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वायुसेना की ताकत में इजाफा, राफेल विमानों की 5वीं खेप पहुंची भारत

नई दिल्ली। फ्रांस से लगभग 8 हजार किसी की दूरी तय कर राफेल विमानों की पांचवीं खेप बुधवार को भारत पहुंच गई है। वायुसेना ने भारत पहुंचे विमानों की संख्या नहीं बताई है लेकिन इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा है कि नई खेप में चार विमान भारत आए हैं।

वायुसेना ने कहा कि फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेनाओं ने यात्रा के दौरान विमानों को ईंधन मुहैया कराया है। वायुसेना ने ट्वीट किया कि फ्रांस के मैरीनेक हवाई अड्डे से सीधी उड़ान भरने के बाद राफेल विमानों की पांचवीं खेप भारत पहुंची।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को खुद फ्रांस के एक सैन्य हवाईअड्डे से भारत के लिए चार लड़ाकू विमानों को झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसके अलावा अपने पांच दिवसीय फ्रांस दौरे के तीसरे दिन एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने एक राफेल विमान प्रशिक्षण केंद्र का दौरा भी किया। उन्होंने समय पर इन विमानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फ्रांसीसी विमानन उद्योग का धन्यवाद भी किया।

 

एयरो इंडिया शो में भारतीय वायुसेना ने भरी हुंकार, सुखोई ने त्रिशूल फॉर्मेशन कर सबको किया चकित

कर्नाटक। बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 के दौरान भारतीय सेना ने आसमान में आपनी ताकत से दुनिया को एहसास कराया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मौजूदगी में लड़ाकू विमानों ने हवा में हुंकार भरी।

इस दौरान जब सुखोई Su-30MKI के लड़ाके हवा में त्रिशूल बना रहे थो तो वहां मौजूद भीड़ ने जमकर तालियां बजाई। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा,”भारत डिफेंस में और एयरोस्पेस में असीमित क्षमता प्रदान करता है। इन क्षेत्रों में सहयोग के लिए एयरो इंडिया एक अद्भुत मंच है।”

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के एयर-लॉन्च संस्करण से लैस भारतीय वायु सेना Su-30MKI फाइटर जेट, बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। वायु सेना का एक समर्पित स्क्वाड्रन इन मिसाइलों से लैस है जो 400 किमी से अधिक दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है।

83 तेजस लड़ाकू विमानों से और बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत, 48000 करोड़ के सौदे पर आज लगेगी मुहर

दिल्ली । केंद्र सरकार वायुसेना के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा आज करेगी। यह सौदा 48000 करोड़ रुपये का होगा।

अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना के शीर्ष अधिकारी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बेंगलुरु के एयरो इंडिया एयर शो के दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने घरेलू रक्षा खरीद के तहत करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने को 13 जनवरी को मंजूरी प्रदान की थी। इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं।

तेजस एमके-1ए विमान में खास तरह के एईएसए रडार, मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक (ईडब्ल्यू) और हवा में ईंधन भरने की क्षमता (एएआर) से लैस है। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने पिछले महीने कहा था कि वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी।

राफेल की तीसरी खेप पहुँची भारत,वायु सेना की बढ़ी ताकत

नई दिल्ली।भारत वायु सेना की ताकत बढ़ाने वाले राफेल विमान की तीसरी खेप भारत पहुंच चुकी है। तीनों राफेल विमान बिना रुके सात हजार किलोमीटर से भी लंबी उड़ान के बाद सीधे भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डे पर लैंड हुए। इन विमानों के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है।

तीनों राफेल विमानों में हवा में ही ईंधन भरने की प्रक्रिया को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) ने अंजाम दिया। दूतावास ने ट्वीट किया कि इन विमानों के पायलटों की उड़ान सरल और सुरक्षित रहेगी। वायुसेना ने बताया कि नए राफेल विमानों के यहां आने से अब इन विमानों की संख्या बढ़ कर 11 हो गयी है।

 

एम्फीमेक्स-21 : भारतीय नौसेना ने थलसेना और वायुसेना के साथ किया संयुक्त युद्धाभ्यास

नई दिल्ली।  भारतीय नौसेना ने थलसेना और वायुसेना के साथ 21 से 25 जनवरी तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आयोजित एम्फीमेक्स -21 में युद्धाभ्यास किया। इस अभ्यास में नौसेना के जहाजों, ज़मीन, हवा और पानी तीनों के युद्ध में प्रवीण सैनिकों और वायु सेना के विभिन्न प्रकार के विमानों की भागीदारी शामिल रही।

इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अपने द्वीप क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं का सत्यापन करना था। इसमें सेना के तीनों अंगों के बीच परिचालन तालमेल और संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य भी शामिल था।

इस अभ्यास में उभयचर लड़ाकू युद्धपोतों, निगरानी प्लेटफार्मों, समुद्र में हवाई हमले तथा जटिल युद्धाभ्यास द्वारा बहुआयामी सामुद्रिक ऑपेरशन शामिल थे। हवा से नौसेना के समुद्री कमांडोज़ का प्रवेश, सेना के विशेष बलों की हवाई प्रविष्टि, नौसेना का गनफायर सपोर्ट, ज़मीन, आकाश और जल से सैन्य बलों लैंडिंग एवं इसके बाद किए जाने वाले अनुवर्ती ऑपरेशन भी शामिल थे।

 

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी उड़ान, 48 हजार करोड़ रूपये की रक्षा खरीद प्रक्रिया को मिली मंजूरी

नई दिल्ली। भारतीय रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिये आज मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। करीब 48 हजार करोड़ रूपये की रक्षा खरीद प्रक्रिया को मंजूरी दे दी गई है। भारतीय़ वायु सेना में तेजस लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने के लिहाज से जहां, ये फैसला काफी अहम है वहीं, आत्मनिर्भर भारत के लिहाज से भी ये मंजूरी काफी खास है।

आत्मनिर्भर भारत को और मजबूत करने की दिशा में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 45692 करोड़ रुपये की लागत से 73 एलसीए तेजस एमके -1 ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके -1 ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने तेजस के डिजाइन और बुनियादी ढांचे विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपए की मंजूरी दी।

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस Mk-1A  स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक चौथी पीढ़ी से आगे का लड़ाकू विमान है। यह विमान अत्याधुनिक रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है, जो परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होगा। अभी तेजस में निर्माण में 50% की स्वदेशी सामग्री उपयोग की जा रही है, जिसे भविष्य में 60 फीसदी किया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रिमंडल के फैसले पर ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने आज भारतीय वायुसेना के बेड़े के स्वदेशी…फाइटर जेट ‘LCA-तेजस’ को मजबूत…करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी है। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर होगा।

इसके साथ ही कैबिनेट ने वायुसेना के तहत एक परियोजना को भी मंजूरी दी है। परियोजना के तहत IAF द्वारा बुनियादी ढाँचे के विकास किया जाएगा ताकि वायुसेना अपने बेस डिपो में मरम्मत या सर्विसिंग को और सक्षम कर सकें । यह वायुसेना को संबंधित ठिकानों पर मरम्मत के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता से वायुसेना के बेड़े को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम होगा।