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सेना की तैयारी में लगे युवाओं के लिए खुशखबरी, वायुसेना ने निकाली बम्पर बहाली, 1 लाख से ज्यादा मिलेगी सैलरी…

DESK: सेना की तैयारी में लगे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है. वायुसेना ने अलग-अलग पदों पर कई हजार भर्तियां निकालीं हैं. उम्मीदवारों का चयन एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट के आधार पर होगा. वायुसेना में जाने के इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया 1 जून से 30 जून तक चलेगी.

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वायुसेना (Indian Air Force) ने फ्लाइंग ब्रांच और ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल और नॉन टेक्निकल) में भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. इन पदों पर एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट के आधार पर भर्तियां होंगी. साथ ही इसके अलावा मेटेरोलॉजी मेटेरोलॉजी और फ्लाईंग ब्रांच में एनसीसी स्पेशल इंट्री के लिए भी भर्तियां होंगी.

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सभी पदों पर 1 जून से 30 जून तक आवेदन की प्रक्रिया चलेगी. इच्छुक उम्मीदवार भारतीय वायुसेना की आधिकारिक वेबसाइट afcat.cdac.in या careerindianairforce.cdac.in पर जाकर आवेदन दे सकते हैं. एयरफोर्स ने फ्लाइंग ब्रांच और ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल व नॉन टेक्निकल) में भर्तियां निकालीं हैं. इसके अलावा मेटेरोलॉजी ब्रांच में मेटेरोलॉजी इंट्री और फ्लाईंग ब्रांच में एनसीसी स्पेशल इंट्री के लिए भी भर्तियां होंगी.

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वायुसेना ने फ्लाइंग ब्रांच के लिए आयुसीमा 20 से 24 वर्ष तय की गई है. ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल एंड नॉन टेक्निकल) के लिए आयुसीमा 20 से 26 साल तक तय की गई है. उम्मीदवारों की ऑनलाइन AFCAT परीक्षा होगी. ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल) ब्रांच वाले उम्मीदवारों को इंजीनियरिंग नॉलेज टेस्ट में भी बैठना होगा. फाइनल मेरिट AFCAT और AFSB दोनों परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर निकाली जाएगी.

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AFCAT एंट्री के लिए सभी आवेदकों को 250 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा. परीक्षा शुल्क का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग और ई चालान के जरिए भी कर सकते हैं. अगर वेतन की बात करें तो उम्मीदवारों को 56,100 से 1,10,700 रुपये की सैलरी मिलेगी.

वायुसेना की ताकत में इजाफा, भारत पहुंची राफेल विमानों की चौथी खेप

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत अब और बढ़ गई है। बुधवार को फ्रांस के इसट्रेस एयर बेस से राफेल लड़ाकू विमानों की चौथी खेप के तहत तीन राफेल विमान भारत के अंबाला एयरबेस पर उतरे।

भारतीय वायुसेना ने राफेल की लैंडिंग की वीडियो जारी करते हुए कहा कि यूएई वायु सेना के टैंकरों द्वारा राफेल विमानों में रास्ते में इन-फ्लाइट ईंधन  भरवाया गया। यह दो वायु सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों में एक और मील का पत्थर साबित हुआ है।

इसके अलावा पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में हुए एक कार्यक्रम में राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। तीन विमानों की दूसरी खेप तीन नवंबर को भारत आई थी जबकि तीन और विमानों की तीसरी खेप 27 जनवरी को बारत आई थी।

 

बालाकोट एयरस्ट्राइकः घर में घुसकर भारतीय वायुसेना ने दिया था पाक के आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब

नई दिल्ली। 26 फरवरी का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास और गर्व का दिन है। इस दिन को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि इसी दिन साल 2019 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने पर ताबड़तोड़ बमबारी की थी। अचनाक हुए इस हमले से न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया हैरान थी। किसी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारतीय सेना इस तरह से कार्रवाई करेगी।

इस दिन को याद रखने की सिर्फ एक ही वजह नहीं है, बल्कि इसकी एक और वजह ये है कि 1971 के बाद पाकिस्तान पर ये पहली एयरस्ट्राइक की गई थी। इस दिन को याद रखने का एक कारण ये भी है कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की पाकिस्तान से सकुशल वापसी भी है। ये वापसी इतनी आसान नहीं थी जितनी पाकिस्तान ने दिखाई थी। बल्कि उनकी ये वापसी पाकिस्तान के उस डर का भी परिणाम है जो उन्हें भारत से लगने लगा था।

पाकिस्तान ने देखी थी भारत की ताकत

बहराल, बालाकोट एयरस्‍ट्राइक की पटकथा 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद लिखी गई थी। इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा की सड़क पर खून और जवानों के शरीर के क्षत-विक्षत शव नजर आ रहे थे। भारतीय जवानों का गुस्‍सा उबाल पर था। देश की आम जनता चाहती थी कि इस हमले को अंजाम देने वाले जैश ए मोहम्‍मद के आतंकियों पर इससे भी कहीं जबरदस्‍त हमला कर करारा जवाब दिया जाए। पाकिस्‍तान भी कहीं न कहीं इस बात को जान चुका था कि भातर इस हमले के बाद चुप नहीं बैठने वाला है। यही वजह थी कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टीवी पर प्रसारित एक संदेश में दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की कि इस हमले में पाकिस्‍ताना या पाकिस्‍तान में बैठे किसी भी इंसान का कोई हाथ नहीं है। इस प्रसारण में उन्‍होंने एक बार फिर से आतंकियों को शहीद बताते हुए भारत को भड़का दिया था।
ऐसे तैयार हुआ था एयरस्ट्राइक का प्लान!

वहीं पुलवामा हमले के बाद सरकार की हलचलें तेज हो गई थीं। बैठकों का दौर चल रहा था। सरकार की मंशा बेहद साफ थी कि हर हाल में पाकिस्‍तान से बदला लेना है। सेना के अधिकारियों के बीच हुई उच्‍चस्‍तरीय बैठक के बाद बालाकोट एयरस्‍ट्राइक का खाका खींचा गया। थल सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख ने साफ कर दिया था कि पाकिस्‍तान को इसकी बड़ी कीमत अदा करनी होगी। इस बार जगह और समय का चयन हम करेंगे। बालाकोट खैबर-पख्‍तूंख्‍वां में आता है। पहाड़ी और पेड़ों से घिरा ये इलाका आतंकियों की ट्रेनिंग का एक बड़ा अड्डा है। यहां पर सिर्फ जैश ही नहीं बल्कि अन्‍य आतंकी संगठनों के आतंकियों को तरह-तरह की ट्रेनिंग दी जाती है और फिर इन्‍हें भारत में हमले के लिए भेजा जाता है। भारत और पाकिस्‍तान के बीच कई जगहों पर फेंसिंग नहीं है बल्कि प्राकृतिक चीजों के आधार पर सीमा निर्धारित है। इसका फायदा ये आतंकी कभी-कभी उठाने में सफल हो जाते हैं। इसलिए ही बालाकोट में एयरस्‍ट्राइक करने पर मुहर लगी थी। यहां पर हमला कर भारत साफ संदेश भी देना चाहता था कि वो आतंकियों को उनके ही घर में घुसकर मार सकता है।

अभिनंदन से सच उगलवाना चाहती थी पाक आर्मी

26 फरवरी 2019 की सुबह भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इजरायली बम स्‍पाइक का इस्‍तेमाल किया और बालाकोट में जबरदस्‍त बमबारी की। भारतीय सेना की तरफ से इसकी जानकारी देते हुए कहा गया कि इसमें विमानों ने काफी बड़ी संख्‍या में आतंकियों के ठिकानों को नष्‍ट कर किया। साथ ही ये भी बताया गया कि इस एयरस्‍ट्राइक में कई आतंकियों को मार गिराया गया। इस एयरस्‍ट्राइक में शामिल विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्‍तान के एक फाइटर जेट एफ-16 को भी मार गिराया था। लेकिन बाद में किसी वजह से उनका विमान क्रैश हो गया और उन्‍हें विमान से इजेक्‍ट होना पड़ा था। जमीन पर उनका सामना पाकिस्‍तान के गांववालों से हुआ। उन्‍हें बाद में पाकिस्‍तान आर्मी ने गिरफ्तार किया और अपने साथ बेस कैंप ले गए। वहां पर उन्होंने अभिनंदन के पाकिस्‍तान में घुसने का मकसद जानना चाहा लेकिन उन्‍होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था। पाकिस्‍तान की सेना और उनके जवाब का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में आया था।

विंग कमांडर अभिनंदन करीब 60 घंटे पाकिस्‍तान की हिरासत में रहे और बाद में उन्‍हें सकुशल रिहा करना पड़ा। पाकिस्‍तान जानता था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उसको कितना भयानक अंजाम भुगतना होगा। अपनी लाज बचाने के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सदन में बयान दिया कि वो अभिनंदन को इसलिए रिहा कर रहे हैं जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक खराब न हो सकें।