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लिव-इन-रिलेशनशिप, शादी या सिंगल, क्या कहते हैं युवा…पढ़िए पूरा

DESK : ब्रिटिश-अमेरिकी अभिनेत्री हेलेन मिरेन का शादी को लेकर एक मशहूर कथन है. वो कहती हैं कि ‘The great marriages are partnerships…” यानी वो सफल विवाह के लिए दो लोगों (पति-पत्नी) के बीच अच्छी सांझेदारी की बात कहती हैं. वहीं दूसरी तरफ बॉलीवुड की एक फिल्म के गाने के बोल देखिए- ‘शादी कर के फंस गया यार, अच्छा खासा था कुंवारा’…

अगर आपसे पूछा जाए कि बॉलीवुड के गाने के बोल और हेलेन मिरेन के कथन में से शादी को लेकर कही गई किस बात में आप सहमत हैं तो आपमें से कईयों का जवाब हेलेन मिरेन का कथन होगा, लेकिन आपको बता दें कि आज दुनियाभर के युवाओं का शादी जैसी संस्था में विश्वास कम होता जा रहा है और वो खुद को ऊपर लिखे बॉलीवुड फिल्म के गाने से ज्यादा कनेक्ट कर पाते हैं. वो शादी कर के फंसने की जगह कुंवारे रहकर अपनी मर्जी से जिंदगी जीना चाहते हैं.

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लिव-इन-रिलेशनशिप या शादी या फिर अकेले रहना…आज देश की युवाओं को क्या पसंद है. इसको लेकर हमने देश के अलग-अलग हिस्सों के कुछ साथियों से बात की और उनकी राय जाननी चाही. देखिए उन्होंने क्या कहा…

मीडिया में काम करने वाले और इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखने वाले लखनऊ के एक पत्रकार ने बताया,” शादी ही सच्चाई है, लिव-इन एक भ्रम है. लिव-इन भारतीय संस्कृति और इस्लाम के खिलाफ है. यह कहना गलत है कि युवाओं का विश्वास शादी से उठ गया है. ये सिर्फ एक विदेशी कल्चर है, जो कभी भी भारत पर हावी नहीं हो सकता. यहां शादी हमेशा एक मजबूत संस्था बनी रहेगी.”

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वहीं कानपुर के राजेश जो कॉलेज स्टूडेंट हैं वो कहते हैं- ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइट और हुक-अप ऐप्स ने लोगों के लिए रिश्तों और सेक्स दोनों को ढ़ूढना आसान कर दिया. यही कारण है कि लोग अब प्यार या शादी के लिए इमानदारी से एफर्ट नहीं करते.”

मुंबई की एक स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस जो लिव-इन रिलेशन में अपने पार्टनर के साथ रहती थीं और हाल ही में चार साल के लंबे वक्त के बाद अपने पार्टनर से अलग होकर अब अकेले रह ही हैं, उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आजकल युवाओं को अकेले रहना ज्यादा पसंद है और इसका सबसे बड़ा कारण है ऑफिस के काम और व्यक्तिगत जीवन में तालमेल न बिठा पाना. काम इतना होता है कि लोग रिश्तों को समय नहीं दे पाते. इसके साथ ही वो खुद के लिए भी वक्त नहीं निकाल पाते और इन सबका असर रिश्तों पर पड़ता है और वो खत्म हो जाता है. इसलिए अधिकतर युवा शादी करने की जगह अपने करियर और खुद के साथ खुश रहना पसंद करते हैं.”

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वहीं लखनऊ हाई कोर्ट के एडवोकेट मुश्ताक़ अहमद खान युवाओं के शादी नहीं करने को लेकर कहते हैं,”लिव इन जैसा छोटे शहरों में कुछ नहीं होता, ये सब हॉलीवुड फिल्मों से आया जो अब बॉलीवुड में हो रहा है. देश के ज्यादातर हिस्से में लोग परिवार के सामने लिव इन के बारे में बात भी नहीं करते हैं.”

मुश्ताक ने आगे तालाक के मामले बढ़ने को लेकर कहा कि तलाक के केस इसलिए बढ़े हैं क्योंकि अब पुरुष के बराबर महिलाएं भी शिक्षित हो रही हैं. अब कोई किसी से दबता नहीं है और रिश्ते में समझौता नहीं करना चाहता और सबसे अहम तलाक ले लेना कोई गलत बात नहीं है.”

तेलंगाना हाईकोर्ट ने अपहरण के एक मामले में आरोपी एक ऑटो चालक को दोषी ठहराने को फैसले को रद करने से इनकार कर दिया

तेलंगाना हाईकोर्ट ने अपहरण के एक मामले में आरोपी एक ऑटो चालक को दोषी ठहराने को फैसले को रद करने से इनकार कर दिया था। आरोप है कि ऑटो चालक ने एक नाबालिग का अपहरण किया था और उसके पिता से दो लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। हाईकोर्ट ने दोषी ठहराए जाने के खिलाफ आरोपी की याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही उसे भादंसं की धारा 364ए के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

कोर्ट ने कहा कि धारा-364ए (अपहरण एवं फिरौती) के तहत आरोपी को दोषी ठहराने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा तीन बातों को साबित करना आवश्यक है। पहली किसी व्यक्ति का अपहरण करना या उसे बंधक बनाकर रखना, अपहृत को जान से मारने की धमकी देना या मारपीट करना, अपहरणकर्ता की ओर से फिरौती के लिए दबाव डालने के लिए पीड़ित को नुकसान पहुंचाना…धारा-364ए के तहत आजीवन कारावास या फांसी की सजा का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस सजा के लिए पहली स्थिति के अलावा दूसरी या तीसरी स्थिति भी साबित करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट तेलंगाना निवासी शेख अहमद की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अहमद की याचिका खारिज करने को चुनौती दी

गई थी। आरोप है कि ऑटो चालक अहमद ने सेंट मैरी हाईस्कूल के छठी कक्षा के छात्र को उसके घर छोड़ने के बहाने अगवा कर लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व फैसले में कहा है कि यदि किडनैपर ने अपहृत व्यक्ति के साथ मारपीट नहीं की और उसे जान से मारने की धमकी नहीं दी और उसके साथ अच्छा बर्ताव किया है तो अपहरणकर्ता को भादंसं की धारा-364ए के तहत आजीवन कारावास की सजा नहीं दी जा सकती है। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को रद करते हुए यह टिप्‍पणी की।

 

धोखाधड़ी मामले में केरल हाईकोर्ट से Sunny Leone को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक  

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोनी (Sunny Leone) को केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) से बड़ी राहत मिली है। साल 2019 के एक केस में सनी लियोनी के सिर पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार फिलहाल टल गई है। कोर्ट ने क्राइम ब्रांच द्वारा सनी लियोनी को 29 लाख रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है। आर्थिक धोखाधड़ी का ये मामला एक इवेंट कंपनी की ओर से सनी के खिलाफ दायर किया गया था।

क्या है पूरा मामाला

बता दें कि पेरू मबरूर के रहने वाले आर श्रेयस नामक व्यक्ति ने सनी लियोनी के खिलाफ 29 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। श्रेयस का आरोप है कि सनी ने यह रकम दो इवेंट्स में हिस्सा लेने के लिए ली थी, लेकिन बाद में मना कर दिया गया। इस मामले में शुक्रवार (5 फरवरी) की रात केरल क्राइम ब्रांच ने सनी लियोनी को पूछताछ के लिए बुलाया था।