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तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे हैं 34 लोग, देखिए रेस्क्यू का ऑपरेशन का पूरा वीडियो

नई दिल्ली। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पर सुरंग में मलबा अधिक होने के कारण मुश्किलें पेश आ रही हैं, सुरंग के अंदर एक वाहन भी फंसा है। ऐसे में टनल के मुख्य द्वार से मलबा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी और सेना वहां बचाव व राहत कार्य संचालित कर रहे हैं। वहीं, 206 लापता लोगों में से 32 के शव अब तक बरामद हो चुके है, जबकि टीम को सात मानव अंग भी मिले है। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और हालातों का जायजा ले रहे हैं।

 

ITBP ने लद्दाख को हराकर जीती 10वीं राष्‍ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता

नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने लद्दाख को फाइनल में हराकर आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएचएआई) की 10वीं राष्ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता अपने नाम कर ली है।

समुद्र तल से 8694 फिट पर आयोजित इस प्रतियोगिता को माइनस एक डिग्री तापमान वाले वातावरण में गुलमर्ग आइस रिंक पर आयोजित किया गया था। सैकड़ों लोग इस फाइनल मैच के गवलाह बने।

16 से 22 जनवरी के बीच आयोजित  इस प्रतियोगिता में देश की बड़ी आइस हॉकी टीमों ने प्रतिभाग किया। बता दें कि आईटीबीपी की सशक्त आइस हॉकी टीम है, जिसके कई खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पिछले कई वर्षों में बल की इस टीम ने कई प्रतियोगिताएं जीती हैं, जिसमें साल 2019  में राष्ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता भी शामिल है। लद्दाख को देश का आइस हॉकी केंद्र माना जाता है। ऐसे में स्थानीय जनता इस खेल को लेकर बहुत ही उत्साहित रहती है।

 

गणतंत्र दिवस : आईटीबीपी का विशेष डॉग स्क्वॉड कर रहा है राजपथ की रखवाली

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के लिए आईटीबीपी को तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के साथ भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल का के-9 दस्ता इंडिया गेट और राजपथ के साथ सभी सम्बंधित क्षेत्रों की कड़ी निगरानी कर रहा है।

बता दें कि पिछले कई वर्षों से आईटीबीपी के ये विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर कई बड़े आयोजनों में एंटी सबोटाज के लिए प्रयुक्त किये जाते रहे हैं और इनकी विश्वसनीयता अद्वितीय रही है।

आईटीबीपी दिल्ली पुलिस को कई मौकों पर अपने के-9 डॉग्स की सेवाएं उपलब्ध कराती रही है और यह सभी बलों में सबसे ज्यादा के-9 श्वान सेवाएं प्रदान करने वाला बल है। पूर्व में भी कई विशेष मौकों जैसे विदेशी राजनयिकों और राष्ट्राध्यक्षों की दिल्ली यात्रा के समय इन श्वानों को सुरक्षा कर्तव्यों में नियुक्त किया गया है।

 

समझौते पर हुआ हस्ताक्षर, अब खादी की दरियों का इस्तेमाल करेंगे सीएपीएफ के जवान  

नई दिल्ली। केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान अब खादी से बनी दरियों का इस्तेमाल करेंगे। आज आईटीबीपी और KVIC के बीच नई दिल्ली में सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ़) के जवानों के लिए कुल 1 लाख 71 हज़ार 520 खादी की दरियों की आपूर्ति के लिए सभी  औपचारिकताएं पूरी की गईं।

गांधी स्मृति, राजघाट, नई दिल्ली में KVIC कार्यालय में KVIC के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना, विवेक भारद्वाज, ए एस पी एम गृह मंत्रालय, और ITBP के आईजी आनंद स्वरुप की मौजूदगी में बुधवार को समझौते पर हस्ताक्षर किये गए। इसके लिए 8 करोड़, 73 लाख, 46 हज़ार रूपए की धनराशि खर्च की जाएगी।

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर अक्टूबर, 2019 में गृह मंत्री की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय में संपन्न हुई केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा खादी से बनी वस्तुओं और अन्य ग्रामोद्योग उत्पादों की आवश्यकतानुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। आईटीबीपी मुख्यालय में पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्री के दौरे के दौरान आईटीबीपी द्वारा इन उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

उम्मीद ये भी है कि इसी वित्तीय वर्ष में सीएपीएफ के अस्पतालों के लिए खादी बेडशीट और पिलो कवर की खरीद के लिए केवीआईसी से समझौते पर हस्ताक्षर भी किये जायेंगे। आने वाले कुछ समय में यूनिफार्म, और अन्य वस्त्र आदि उत्पादों की खरीद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा KVIC से ही की जाएगी।

 

आईटीबीपी ने हाल ही में जन्मे 17 श्वानों को दिए भारतीय नाम, जानिए क्या है पूरी खबर ?

नई दिल्ली। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पहली बार किसी भी सशस्त्र बल में अपने पप्स (डॉग स्क्वायड) को देसी नाम देने का प्रचलन शुरू किया है। आईटीबीपी के सुप्रसिद्ध के-9 विंग के इन श्वानों के नामकरण कर देश की सुरक्षा में लगे जवानों को समर्पित किया है।

बता दें कि नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स (एनटीसीडी) आइटीबीपी बीटीसी भानु पंचकुला, हरियाणा में आज एक औपचारिक नामकरण समारोह आयोजित किया गया। समारोह में आईटीबीपी ने 2 महीने पूर्व जन्मे योद्धा मैलिनोईस श्वानों के नाम रखे। इन 17 श्वानों, जिनके पिता का नाम गाला और माताओं का नाम ओलगा और ओलिशिया हैं, उनके नए नाम हैं- आने-ला, गलवान, ससोमा, सिरिजाप, चिप चाप, सासेर, चार्डिंग, रेजांग, दौलत, सुल्तान-चुस्कू, इमिस, रांगो, युला, मुखपरी, चुंग थुंग, खार्दुंगी और श्योक है। इन के-9 योद्धाओं को 100% स्थानीय नाम दिए गए हैं, जहां आईटीबीपी सीमाओं पर ड्यूटी करती है और स्वतंत्रता के बाद पहली बार अब आईटीबीपी में केनाइन विंग के श्वानों को देसी विरासत और नामों से जाना जाएगा। इस पहल के साथ ही श्वानों के जो परंपरागत पाश्चात्य नाम जैसे सीजर, ओलगा, एलिजाबेथ, बेट्टी, लीजा आदि होते थे।

इसके अलावा, बल ने यह भी योजना बनाई है कि अब नवजात श्वानों का नाम काराकोरम पास से जचेप ला तक फैले 3488 किलोमीटर लंबी भारत चीन-सीमा पर अवस्थित प्रसिद्ध स्थानों पर रखा जाएगा।