दी गई है।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ”टिकरी बॉर्डर, पंडित श्री राम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशनों पर प्रवेश / निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं।”

 

किसानों का रेल रोको आंदोलन आज, रेलवे पूरी तरह अलर्ट पर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आज दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक देश भर में रेल को रोककर अपना विरोध दर्ज कराने वाले हैं। हालांकि रेल रोको आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में आपसी मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं।

यूपी गेट पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर रेल रोकी जाएगी यानी प्रोटेस्ट स्थान से किसान नहीं जाएगा रेल रोकने, जबकि किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने ऐलान किया है कि पंजाब में 32 जत्थेबंदियां, 32 जगहों पर रेल रोकेंगी। किसानों के इस आह्वान को देखते हुए रेलवे ने भी अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है।

देशव्यापी रेल रोको आंदोलन के दौरान हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठें नजर आ सकते हैं। रेलवे ने इस आंदोलने को देखते हुए कई ट्रेनों को रद कर दिया है, वहीं कुछ के रूट में परिवर्तन किया है। इसके अलावा जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। रेलवे ने RPSF की 20 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है। यह उन राज्यों में तैनात रहेंगी, जहां रेल रोका आंदोलन का ज्यादा असर होने की संभावना है। इनमें यूपी, बंगाल, हरियाणा और पंजाब हैं।

लाल किला कांड का एक और आरोपी गिरफ्तार, 50 हजार का था ईनाम

दिल्ली। 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला हुई हिंसा और तोड़फोड़ मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। स्पेशल सेल ने बीती रात पंजाब के होशियारपुर से इकबाल सिंह गिरफ्तार  किया है। दिल्ली पुलिस ने इकबाल की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का ईनाम रखा था।

इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को इस मामले के मुख्य आरोपी पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया था। स्पेशल सेल ने उसे अदालत में पेश जिसके बाद कोर्ट ने पूछताछ के लिए दीप सिद्धू को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत,पहले फांसी और अब हार्ट अटैक

दिल्ली। दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर रविवार सुबह एक और किसान की मौत हो गई। मृतक किसान सुखमिंदर सिंह  पंजाब के मोगा जिले के हैं और कल ही किसान आन्दोलन में शामिल होने टिकरी बॉर्डर आए थे। सुखमिंदर को आज सुबह दिल का दौरा पड़ा और वो खत्म हो गए। इससे पहले एक और किसान कर्मबीर ने बीती देर रात फांसी लगाकर जान दे दी।

मरने से पहले कर्मबीर ने सुसाइड लिखा- भारतीय किसान युनियन जिन्दाबाद। प्यारे किसान भाइयों ये मोदी सरकार तारीख पर तारीख देता जा रहा है इसका कोई अंदाजा नहीं कि ये काले कानून कब रद्द होंगे। जब तक ये काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे।

आपको बता दें कि कर्मबीर हरियाणा के जींद जिला के सिंघवाल गांव का रहने वाला थे। बीती रात ही वह अपने गांव से टिकरी बॉर्डर पहुंचे थे। कर्मबीर की तीन बेटियां हैं और एक बेटी की शादी हो चुकी है। बहरहाल, किसान का शव फंदे से निकाल कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही टिकरी बॉर्डर पर किसान जय भगवान ने जहर खा लिया था। किसान को गंभीर हालत में संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जय भगवान ने जहर खाने से पहले देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा था।

किसानों के चक्का जाम का नहीं दिखा कोई असर, नहीं मिला जन समर्थन

नई दिल्‍ली। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक के राष्ट्रव्यापी चक्का-जाम की अपील का आंशिक असर रहा। पंजाब व हरियाणा में इसकी वजह से लोगों को परेशानी पेश आई।

राजस्थान में कांग्रेस के विधायकों और नेताओं ने खुद सड़क पर उतर कर चक्का जाम कराया। देश के अन्य हिस्सों में इसे जन समर्थन नहीं मिला। राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को चक्का जाम से बाहर रखा गया था, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में एहतियातन कड़े इंतजाम किए गए थे।

इस बीच भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सरकार के बातचीत करने को तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार समझ जाए, हम बातचीत को तैयार हैं। मगर, बातचीत किसी दबाव में नहीं होगी। तीनों कृषि कानून वापस हों और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाया जाए, तभी घर वापसी होगी। अन्यथा दो अक्टूबर तक विरोध जारी रहेगा।

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुए उपद्रव और हिंसा से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस बेहद सतर्क थी। लाल किले पर अभेद्य पर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कड़े इंतजाम के कारण राजधानी में यातायात पर असर पड़ा और लोगों को बेहद परेशानी हुई। मेट्रो सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि दोपहर 3:54 बजे सभी स्टेशन खोल दिए गए और मेट्रो का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो गया।

भिवानी में कल पहुंचेंगे टिकैत-चढ़ूनी,इस बार न टूटे मंच इसलिए बनाया जा रहा पक्का

हरियाणा। जींद में महापंचायत के दौरान हुई मंच टूटने की घटना के बाद किसान संगठनों ने सबक लिया है। रविवार काे सुबह 11 बजे होने वोली कितलाना टोल पर किसान महापंचायत में इस बार पक्का मंच बनाया जा रहा है। मंच बनाने का काम तेजी से चल रहा है। ईंट और मिट्टी के मंच पर अनेक लोग बैठ सकेंगे।

इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, यूनियन प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी सहित अनेक बढ़े किसान नेता पहुंचेंगे। इसमें आसपास के अनेक गांव के किसान भाग लेंगे। महापंचायत को लेकर धरना स्थल के पास के ग्राउंड को साफ किया गया है।

किसानों का आंदोलन तेजी से आगे बढ़ रहा है। शनिवार को किसानों ने टोल पर जाम लगाया है तो रविवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया है। टोल पर होने वाली इस महापंचायत में टिकैत और चढूनी के पहुंचने आंदोलन के और इस क्षेत्र में और तेज होने की उम्मीद है। पहले ही जिले के किसान नेता तेजी से आंदोलन भाग लेते हुए दस से ज्यादा जगह पर धरना दिए हुए हैं।

किसानों को लगातार प्रशासन भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह नहीं मान रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ रविवार को होने वाली किसान महापंचायत के बाद आंदोलन के तेज होने की उम्मीद है।

दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 12 बजे तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवा

नई दिल्ली। हरियाणा, पंजाब समेत देश के कई राज्यों में किसान संगठनों द्वारा तीन घंटे का चक्का जाम किया गया। इसी बीच, गृह मंत्रालय ने दिल्ली के सिंघु, गांजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं को एक बार फिर निलंबित करने का आदेश दे दिया है। यह इंटरनेट रात 12 बजे तक बंद रहेगा।

इन इलाकों में किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को किसान संगठनों द्वारा किए गए चक्का जाम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बुलाया गया था और अब इसका समय खत्म हो चुका है। हालांकि, किसानों द्वारा किए गए चक्का जाम का असर कुछ खास नहीं रहा।

दिल्ली एनसीआर में चक्का जाम को लेकर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से अलर्ट रही। दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने बताया कि जहां से भी हमारे पास इनपुट आया कि कुछ समूह या लोग चक्का जाम के दौरान कुछ छिटपुट घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, तो उसके लिए पहले से ही उन जगहों पर खास इंतजाम किए गए थे। कुछ लोग शहीदी पार्क पहुंचे हुए थे। वहां मौजूद उन लोगों को सड़क हटा दिया गया और ट्रैफिक को फिर से सुचारू रूप से चालू कर दिया गया।

बता दें कि चक्का जाम के दौरान दिल्ली के 12 मेट्रो स्टेशनों को किया गया था और कुछ मेट्रो स्टेशनों को ऐहतियातन बंद कर दिया गया था। निगरानी के लिए ड्रोन भी उड़ाए गए थे।

वहीं, आज गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानो को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वे कृषि कानूनों के निरस्त होने तक घर वापस नहीं लौटेंगे और सरकार को उनकी मांगे माननी ही पड़ेंगी।

सीतापुर में चक्काजाम के लिए जा रहे किसान नेता रोके गए, कई नजरबंद

उत्तर प्रदेश। सीतापुर जिले में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस की सतर्कता बढ़ी है। पुलिस सख्ती के बीच कई नेता रोके गए, कुछ नजरबंद भी हुए हैं। हाइवे पर पुलिस पीएसी द्वारा वाहनों की चेकिंग जारी है।

किसान सयुक्त मोर्चा आह्वान की ओर किए गए प्रदर्शन और चक्का जाम की घोषणा के बाद जिला पुलिस शुक्रवार से ही अलर्ट थी। रात में हरगांव, महमूदाबाद, रामपुर मथुरा, महोली, मिश्रिख और संदना आदि इलाकों में पुलिस ने कई नेताओं को नजरबंद किया।

कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें घर से निकलते ही रोक लिया गया। रोके जाने वालों में किसान नेता वेद प्रकाश पाण्डे सहित अन्य शामिल हैं सुबह से ही हाइवे पर अधिक सख्ती है। अटरिया, महोली और हरगांव बार्डर पर आने जाने वाले वाहनों को रोककर पूछताछ की जा रही है। चक्का जाम की संभावनाओं को लेकर पीएसी भी तैनात है।

किसान आंदोलन ने उत्तर प्रदेश में बढ़ाई भाजपा की टेंशन, जानें कैसे हो सकता है बड़ा नुकसान?

उत्तर प्रदेश। किसान आन्दोलन का कोई हल न निकलता देख व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही खाप पंचायतों से भाजपा की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। राज्य में अप्रैल माह में पंचायत चुनाव है। साथ ही एक साल बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं।

ऐसे में उत्तर प्रदेश का माहौल उसके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। खासकर जाट समुदाय की नाराजगी, जो पिछले सालों में अधिकांशत: भाजपा के साथ खड़ा होता रहा है।

दोनों ही पक्ष सरकार व किसान संगठन अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। भाजपा की दिक्कतें उस समय ज्यादा बढ़ीं, जब उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजीपुर बार्डर खाली कराने का ऐलान किया और भारी पुलिस बल खड़ा कर दिया।

बार्डर तो खाली नहीं हुआ लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका विरोध जरूर शुरू हो गया। खाप पंचायतों की एकजुटता भी बढ़ी और रालोद नेता चौधरी अजित सिंह भी सक्रिय हो गए। जाट समुदाय की नाराजगी बढ़ती देख भाजपा भी अब सक्रिय हो गई है।

महापंचायत में आज आगे की रणनीति पर मंथन, राकेश टिकैत भरेंगे हुंकार

दिल्ली। कृषि कानूनों पर अब सड़क से लेकर संसद तक हंगामा दिख रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ में पिछले दो महीनों से प्रद्रशनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं।

सड़कों पर एक ओर जहां अन्नदाता कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं, वहीं संसद में विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, जिसकी वजह से मंगलवार को भी कई बार संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

आज यानी बुधवार का दिन किसान आन्दोलन के लिए निर्णायक दिन साबित होने वाला है, क्योंकि आज हरियाणा के जिंद में किसानों की महापंचायत है, जहां आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

भारतीय किसान यूनियन  के नेता राकेश टिकैत केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के जींद जिले में किसानों की महापंचायत में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन को और धार देने के लिए महापंचायत के मंच से राकेश टिकैत हुंकार भरेंगे और आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे।

सर्वजातीय कंडेला खाप के प्रमुख टेकराम कंडेला ने बताया कि कार्यक्रम के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इसमें शामिल होंगे। कंडेला ने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा होगा।