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दुनिया देखेगी हिंदुस्तान की ताकत, 10 मार्च को भारतीय नौसेना में शामिल होगी INS करंज

भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने जा रही है। स्कॉर्पिन पनडुब्डी आईएनएस करंज 10 मार्च को मुंबई में नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी। इस पनडुब्बी को निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया है।

बता दें कि करंज एक स्वदेशी पनडुब्बी है जो मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई है। करंज के साथ ही भारत ने पनडुब्बी बनाने वाले देश के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड भारतीय नेवी की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरी क्षमता के साथ पूरा करने के लिए भारत के प्रमुख शिपयार्डो में से एक है।

INS करंज सटीक निशाना लगाकर दुश्मन  के हर तरह के खतरों से निपटने की क्षमता रखती है। इस पनडुब्बी में एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाने और एरिया सर्विलांस जैसे मिशनों को अंजाम देने की क्षमता भी है।

 

एम्फीमेक्स-21 : भारतीय नौसेना ने थलसेना और वायुसेना के साथ किया संयुक्त युद्धाभ्यास

नई दिल्ली।  भारतीय नौसेना ने थलसेना और वायुसेना के साथ 21 से 25 जनवरी तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आयोजित एम्फीमेक्स -21 में युद्धाभ्यास किया। इस अभ्यास में नौसेना के जहाजों, ज़मीन, हवा और पानी तीनों के युद्ध में प्रवीण सैनिकों और वायु सेना के विभिन्न प्रकार के विमानों की भागीदारी शामिल रही।

इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अपने द्वीप क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं का सत्यापन करना था। इसमें सेना के तीनों अंगों के बीच परिचालन तालमेल और संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य भी शामिल था।

इस अभ्यास में उभयचर लड़ाकू युद्धपोतों, निगरानी प्लेटफार्मों, समुद्र में हवाई हमले तथा जटिल युद्धाभ्यास द्वारा बहुआयामी सामुद्रिक ऑपेरशन शामिल थे। हवा से नौसेना के समुद्री कमांडोज़ का प्रवेश, सेना के विशेष बलों की हवाई प्रविष्टि, नौसेना का गनफायर सपोर्ट, ज़मीन, आकाश और जल से सैन्य बलों लैंडिंग एवं इसके बाद किए जाने वाले अनुवर्ती ऑपरेशन भी शामिल थे।

 

चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने उठाया बड़ा कदम, SCS में उसके दुश्मन देश के साथ करेगा युद्धाभ्यास

नई दिल्ली। ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत अब बड़ा प्लान बना रहा है। भारत चीन के दुश्मन देश के साथ युद्धाभ्यास करने की तैयारी कर रहा है। भारत चीन को सख्त संदेश देने के लिए इस प्लान पर आगे बढ़ रहा है।
चीन को सबक सिखाने और उसे बड़ा मैसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है। यह युद्धाभ्यास 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर में वियतनामी नौसेना के साथ ‘संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास’ होगा।
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने यह जानकरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि  इस युद्धाभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है। नौसेना के अफसरों का कहना है कि इंडियन नेवी का पोत ‘आईएनएस किल्टन’ मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर गया है। लौटते समय यह इस अभ्यास में शामिल होगा।
बता दें कि सोमवार को पीएम मोदी और वियतनामी समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था।