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गांजा पीना या रखना अब गुनाह नहीं, जो जेल में हैं वो रिहा होंगे; बाइडेन ने बदले कानून

DESK:  अमेरिका में गांजा रखने के हजारों दोषियों को माफी दे दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। फेडरल लॉ के तहत इस ड्रग को अपराधमुक्त करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। बाइडेन ने कहा, ‘यह फैसला मेरी उस सोच को दर्शाता है कि गांजा का इस्तेमाल या उसे रखने पर किसी को जेल नहीं होनी चाहिए। मारिजुआना को लेकर हमारे असफल नजरिए के कारण बहुत से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यह गलत चीजों को सही करने का समय है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि श्वेत और अश्वेत सभी तरह के लोग गांजे का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन श्वेतों की तुलना में ज्यादातर अश्वेतों को ही मारिजुआना का इस्तेमाल करने या रखने के मामले में गिरफ्तार किया जाता है। इन पर मुकदमा चलाया जाता है और दोष साबित होने पर जेल में डाल दिए जाते हैं।

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मारिजुआना से जुड़े मामले स्टेट ऑफेंस नहीं?
जो बाइडेन ने गांजा के साधारण कब्जे के अपराधों को क्षमा करने की घोषणा की। राष्ट्रपति ने गवर्नर्स ने मारिजुआना से जुड़े मामलों को स्टेट ऑफेंस से अलग करने की मांग की, ताकि सुधार करने के मौके मिलें। बाइडेन ने कहा कि गांजा संघीय कानून के तहत कैसे आता है, इसकी प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत समीक्षा की जाएगी। फिलहाल, मारिजुआना सबसे खतरनाक पदार्थों की कैटेगरी में शामिल है जिसके तहत हेरोइन और lSD भी आते हैं।

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इन लोगों को होगा सीधा फायदा
राष्ट्रपति के इस फैसले से उन लोगों को फायदा होगा, जिनके नाम गांजा रखने के आरोप में क्रिमिनल रिकॉर्ड में दर्ज हो गए। इन लोगों ने रोजगार, घर या शिक्षा से जुड़े कई मौके गंवा दिए। बाइडेन के इस फैसले में नॉन-सिटिजन शामिल नहीं हैं, जिनके पास गिरफ्तारी के समय यूएस में रहने का कानूनी अधिकार नहीं था।

MUMBAI: बड़े वाहनों को मुम्बई आने पर रोक

अमरीका के राष्‍ट्रपति  जो बाइडेन ने कहा- विलक्षण प्रतिभा से संपन्न होते हैं भारत के लोग

नई दिल्ली।  अमरीका के राष्‍ट्रपति  जो बाइडन  ने भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्‍या में प्रशासन में महत्‍वपूर्ण पदों पर काम करने को लेकर कहा है कि भारतीय मूल के लोग अमरीका में छा रहे हैं।

राष्‍ट्रपति बाइडन ने यह बात अमरीकी यान परसीवरेंस के रोवर वाहन के 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर उतारने के अभियान में शामिल नासा के वैज्ञानिकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत के दौरान कही।
बाइडन ने कहा कि उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं और भारतीय लोग विलक्षण प्रतिभा से संपन्ना होते हैं।

नासा के 2020 के मंगल मिशन में भारतीय मूल के अमरीकी वैज्ञानिक ने दिशानिर्देश,  संचालन और नियंत्रण संबंधी गतिविधियों में मुख्‍य भूमिका निभाई है।
20 जनवरी को अमरीका के 46वें राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले बाइडन ने अब तक भारतीय मूल के 55 से अधिक लोगों को अमरीकी प्रशासन के विभिन्‍न पदों पर नियुक्‍त किया है, इनमें से करीब आधी महिलायें हैं और ज्‍यादातर व्‍हाइट हाउस में काम कर रही हैं।

ओबामा और बाइडन प्रशासनों की एक विशेषता यह भी रही है कि उन्‍होंने भारतीय मूल के लोगों को सबसे अधिक संख्‍या में प्रशासनिक पदों पर तैनात किया है। हालांकि, पिछला डोनल्‍ड ट्रंप प्रशासन भी इस मामले में पीछे नहीं रहा था। उनके शासन में पहली बार भारतीय मूल के अमरीकी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर अमरीका की राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद में शामिल किया गया था।

 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने की एस.जयशंकर से की फोन पर बात, कहा- पीएम और ट्रंप के रिश्ते वाली गर्माहट रहेगी बरकरार

नई दिल्ली। अमेरिका की सत्ता में आने के ठीक 9वें दिन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ने हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से फोन पर बातचीत की। साथ ही दोनों देशों के साथ अपने रिश्ते की टोन भी सेट करने का काम किया। बता दें कि बाइडेन प्रशासन ने साफ संकेत दिया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों में जो गर्माहट बनी थी, वह आगे भी जारी रहेगी।

https://youtu.be/ii9OXxJYEfI

जो बाइडेन ने ली अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति पद की शपथ, पीएम  मोदी ने दी बधाई

नई दिल्ली। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन ने बुधवार को राजधानी वाशिंगटन डीसी में 46वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। 78 वर्षीय जो बाइडेन को प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कैपिटल बिल्डिंग के ‘वेस्ट फ्रंट’ में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

जो बाइडेन ने शपथ लेने के बाद कहा कि हम अमेरिका को एकजुट करेंगे। अमेरिका में हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी और अमेरिका विभाजनकारी, धार्मिक भेदभाव, नस्लवाद को खत्म कर अपना एकजुट चेहरा पेश करेगा।

जो बाइडेन के शपथ लेने से पहले कमला हैरिस ने देश के 49वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस सोनिया सोटोमायोर ने उन्हें शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस पहुंचकर 46वें संयुक्त राज्य अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपना पदभार संभाला। पद संभालते ही जो बाइडन ने कई बड़े फ़ैसलों पर हस्ताक्षर भी किए।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के साथ-साथ 17 कार्यकारी कार्यवाहियों पर भी कदम उठाया, जिसमें से पहले कार्यकारी आदेश के तहत सभी अमेरिकियों को कोविड-19 के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जलवायु परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के दोबारा शामिल होने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिका आज से 30 दिन बाद पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल हो जाएगा।

राष्ट्रपति बाइडेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ रिश्तों को बहाल करते हुए डॉ. एंथोनी सी फॉसी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बाइडेन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर शपथ लेने पर बधाई दी है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण करने पर जो बाइडेन को मेरी हार्दिक बधाई। मैं भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं। इसके अलावा पीएम मोदी ने कमला हैरिस को भी अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने पर बधाई दी।

अमेरिका :  हिंसा का डर,  जो बाइडेन  के शपथ ग्रहण समारोह से पहले पुख्ता की गई सुरक्षा व्यवस्था

अमेरिका में बुधवार को होने वाले राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह से पहले हिंसक प्रदर्शनों के होने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा को पुख्ता किया गया है। राजधानी वाशिंगटन डीसी की सुरक्षा के लिए हजारों की संख्या में नेशनल गॉर्ड और बाकी सुरक्षा बलों को लगाया जा रहा है।

डीडी न्यूज की खबर के मुताबिक संघीय जांच ब्यूरो और अन्य संघीय एजेंसियों ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दौरान हिंसा होने के खिलाफ चेताया है, क्योंकि कुछ शरारती तत्व चुनाव में हुई धांधली के मुद्दे पर ट्रंप के समर्थकों को बरगला सकते हैं। पेनसिलवानिया में ट्रंप के समर्थन में और विरोध में कुछ लोग राज्य कैपिटल बिल्डिंग के सामने जुटे।

लेकिन, 6 जनवरी के बाद कैपिटल में हुई हिंसा के बाद पुलिस देश के हर कोने और हर शहर में किसी भी हिंसा की घटना को रोकने के लिए मुस्तैद खड़ी है।  इस बीच कैपिटल बिल्डिंग के भीतर और बाहर सुरक्षा में लगे नेशनल गार्ड के जवानों के जमीन पर सोने के वीडियो के सामने आने के बाद उनके लिए बिस्तर की व्यवस्था की गई। जवानों के सोने के लिए बिस्तर की व्यवस्था सांसदों के आग्रह पर किया गया।

अमेरिका : बाइडेन ने की एक खरब 90 अरब डॉलर के कोरोना राहत पैकेज की घोषणा

नई दिल्ली। अमेरीका के निर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने एक खरब 90 अरब डॉलर के कोरोना वायरस आपात राहत पैकेज की घोषणा की है। बाइडेन के इस प्रोत्‍साहन पैकेज का उद्देश्‍य बिगड़ती अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार लाना और महामारी से हुए नुकसान की भरपाई करना है।

बता दें कि इस पैकेज को कोविड के बढ़ते मामलों से संघर्ष करने वाले परिवारों, व्‍यापारियों और स्‍थानीय सरकारों के लिए संघीय सहायता में अधिक राशि देने के लिए तैयार किया गया है। बाइडेन की इस योजना में अमरीकी परिवारों को प्रत्‍यक्ष भुगतान की नई राशि, स्‍कूलों को सुरक्षित खोलने के लिए धनराशि देना और राष्‍ट्रीय वैक्‍सीन कार्यक्रम में तेजी लाना शामिल है।

बाइडेन ने 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहले 100 दिनों में 10 करोड़ वैक्‍सीन दिये जाने का लक्ष्‍य तय किया है। अमरीका सरकार ने आपात उपयोग के लिए दो अलग-अलग वैक्‍सीन की मंजूरी दी है। दोनों वैक्‍सीन अलग-अलग  दी जाएंगी। अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्‍सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है।

 

अमेरिका हिंसाः तो… इस वजह से डोनाल्ड ट्रंप को जाना पड़ सकता है जेल!

अमेरिकी संसद पर चार घंटे के बवाल के बाद आखिर डोनाल्ड ट्रंप ने पीछे हटना बेहतर समझा। कल तक वो अपने समर्थकों को भड़का रहे थे लेकिन आज उनको अपने समर्थकों के खिलाफ मजबूरी में गुस्से का इजहार करना पड़ा। बड़ी वजह ये है कि विपक्षी तो निशाना बना ही रहे हैं खुद रिपब्लिकन भी ट्रंप का साथ छोड़ रहे हैं। जानकार मान रहें हैं कि डोनाल्ड को जेल भी जाना पड़ सकता है। देखिए रिपोर्ट-

https://youtu.be/AaRJW0bCDF8

अमेरिकी संसद ने इलेक्टोरल कॉलेज के परिणामों पर लगाई मुहर, जो बाइडेन के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ

अमेरिकी संसद में हंगामे के बाद अब कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को स्वीकर कर लिया है। अब संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए जो बाइडेन का रास्ता साफ हो गया है। जो बाइडेन को 306 जबकि डोनाल्ड ट्रंप को 232 मत मिले है। कांग्रेस के चुनावी नतीजे स्वीकार करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार हो गए है। घोषणा के साथ ही जो बाइडेन के राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर मुहर लग गई। अब उनके 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ लेने का रास्ता साफ हो गया।

लोकतांत्रिक सिद्धातों के तहत सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया के वक्त जो कुछ भी कैपिटल बिल्डिंग में घटा उसकी उम्मीद किसी ने सपने में भी नहीं की होगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भीड़ ने बुधवार की दोपहर वॉशिंगटन के कैपिटल हिल पर धावा बोला और वहाँ मौजूद पुलिस से भिड़ गई।

ज़ाहिर तौर पर यह भीड़ इस संभावना से प्रेरित थी कि ‘वो अमेरिकी कांग्रेस की कार्यवाही को रोक देगी’ ताकि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को 2020 के चुनाव में जीत का सर्टिफ़िकेट ना मिल सके।  यह हमला तब हुआ जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल पर चढ़ाई कर, नवंबर 2020 के चुनावी नतीजे पलट देने का आह्वान किया। भीड़ सीनेट कक्ष तक पहुँचने में सफल रही जहाँ कुछ ही मिनट पहले चुनाव परिणाम प्रमाणित किये गए थे।

 

अमेरिका में आखिर वही हुआ जिसका डर था, 206 साल बाद अमेरिकी लोकतंत्र हुआ शर्मसार

अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हुआ और उसके बाद जिस बात का डर था, आखिर वही हुआ। हिंसा की आशंका था और यही हुआ भी। 3 नवंबर को तय हुआ ता कि जो बाइडेन देश के अगले राष्ट्रपति होंगे, लेकिन फिर भी डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं थे। चुनाव में धांधली के आरोप लगाकर वे जनता के फैसले को नकारते रहे, साथ ही हिंसा की भी धमकी देते रहे।

वोटिंग के 64 दिन बाद जब अमेरिकी संसद बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने जुटी तो अमेरिकी लोकतंत्र शर्मसार हो गया। ट्रम्प के समर्थक दंगाइयों में तब्दील हो गए। यूएस कैपिटल में तोड़फोड़ और हिंसा की। यूएस कैपिटल वही बिल्डिंग है, जहां अमेरिकी संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट हैं। कुछ वक्त तक संसद की कार्यवाही रोक दी गई।

https://youtu.be/ijiCMt9olbw