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ISRO के वैज्ञानिक का आरोप…गगनयान मिशन पर खुफिथा की नजर..पढ़िए आप भी

DESK:   भारत के पहले मानव मिशन गगनयान पर काम कर रहे एक वैज्ञानिक ने आरोप लगाया है कि दुबई से जुड़े एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और इसरो से गोपनीय जानकारी के एवज में बड़ी रकम देने की पेशकश की। इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के रॉकेट वैज्ञानिक प्रवीण मौर्य ने यह चौंकाने वाले वाला आरोप लगाने के साथ साथ यह भी आरोप लगाया कि जासूसी करने के लिए केरल पुलिस के सहयोग से जासूसों ने उनसे संपर्क किया था।

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वरिष्ठ वैज्ञानिक ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया और कहा, ‘‘मुझसे जासूसी करने के लिए जासूसों द्वारा संपकर् किया गया है।” यह केरल पुलिस के साथ मिलीभगत से किया गया था। इसरो के अध्यक्ष से लेकर प्रधानमंत्री तक को कई पत्र लिखे लेकिन कोई कारर्वाई नहीं हुई। एक खुफिया जांच की आवश्यकता है। कृपया मदद करें।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उसे झूठे मामलों में फंसाने के उद्देश्य से मादक पदार्थों की तस्करी के सिलसिले में स्थानीय पुलिस से उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

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वैज्ञानिक ने ट्वीट किया, ‘‘मैं खरपतवार (गांजा) बेच रहा था। कैसे एक रॉकेट वैज्ञानिक रात 10:30 बजे अज्ञात नाबालिग लड़की को ड्रग्स बेचना शुरू कर सकता है। मैं पिछले 12 वर्षों से केरल में हूं। केरल पुलिस को मेरे पास ड्रग्स का कोई सबूत नहीं मिला। न्याय चाहिए!” लिंक्डइन पर साझा किए गए पत्र की प्रति का लिंक भी साझा किया, जिसे उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को भेजा है। उन्होंने ट्वीट किया,‘‘मैं इसे कभी भी सार्वजनिक नहीं करना चाहता था। इसे सार्वजनिक करने से पहले, पांच नवंबर 2022 को इसरो के अध्यक्ष को एक निराशाजनक चेतावनी पत्र लिखा था।”

इसरो की उपलब्धि गगनयान के एक कदम और करीब पहुंचा भारत…

DESK. गगनयान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने शुक्रवार (13 मई) सुबह ह्यूमन रेटेड सॉलिड रॉकेट बूस्टर यानी एचएस200 का सफल परीक्षण किया. इस रॉकेट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 7:20 बजे दागा गया. इस रॉकेट को गगनयान कार्यक्रम के लिए तैयार किया गया है.

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इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, एचएस200 रॉकेट बूस्टर जीएलएसवी एमके 3 सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के एस200 रॉकेट बूस्टर का ह्यूमन रेटेड वर्जन है. गगनयान के प्रक्षेपण की कोई तारीख तय नहीं है लेकिन इस रॉकेट के सफल परीक्षण से उस दिशा में बढने में बड़ी सफलता मिली है. यह मानव क अन्तरिक्ष में ले जाने की योजना है.

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इसरो के वैज्ञानिक गगनयान की तैयारी में जुट गये हैं. इसरो 2022 में कई ऐसे मिशनों को अंजाम देने जा रहा है, जो ऐतिहासिक होने वाले हैं. इसका लोहा पूरी दुनिया मानेगा. बता दें कि अंतरिक्ष में भारत का सबसे महत्वाकांक्षी उपक्रम, गगनयान अब टेस्टिंग के चरण में प्रवेश कर चुका है और भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) इस साल पहला मानव रहित मिशन शुरू करने के काफी करीब पहुंच चुका है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के तीन कम्युनिकेशन सैटेलाइट का अधिग्रहण करेगी NSIL- के सिवन

नई दिल्ली, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख सिवन ने शुक्रवार को बताया, ‘ न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) तीन कम्युनिकेशन सैटेलाइट का अधिग्रहण करेगा। ये सैटेलाइट GSAT 20, GSAT 22 और  GSAT 24 हैं। इसरो द्वारा निर्मित इन सैटेलाइटों का मालिक और ऑपरेटर कंपनी होगी।’ अंतरिक्ष विभाग के तहत नवगठित सार्वजनिक क्षेत्र की देश की पहली अंतरिक्ष इकाई NSIL को अन्य सैटेलाइटों के ट्रांसफर से जुड़े सवाल पर सिवन ने बताया, ‘हम लीज पर ट्रांसफर करने के बारे में विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि NSIL भी पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (PSLV) को प्राइवेट सेक्टर को ट्रांसफर करने को लेकर काम कर रहा है।

NSIL का निगमीकरण 06 मार्च 2019 में भारत सरकार के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली कंपनी के तौर पर किया गया। यह ISRO का वाणिज्यिक अंग है। भारतीय उद्योगों को उच्‍च प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष संबंधित गतिविधियां शुरू करने के लिए सक्रिय बनाना इसका मुख्य काम है। इसके अलावा यह यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के उत्‍पादों तथा सेवाओं के उन्‍नयन तथा वाणिज्यिक उपयोग की देखरेख करता है।

वर्तमान में 17 कम्युनिकेशन सैटेलाइट हैं और 8 नैविगेशन सैटेलाइट हैं और 17 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं। इसरो प्रमुख के अनुसार GSAT 24 सैटेलाइट यूरोपीयन स्पेस एजेंसी एरियनस्पेस के एरियन रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘GSAT24 इस साल के अंत तक या अगले साल जनवरी तक लॉन्चिंग के लिए तैयार हो जाएगा। अन्य दो सैटेलाइट GSAT20 और GSAT22 निर्माणाधीन है।’ GSAT20 को भारतीय रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल मार्क III के जरिए लॉन्च किया जाएगा।

नए साल पर वाराणसी को बड़ा तोहफा, आईआईटी बीएचयू में खुलेगा इसरो का पांचवां सेंटर

वाराणसी। प्रधानमंत्री मोदी नए साल पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में हैं। आईआईटी बीएचयू में इसरो (ISRO) का पांचवां सेंटर खुलने जा रहा है। इसकी नीव रख दी गई है।
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो का पांचवां सेंटर आईआईटी बीएचयू में खुलने जा रहा है। आईआईटी बीएचयू और इसरो के बीच इसके लिए ऑनलाइन प्रोग्राम के दौरान यह समझौता हुआ है। इस समझौते में आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद जैन और इसरो की तरफ से सीबीपीओ कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑफिस के डायरेक्टर डॉ पीवी वेंकट कृष्णन ने हस्ताक्षर किए हैं।

यह सेंटर उत्‍तर एवं मध्‍य भारत का पहला रीजनल एकेडमिक सेंटर फॉर स्पेस होगा। इस सेंटर के खुल जाने के बाद बीएचयू आईआईटी के छात्र-छात्राओं को अंतरिक्ष अनुसंधान पर अध्ययन और शोध का मौका तो मिलेगा ही, साथ ही कृषि, दूरसंचार, जल संसाधन, मौसम विज्ञानआदि क्षेत्रों में भी पूर्वांचल और मध्य भारत को काफी लाभ मिलेगा।