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संसद में गृहमंत्री ने उत्तराखंड की तबाही का बताया पूरा हाल, कहा- पीएम खुद कर रहे हैं निगरानी

नई दिल्ली। रविवार को उत्तराखंड में आई त्रासदी पर मंगलवार को संसद में बात करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ITBP के 450 जवान, NDRF की 5 टीमें, भारतीय सेना की 8 टीमें, एक नेवी टीम और 5 IAF हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए है। आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब से बड़ा नुकसान हुआ है।

संसद में अपनी बात रखते हुए गृहमंत्री ने कहा कि मैं सदन को केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करता हूं कि राहत और बचाव के सभी संभव उपाय राज्य सरकार के साथ समन्वय बैठाकर किए जा रहे हैं साथ ही जो बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने चहिए, वो उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की ओर से स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे उच्च स्तरीय निगरानी की जा रही है। खुद प्रधानमंत्री अपनी देखरेख में हर संभव मदद का प्रयास कर रहे हैं। राज्य को हर संभव मदद देने के साथ-साथ गृह मंत्रालय के दोनों कंट्रोल रूम के द्वारा नजर रखी जा रही है। उत्तराखंड सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कल शाम 5 बजे तक 20 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जानकारी के मुताबिक 197 लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें NTPC के निर्माणाधीन परियोजना के 139, ऋषि गंगा के 46 व्यक्ति और 12 ग्रामीण लोग शामिल हैं।

शाह ने कहा कि 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा की सहायक नदी क्षेत्र में हिमस्खलन की घटना घटी। जिसके कारण नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई। अचानक आई बाढ़ से निचले क्षेत्र में धौलीगंगा नदी पर स्थित NTPC की निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना को भी काफी नुकसान हुआ है।

ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर गृह मंत्री अमित शाह ने की मुलाकत, जाना हालचाल  

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर और तीरथराम शाह अस्पताल पहुंचकर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। गृह मंत्री ने यहां घायल पुलिसकर्मियों से हालचाल जानकर उनका हौसला बढ़ाया।

किसानों की  ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बता दें कि किसान नवंबर से ही केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी। आधिकारिक आंकडों मुताबिक हिंसा और तोड़फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।

मामले को लेकर दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस.एन श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी।