https://youtu.be/joT1FVlwiaQ
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राहुल का एक और विवादित बयान, कहा- ‘अगर कृषि कानून समझ गए किसान तो देश में लग जायेगी आग’
नई दिल्ली। किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं, हलांकि कुछ दलों ने किसान आंदोलन से अपना समर्थन वापस कर आंदोलन से अलग हो गए हैं।
वहीं अब अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए एक और विवादित बयान दे डाला है। राहुल ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसानों को कृषि कानून पूरा समझ आ जायेगा तो पूरे देश में आग लग जायेगी। बता दें कि राहुल गांधी ने ये बात वायनाड में एक जनसभा का संबोधित करने के दौरान कही।
https://youtu.be/NzcX6NH05sY
‘मैनें अगर मुंह खोला तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा’; फेसबुक लाइव आकर दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को दी चेतावनी
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर किसानों द्वारा मचाए गए उत्पात के बाद अब दीप सिद्धू को इस पूरे प्ररकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव आकर अपनी बात रखी और किसान नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैनें अंदर की बातें खोलनी सुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की जगह नहीं मिलेगी।
दरअसल, पंजाबी अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने गुरुवार रात डेढ़ बजे फेसबुक लाइव किया और अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है। सिद्धू ने किसान नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अंदर की बातें खोलनी शुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की राह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बात को सिर्फ डायलॉग न समझें और उनके पास हर बात की दलील है।
फेसबुक पर लाइव वीडियो में दीप सिद्धू ने कहा कि मैं गद्दार नहीं हूँ और मैंने लोगों को लाल किले तक नहीं पहुँचाया। पंजाबी कलाकार ने कहा कि यह जनता का निर्णय था जो पंजाब से विरोध करने के लिए सभी तरह से आया था। कोई भी उनका नेतृत्व नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के नेता जिन्होंने उन्हें देशद्रोही कहा, उन्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि वे सरकार की बोली बोल रहे हैं।
गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने कहा कि उनके बारे में कई तरह की बातें कही जा रही हैं, ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जानी चाहिए। दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर झंडा लगाने के विषय में दीप सिद्धू ने कहा कि युवाओं को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था। बाद में किसान नेताओं ने दिल्ली में तय रूट पर परेड की बात कह दी, जिस पर युवाओं ने रोष जाहिर किया तो किसान नेता वहाँ से किनारा करने लगे।
अपने लाइव वीडियो में सिद्धू ने भाजपा और आरएसएस से अपने रिश्तों को गलत बताते हुए कॉन्ग्रेस से भी रिश्तों को नकार दिया। किसान नेताओं को घमंडी बताते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने इस मामले में स्टैंड नहीं लिया। उन्होंने अपने वीडियो में बार-बार लाल किले पर झंडा लगाने की बात का बचाव किया। साथ ही, बाइक पर भागने के वायरल वीडियो पर दीप सिद्धू ने कहा कि जिसकी पुष्टि नहीं है, उसे सच माना जा रहा है।
लाल किले में हुई हिंसा और उपद्रव में नाम उछलने के बाद पंजाबी कलाकार और कार्यकर्ता दीप सिद्धू गायब हो गए हैं। दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड की घटना के 2 दिन पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना दिल्ली पहुँचे थे और बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर पर रेड लाइट पर बैठे किसानों के बीच लक्खा ने भड़काऊ भाषण भी दिया था।
ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर गृह मंत्री अमित शाह ने की मुलाकत, जाना हालचाल
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम शाह अस्पताल पहुंचकर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। गृह मंत्री ने यहां घायल पुलिसकर्मियों से हालचाल जानकर उनका हौसला बढ़ाया।
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बता दें कि किसान नवंबर से ही केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी। आधिकारिक आंकडों मुताबिक हिंसा और तोड़फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों से मुलाकात की। pic.twitter.com/Bt4nvafMVn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021
मामले को लेकर दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस.एन श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी।