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अंधविश्वास: भगवान मैं तुम्हारे पास आ रही हूं,कहते हुए कानपुर में महिला ने ली समाधि

कानपुर।अंधविश्वास में एक महिला ने खुद की जीवन दांव पर लगा दिया। इतना नहीं उसका साथ घर वालों और कुछ अंधविश्वासी गांव वालों ने भी दिया। भगवान मैं तुम्हारे पास आ रही हूं, मुझे अपनी शरण में लो… यह कहते हुए महिला गहरे गड्ढे में उतर गई और परिवार के लोगों ने चारपाई रखकर ऊपर से मिट्टी डालकर बंद कर दिया। अंधविश्वास की हद तो तब हो गई जब गांव वालों ने फूल डालकर पूजन अर्चन शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल पहुंच गई और गड्ढे की मिट्टी हटवाकर महिला को सुरक्षित जिंदा बाहर निकाला।

आस्था के नाम देकर जिंदगी से दिन भर अंधविश्वास का खेल चला। गांव वालों ने बताया है कि रामसजीवन की 50 वर्षीय पत्नी गोमती काफी दिनों से घर पर ही पूजन अर्चन करती चली आ रही है। बुधवार दोपहर को गोमती ने परिवार के लोगों से कहा कि उन्हें भगवान शिव ने रात में दर्शन दिए हैं और इसपर उसने आराधना के लिए भू-समाधि लेने का निर्णय लिया है। उसके अंधविश्वास में आए घरवाले भी उसकी बातों पर यकीन कर बैठे। इसके बाद घर के दरवाजे पर उसके लिए चार फीट गहरा गड्डा खोदा।

कानपुर : डाक विभाग की बड़ी लापरवाही, छोटा राजन और शॉर्प शूटर मुन्ना बजरंगी के नाम पर जारी कर दिए टिकट

कानपुर।  कानपुर में डाक विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डाक विभाग की इस लापरवाही लोगों मे हड़कंप मच गया। विभाग ने इंटरनेशनल क्रिमिनल छोटा राजन और बागपत जेल में मारे गए शॉर्प शूटर मुन्ना बजरंगी की फोटो वाले डाक टिकट जारी किए हैं। अब डाक टिकट के जारी होने के बाद इन टिकटों के जरिए देश में कहीं भी चिट्ठी भेजी जा सकती है। ये टिकट माई स्टांप योजना के तहत छापे गए हैं। अब मामले को तूल पकड़ता देख डाक विभाग ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
बता दें कि माई स्टांप योजना साल 2011 में शुरू की गई थी। इसके तहत मात्र 300 रुपये फीस देकर कोई भी व्यक्ति अपनी तस्वीरों वाले 12 माई स्टांप (डाक टिकट) जारी करवा सकता है। ये दूसरे डाक टिकटों की तरह मान्य होते हैं। इनसे आप देश के किसी कोने में डाक भेज सकते हैं। माई स्टांप बनवाने के लिए पासपोर्ट साइज का फोटो और पूरा ब्योरा देना पड़ता है। एक फार्म भरवाया जाता है, जिसमें पूरी जानकारी देनी पड़ती है। जिसके नाम पर डाक टिकट जारी हो रहा है, उसका जीवित रहना जरूरी है। उस व्यक्ति को सत्यापन के लिए डाक विभाग भी जाना पड़ता है।