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चीन की चालबाजी को जानता है भारत, संबंध ठीक करने को ड्रैगन को करना है अभी बहुत कुछ

भारत और चीन के बीच भले ही लद्दाख में पैंगोंग इलाकों से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, मगर चालाक चीन कब चालबाजी दिखा दे, इसके लिए भारत को हमेशा सतर्क रहना होगा। भारत-चीन मामलों से जुड़े लोगों ने कहा कि पैंगोंग इलाकों से दोनों सेनाओं का पीछे हटना महज एक प्रक्रिया की शुरुआत है, चीन को द्वीपक्षीय संबंधों को पूरी तरह से सामान्य स्थिति में बहाल करने के लिए अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि सीमा पर तनाव को कम करने के लिए द्विपक्षीय या फिर बहुपक्षीय स्तर पर चीन का अगला कदम क्या होगा, इसे बारीकी से देखा जाएगा। मामले से जुड़े लोगों में से एक ने कहा, ‘ट्रेन पटरी से उतर गई थी। हमने इसे वापस पटरियों पर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर चीजें कहां तक जाती हैं।

मामले से जुड़े लोगों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर से भारतीय और चीनी सेना की हालिया वापसी (डिसइंगेजमेंट) को एक ‘अच्छी शुरुआत’ बताया, लेकिन आगाह किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई अन्य टकराव के अन्य बिंदुओं पर विवाद को हल करने के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत और चीन के बीच में बहुत सी चीजें गलत हो गई हैं और चीजों को सही करने का काम अब शुरू हो गया है। आगे बढ़ने की बात करने से पहले हमें चीजों को वापस ट्रैक पर लाना होगा।’ बता दें कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट के पूरा होने के बाद 20 फरवरी को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 10वें दौर की वार्ता आयोजित हुई थी, जिसमें टकराव के अन्य बिंदू जैसे गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग इलाकों से सेना को पीछे हटने के मुद्दे पर बातचीत  हुई थी, मगर अब तक इस दिशा में कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई है।

चीन ने दी गलवान में मारे गए अपने 5 सैनिकों की जानकारी, कहीं संख्या में झोल तो नहीं ?

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प में करीब 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस घटना में चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन ने इसे लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया था। लेकिन अब इतने समय बाद आखिरकार चीन ने माना है कि इस सब में उसके भी सैनिक मारे गए थे।

चीन ने 5 सैनिकों का जानकारी साझा की जिनमें से 4 की मौत हुई थी। ये पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन हैं। इसमें चार की मौत गलवान के खूनी झड़प में हुई थी, जबकि एक की मौत रेस्क्यू के वक्त नदी में बहने से हुई थी।

बता दें कि भारत इस झड़प में लगभग 50 चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा करता रहा है। वहीं रूसी एजेंसी TASS ने 45 चीनी जवानों के मारे जाने की बात कही है। ऐसे में संदेह है कि चीन अपने नागरिकों को तसल्ली देने के लिए मरने वाले सैनिकों की संख्या को बेहत कम करके बता रहा है।

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को धूल चटाने वाले कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र सम्मान

नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद होने वाले कर्नल संतोष बाबू को उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा। महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।

बता दें कि पिछले साल 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सेना के बीच गलवान घाटी में झड़प हो गई थी। इस झड़प में अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करते हुए 16 बिहार बटालियन के कर्नल बी संतोष बाबू समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो हुए थे।

बताते चलें कि गलवान घाटी में हुई चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल बी.संतोष बाबू चीन से से हुई बातचीत का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन देर रात हुई हिंसा में वह शहीद हो गए। कर्नल संतोष बाबू मूल रूप से तेलंगाना के सूर्यपत जिले के रहने वाले थे और 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर थे।