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इन राज्यों में दिख रहा है भारत बंद का असर, जानें अपने राज्य का हाल?

नई दिल्ली। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स यानी CAIT ने जीएसटी की खामियों और ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का अभी तक मिलाजुला असर देखने को मिला है। कई व्यापारी संगठनों ने इससे दूरी बना ली है। कैट का दावा है कि दिल्ली सहित देश भर के 40, हजार से अधिक व्यापारिक संगठनों के 8 करोड़ से अधिक व्यापारी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। वहीं नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान भी बंद का समर्थन कर रहे हैं। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) इसको समर्थन कर रहा है। यह संगठन लगभग एक करोड़ ट्रांसपोर्टर्स का प्रतिनिधित्व करता है।

उत्तर प्रदेश का हाल

पूरे देश में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला है। यूपी में बंद का असर देखने को नहीं मिला है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार ट्रांसपोर्टर्स संगठन के समर्थन के एलान के बावजूद यहां ट्रक व अन्य वाहन चल रहे हैं, जबकि सुबह छह बजे से ही चक्का जाम है। लखनऊ, मेरठ और आगरा सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों में दुकानें खुली हुई हैं।

पश्चिम बंगाल में असर (बीरभूम)

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि और नए ई-वे बिल और जीएसटी के विरोध में आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

ओडिशा का हाल (भुवनेश्वर)

ईंधन की कीमतों में वृद्धि और नए ई-वे बिल और जीएसटी के विरोध में  कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स  (CAIT) ने आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) कोर कमेटी के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा कि आज का बंद व्यापारियों ने बुलाया है, कुछ संस्थाओं ने इसका समर्थन किया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करती है, ये बंद सिर्फ कागजों में है जमीनी स्तर पर नहीं।

किसान भी कर रहे समर्थन

किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों से बंद में शांतिपूर्ण तरीके शामिल होने अपील की है। उसने एक बयान में कहा है कि वह देश के सभी किसानों से भारत बंद का शांतिपूर्ण ढंग से समर्थन करने और बंद को सफल बनाने की अपील करते हैं।

आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी संशोधनों के खिलाफ देशभर के सभी राज्यों के लगभग 1500 बड़े और छोटे संगठन विरोध प्रदर्शन करेंगे। देश के लोगों को भारत व्यापी बंद के कारण कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कैट ने दवा दुकानों, दूध और सब्जियों की दुकानों जैसे आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा है।

कौन नहीं कर रहा समर्थन?

हालांकि, समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार कई व्यापारियों के संगठन जैसे अखिल भारतीय व्यापार मंडल और भारतीय उद्योग संघ मंडल ने बंद को समर्थन नहीं दिया है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (FAIVM) ने  कहा कि उसने बंद को समर्थन नहीं दिया है। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव वीके बंसल ने कहा कि कुछ मांगों के समर्थन में दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कि पिछले 43 महीनों में जीएसटी अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है। वहीं भारतीय उद्योग व्यापार मंडल दिल्ली के महासचिव राकेश यादव ने कहा कि संगठन ने बंद को समर्थन नहीं दिया है और सरकार को जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर एक ज्ञापन सौंपा है।

भिवानी में कल पहुंचेंगे टिकैत-चढ़ूनी,इस बार न टूटे मंच इसलिए बनाया जा रहा पक्का

हरियाणा। जींद में महापंचायत के दौरान हुई मंच टूटने की घटना के बाद किसान संगठनों ने सबक लिया है। रविवार काे सुबह 11 बजे होने वोली कितलाना टोल पर किसान महापंचायत में इस बार पक्का मंच बनाया जा रहा है। मंच बनाने का काम तेजी से चल रहा है। ईंट और मिट्टी के मंच पर अनेक लोग बैठ सकेंगे।

इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, यूनियन प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी सहित अनेक बढ़े किसान नेता पहुंचेंगे। इसमें आसपास के अनेक गांव के किसान भाग लेंगे। महापंचायत को लेकर धरना स्थल के पास के ग्राउंड को साफ किया गया है।

किसानों का आंदोलन तेजी से आगे बढ़ रहा है। शनिवार को किसानों ने टोल पर जाम लगाया है तो रविवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया है। टोल पर होने वाली इस महापंचायत में टिकैत और चढूनी के पहुंचने आंदोलन के और इस क्षेत्र में और तेज होने की उम्मीद है। पहले ही जिले के किसान नेता तेजी से आंदोलन भाग लेते हुए दस से ज्यादा जगह पर धरना दिए हुए हैं।

किसानों को लगातार प्रशासन भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह नहीं मान रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ रविवार को होने वाली किसान महापंचायत के बाद आंदोलन के तेज होने की उम्मीद है।