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चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर सेना प्रमुख ने जताई खुशी, कहा- 10वीं वार्ता से आया बेहतर परिणाम

चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम होने और पैंगोग त्सो के उत्तर और दक्षिण के किनारों से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने के बाद सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि 10वें दौर की वार्ता से दोनों देशों के लिए बेहतर परिणाम सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला दोनों देशों के लिए जीत की स्थिति है।

सेना प्रमुख ने कहा कि एक पड़ोसी के तौर पर हम चाहेंगे कि सीमा पर शांति और स्थिरता रहे और कोई नहीं चाहता कि भविष्य में भी सीमा पर किसी तरह की अस्थिरता बने रहे। उन्होंने आगे कहा कि भारत का रिश्ता वैसा ही होगा, जिस तरह से हम इसे बनाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से सरकार की सोच है कि चीन के साथ हमारा रिश्ता उसी तरीके से विकसित होगा, जैसे हमारी इच्छा उसे विकसित करने की होगी।

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच कोई सांठ-गांठ नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत हर तरह की परिस्थिति के लिए रणनीति बनाता है और इसमें सफल भी होता आया है।

बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा पर लगातार तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में यह बड़ी जानकारी देते हुए बताया था कि लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील इलाके से सेना की वापसी शुरू हो गई है। अब इस जानकारी की पुष्टि सेना ने तस्वीरों के जरिए भी कर दी है। तस्वीर में दोनों देश की सेना आपस में बात करते नजर आ रहे थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख के विवादास्पद पेंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी इलाके में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने  को लेकर चीन के साथ समझौता पक्का हो गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह पिछले साथ अप्रैल मई में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बिगड़ी स्थिति के बाद भारत और चीन के बीच लगातार चल रही बातचीत का नतीजा है।

 

 

 

चीन की चालबाजी को जानता है भारत, संबंध ठीक करने को ड्रैगन को करना है अभी बहुत कुछ

भारत और चीन के बीच भले ही लद्दाख में पैंगोंग इलाकों से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, मगर चालाक चीन कब चालबाजी दिखा दे, इसके लिए भारत को हमेशा सतर्क रहना होगा। भारत-चीन मामलों से जुड़े लोगों ने कहा कि पैंगोंग इलाकों से दोनों सेनाओं का पीछे हटना महज एक प्रक्रिया की शुरुआत है, चीन को द्वीपक्षीय संबंधों को पूरी तरह से सामान्य स्थिति में बहाल करने के लिए अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि सीमा पर तनाव को कम करने के लिए द्विपक्षीय या फिर बहुपक्षीय स्तर पर चीन का अगला कदम क्या होगा, इसे बारीकी से देखा जाएगा। मामले से जुड़े लोगों में से एक ने कहा, ‘ट्रेन पटरी से उतर गई थी। हमने इसे वापस पटरियों पर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर चीजें कहां तक जाती हैं।

मामले से जुड़े लोगों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर से भारतीय और चीनी सेना की हालिया वापसी (डिसइंगेजमेंट) को एक ‘अच्छी शुरुआत’ बताया, लेकिन आगाह किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई अन्य टकराव के अन्य बिंदुओं पर विवाद को हल करने के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत और चीन के बीच में बहुत सी चीजें गलत हो गई हैं और चीजों को सही करने का काम अब शुरू हो गया है। आगे बढ़ने की बात करने से पहले हमें चीजों को वापस ट्रैक पर लाना होगा।’ बता दें कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट के पूरा होने के बाद 20 फरवरी को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 10वें दौर की वार्ता आयोजित हुई थी, जिसमें टकराव के अन्य बिंदू जैसे गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग इलाकों से सेना को पीछे हटने के मुद्दे पर बातचीत  हुई थी, मगर अब तक इस दिशा में कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई है।

Galwan Valley में चीनी सैनिकों के छक्के छुड़ाने वाले इस भारतीय कैप्टन को मिला सम्मान

नई दिल्ली। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को गलवान के जाबांज 16 बिहार रेजिमेंट के कैप्‍टन सोइबा मानिंग्बा रंगनमे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कैप्‍टन सोइबा को सम्‍मानित किया।

इसकी जानकारी मुख्यमंत्री बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) ने ट्विटर के माध्यम से दी है। बता दें कि हाल ही में चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों की झड़प का एक वीडियो जारी किया था। जिसमें कैप्‍टन सोइबा मानिंग्बा चीनी सैन्‍य अफसरों पर हावी पड़ते दिखाई दिए थे। बता दें कि गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से गतिरोध के दौरान भारतीय सेना के कैप्टन सोइबा ने अपने जवानों का नेतृत्व किया था।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, “16 बिहार रेजीमेंट के मणिपुर के सेनापति जिले के कैप्टन कैप्टन सोइबा मानिंगबा रंगनामेई से मिलिए, चीनी पीएलए के खिलाफ संघर्ष के दौरान गलवान में अपने जवानों का नेतृत्व कर रहे थे। राष्ट्र के लिए खड़े होने के दौरान आपने (सोइबा) जो वीरता दिखाई है, उसने हम सभी को गौरवान्वित किया है।