Tag Archives: HATHRAS CASE

हाथरस केसः सदन में सीएम योगी ने सपा को घेरा, कहा- हाथरस में टोपी वाला कौन था?

नई दिल्ली। हाथरस के सासनी थाना क्षेत्र के नौजरपुर गांव में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपी का नाम गौरव शर्मा है जिसे 2018 में छेड़खानी के आरोप में जेल हुई थी और वह जमानत पर बाहर घूम रहा था। आरोपी और छेड़खानी की पीड़िता के किसान पिता के बीच सोमवार को बहस हुई जिसके बाद आरोपी ने शख्स को गोली मार दी।

अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। 16 जुलाई 2018 को आरोपी गौरव के खिलाफ घर में घुसकर छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपी 15 दिन जेल में रहा था, तब से वह रंजिश मानता चला आ रहा है। गौरव मामले में फैसला करने का दबाव बना रहा था। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

अखिलेश यादव की सभा में शामिल होने का किया था आव्हान

कहा जा रहा है कि गौरव समाजवादी पार्टी का नेता है। गौरव का फेसबुक प्रोफाइल ‘गौरव सोनगरा’ के नाम से है। पिछली 27 फरवरी को उसने अपने फेसबुक पर पेज पर लोगों से कहा है कि लोग सपा मुखिया अखिलेश यादव की तीन मार्च को अलीगढ़ के टप्पल में होने वाली किसान सभा में शामिल हों।

आईटी में इंजिनियरिंग, एक बेटी का पिता

गौरव ने एसआरएम इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी से आईटी में बीटेक किया है। उसकी शादी 2019 में शीतल नाम की युवती से हुई थी। दोनों को एक बेटी है। गौरव को लोग रुद्राक्ष पंडित के नाम से भी जानते हैं। गौरव का दावा था कि वह समाजवादी पार्टी में उत्तर प्रदेश विशेष आमंत्रित कार्यकारणी सदस्य (छात्र सभा) है।

सदन में योगी ने सपा को घेरा

सीएम योगी ने हाथरस में हुई घटना को लेकर एक बार फिर टोपी के सहारे समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए हाथरस की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘कल हाथरस में भी साबित हुआ है। दिनभर सोशल मीडिया पर यह चला कि टोपी वाला कौन था? हाथरस की घटना ने इस टोपी को फिर से कठघरे में खड़ा किया है।’

16 दिसंबर 2012 की वो मनहूस रात, निर्भया की मां के हौसले बुलंद

16 दिसंबर 2012 की रात देश के लिए किसी मनहूस रात से कम नहीं थी। आज इस कांड को पूरे 8 साल हो चुके है, मगर हमारे जहन से आज भी वो दिल्ली की दर्दनाक तस्वीरें उतरी नहीं है । हर मां बाप की आंखों में खौफ के आंसू आज भी है। दिल्ली की दौड़ती सड़कों पर इस घिनौनी हरकत के बाद भी हर दिन बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है। देश की ना जाने कितनी बेटियों ने अपनी जान गवाई है और बार बार प्रशासन को याद दिलाना पड़ा है कि बस अब और नहीं । मगर 2012 हो या 2020 हाल कुछ बदले नहीं है आज भी बच्चियां अपनी इज्जत का बलिदान दे रही है।

आज निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बलात्कारियों के खिलाफ शुरू की अपनी मुहिम के लिए कहा कि मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई। 2012 के बाद मैं आठ साल तक लड़ी। हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे। जो हर साल हम प्रोग्राम करते थे इस साल कोरोना की वजह से नहीं कर पाएंगे लेकिन ऑनलाइन प्रोग्राम करेंगे।

आगे उन्होंने कहा कि किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानूनों में जो भी कमियां हैं उसे सरकार और कानून जल्द दूर करे। जब हमारा सिस्टम और सरकार जिम्मेदारी से काम करेगा तभी अपराध रुकेंगे। निर्भया केस का फैसला बेशक हो गया लेकिन इससे देश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है।

 इतना ही नहीं निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन तथा युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने ये भी कहा की इस से पहले मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा। आज मैं समझता हूं मेरी आवाज सुनना आपके लिए जरूरी है। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही जाना गया। और आगे भी मुझे जीवन भर इसी पहचान से जाना जाएगा

आगे निर्भया के पिता ने कहा कि आठ साल पहले जब मेरी बेटी मुझसे छीन ली गई तो महिलाओं की अगुवाई में लोग सड़कों पर उतरे और इंसाफ के लिए मेरे परिवार की लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया। मैंने सोचा था यह केस हमारे देश को हमेशा के लिए बदल देगा लेकिन आज भी समाचार देखता हूं तो हर दिन किसी न किसी बेटी से दरिंदगी की खबर होती है। निर्भया के बाद भी कुछ नहीं बदला है।