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16 घंटे चली भारत-चीन के बीच बातचीत, सैन्य वापसी पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। भारत और चीन ने शनिवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की, जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा। पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के दो दिन बाद कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की यह वार्ता संपन्न हुई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक चीन की ओर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मोल्दो सीमा क्षेत्र में सुबह 10 बजे शुरू हुई। कोर कमांडर स्तर पर चर्चा दोपहर 2 बजे तक जारी रही, सूत्रों के मुताबिक सेना की वापसी पर गोगरा, हॉटस्प्रिंग और डेपसांग प्लेन के साथ लंबी बातचीत हुई।

 

राहुल गांधी के बयान पर BJP का पलटवार, कहा- कांग्रेस ने किया है भारत की जमीन चीन को सौंपने का पाप

नई दिल्ली।  लद्दाख में चीन की सेना के साथ LAC पर बीते साल शुरू हुए तनाव को कम करते हुए बुधवार से ही दोनों सेनाओं ने समझौते के तहत वापसी शुरु कर दी है। इस समझौते के तहत सेनाएं अप्रैल-मई 2020 से पहले की स्थिति पर वापस जाएंगी। ऐसे में जहां एक ओर भारत के अडिग रूख से चीन को वापस जाने पर मजबूर होना पड़ा है तो वहीं, देश में इस मुद्दे पर राजनीति बढ़ती जा रही है। मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से इस बारे में फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी पर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है।

बयान में कहा गया है कि मीडिया और सोशल मीडिया में गलत जानकारी दी जा रही है। ये जानकारी की भारत की सीमा फिंगर 4 तक है पूरी तरह से गलत है। भारत की सीमा वो है जो भारत के मानचित्र में दिखाई गई है और इसमें 43 हजार वर्ग किमी से ज्यादा का वो क्षेत्र भी शामिल है जो 1962 से ही चीन के अनाधिकृत कब्जे में है। भारत के मुताबिक एलएसी भी फिंगर आठ पर है न कि फिंगर चार पर इसलिये भारत लगातार फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग के अधिकार की बात करता है। नए समझौते के तहत भारत ने अपनी कोई भूमि नहीं गंवाई है। इसके विपरीत भारत ने मौजूदा स्थिति में बदलाव की एकतरफा कोशिश को नाकाम कर दिया है।

संसद में रक्षामंत्री के बयान में ही साफ कर दिया गया है कि हॉट स्प्रिंग, गोगरा और डेपसांग समेत जो अन्य अनसुलझे मसले है उन पर भी बातचीत होगी। पैंगोग लेक से सेना वापसी के 48 घंटे के अंदर दोनों देश इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। बयान में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय हितों और क्षेत्रों की पूरी तरह से रक्षा की गई है क्योंकि सरकार ने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता पर पूरा भरोसा जताया है। हमारे सैनिकों की शहादत के चलते हासिल हुई उपलब्धि पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं वो दरअसल उनका अपमान कर रहे हैं।

बता दें कि चीन के साथ हुए समझौते पर विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है दोनो देशो की सेनाएं अपनी पूर्व की स्थिति पर जाएंगी, जिसमें भारत अपनी एक इंच जमीन भी चीन को नही दे रहा है।

पूर्वी लद्दाख के मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह प्रेस कांफ्रेस करके लगाए गए आरोपों पर बीजेपी ने करारा पलटवार किया है। बीजेपी अध्यक्ष जे.पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी के कारण आज कांग्रेस में सर्कस का नया संस्करण शुरू हो गया है। राहुल गांधी सेनाओं की वापसी को भारत का नुकसान क्यों बता रहे हैं। क्या ये कांग्रेस और चीन के बीच हुए एमओयू का हिस्सा है?  जेपी नड्डा नमे कहा कि सेना वापसी के मसले पर सशस्त्र बल जिस रणनीति का पालन कर रहे हैं उस पर सवाल उठाना क्या हमारी सेनाओं का अपमान नहीं है। उन्होंने कहा कि हालिया समझौते के तहत कोई भी भारतीय जमीन चीन को नहीं दी गई है। अगर किसी ने भारत की जमीन चीन को सौंपने का पाप किया है तो वो एक भ्रष्ट, कायर राज परिवार है, जिसने अपनी राजनीति के लिये देश को तोड़ दिया।

 

राजनाथ सिंह ने कहा-पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से लेकर अब तक जो भी निर्माण किए गये हैं उसे तोड़ा जाएगा  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को राज्यसभा में चीन सीमा विवाद और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति पर जानकारी दी। रक्षामंत्री ने कहा भारत और चीन अग्रिम मोर्चे पर तैनाती को चरणबद्ध तरीके हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों पर अभी समाधान बाकी है। भारत और चीन की सेना पैंगोग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटने को सहमत है। भारत अपनी सेनाओं को स्थाई आधार फिंगर 3 पर रखने को तैयार है।

चीन जहां उत्‍तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में जाएगा, वहीं भारतीय फिंगर 3 के पास स्थित मेजर धान सिंह थापा पोस्‍ट (परमानेंट बेस) पर रहेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट पूरा होने के बाद दोनों सेनाओं के बीच फिर बात होगी। राज्‍यसभा में उन्होंने जानकारी दी कि पैंगोंग झील के उत्‍तरी और दक्षिणी तट पर डिसइंगेजमेंट का समझौता हो गया है।

चीन इस बात पर भी सहमत हुआ है कि पूर्ण डिसइंगेजमेंट के 48 घंटों के भीतर सीनियर कमांडर लेवल की बातचीत हो और आगे की कार्यवाही पर चर्चा हो। रक्षा मंत्रीन ने बताया कि पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के मुताबिक चीन अपनी सेना को फिंगर 8 से पूर्व की ओर रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकड़ियों को फिंगर 3 के पास अपने परमानेंट बेस पर रखेगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण कई क्षेत्रों को चिन्हित कर हमारी सेनाएं वहां मौजूद हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के ऊपर भारत का ‘एज’ बना हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल पर हमारी बातचीत हुई है। हमने तीन सिद्धांतों पर जोर दिया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों तरफ से कोशिश करने पर ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा विवाद भी ऐसे ही सुलझाया जा सकता है।” सिंह ने कहा कि सीमा पर चीन ने जो कदम उठाए हैं, उससे भारत-चीन के संबंधों पर भी असर पड़ा है।

 

चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स का दावा, पैंगोंग से पीछे हट रहे हैं भारत और चीन के सैनिक

लद्दाख में LAC पर कई महीने से जारी भारत और चीन की तनातनी के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट कर दावा किया है कि पेंगांग झील के उत्तर और दक्षिण दोनों किनारों से दोनों देशों ने सेनाओं को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। ग्लोबल टाइम्स ने चीनी रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए लिखा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी आम सहमति के अनुसार चीनी और भारतीय बॉर्डर ट्रूप्स ने बुधवार से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से डिसइंजेमेंट शुरू कर दिया है। हालाकि भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है। दोनों देश मुद्दे के समाधान के लिए कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता कर चुके हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत 24 जनवरी को मोल्डो-चुशूल सीमा स्थल पर चीन की तरफ कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता हुई थी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- चीन के साथ अब तक हुई बातचीत का जमीन पर प्रभाव नहीं दिखा

नई दिल्ली।  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन की सेना के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर नौ दौर की वार्ता कर चुके हैं और भविष्य में भी ऐसी वार्ताएं की जाती रहेंगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि चीन के साथ अब तक हुई वार्ताओं का जमीन पर कोई असर नहीं दिखाई दिया है।

बता दें कि भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है। विदेश मंत्री ने कहा, सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की वार्ताएं कर चुके हैं। हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसे समाधान के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जमीन पर इन वार्ताओं का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ हिस्सों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिए।

एस जयसंकर ने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिए। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।

 

राजपथ पर पहली बार दिखी केंद्र शासित प्रदेश की झांकी, लद्दाख की ऐसी झांकी देख आप भी हो जाएंगे दीवाने!

नई दिल्ली । पूरा देश आज गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस खास अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी परेड निकाली गई हैं। राजपथ पर सांस्कृतिक झांकियों का प्रदर्शन शुरू हो चुका है। इस परेड में सबसे आगे लद्दाख है। पहली बार केद्र शासिद प्रदेश की पहली झांकी निकाली गई है। इसमें लद्दाख की संस्कृति और सांप्रदायिक सदभाव को दर्शाया गया है। झांकी का थीम -भविष्य का विजन है।

राजपाथ पर अन्य राज्यों की भी झांकियों दिखाई जा रही हैं। कोरोना के चलते इस साल के गणतंत्र दिवस पर काफी कुछ बदलाव किए हैं। पहली बार कोरोना की वजह से परेड के रूट में कमी तो हुई है, लेकिन झांकियों की भव्यता बनी हुई है। इसके साथ ही ओयध्या की थीम पर यूपी की झांकी बनाई गई है, जिसमें राम मंदिर की भी झलक मिली।

चीनी सैनिकों के घुसपैठ के प्रयास को फिर मिली नाकामी, भारतीय जवानों ने LAC से वापस खदेड़ा

नई दिल्ली। भारत और चीन सीमा पर कई महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। पिछले सप्ताह एक बार फिर से भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए चीनी सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम कर दिया है। इस दौरान दोनों पक्षों के सैनिक जख्मी हुए।

भारतीय सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 20 जनवरी को दोनों सेनाओं के बीच मामूली झड़प हुई थी जिसे वहां लागू प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कमांडरों ने सुलझा लिया था। बता दें कि रविवार को दोनों देशों के बीच 9वें दौर की सैन्य वार्ता समाप्त होने के बाद ये मामला सोमवार को सामने आया है।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को नौवें दौर की सैन्य वार्ता संपन्न हुई। चुशूल इलाके के दूसरी ओर स्थित मोल्दो में आयोजित यह वार्ता 15 घंटे से भी अधिक चली। रविवार सुबह 11 बजे से शुरू हुई वार्ता सोमवार को 2:30 am बजे संपन्न हुई। सीमा पर तनाव को सुलझाने के क्रम में कई दौर की वार्ता हुई लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। इससे पहले 6 नवंबर 2020 को सैन्य वार्ता हुई थी।

दरअसल चीन की  सेना भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रही थी जिसे रोकने के लिए वहां तैनात भारतीय सैनिकों ने हमला किया। जवाबी संघर्ष में 20 चीनी सैनिक व चार भारतीय जवान जख्मी हो गए। इससे पहले पिछले साल 15 जून को दोनों देशों की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित गलवन घाटी के प्वाइंट 14 में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। दोनों देशों के बीच विवादों में  पिछले साल लद्दाख का नाकू ला एरिया भी शामिल हो गया। पिछले साल अप्रैल-मई से सीमा LAC पर दोनों देशों  के सैनिक तैनात हैं।  2017 में भारत और चीन के सेना डोकलाम में आमने-सामने थे।

https://youtu.be/SJ3qR0qNYHc

ITBP ने लद्दाख को हराकर जीती 10वीं राष्‍ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता

नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने लद्दाख को फाइनल में हराकर आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएचएआई) की 10वीं राष्ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता अपने नाम कर ली है।

समुद्र तल से 8694 फिट पर आयोजित इस प्रतियोगिता को माइनस एक डिग्री तापमान वाले वातावरण में गुलमर्ग आइस रिंक पर आयोजित किया गया था। सैकड़ों लोग इस फाइनल मैच के गवलाह बने।

16 से 22 जनवरी के बीच आयोजित  इस प्रतियोगिता में देश की बड़ी आइस हॉकी टीमों ने प्रतिभाग किया। बता दें कि आईटीबीपी की सशक्त आइस हॉकी टीम है, जिसके कई खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पिछले कई वर्षों में बल की इस टीम ने कई प्रतियोगिताएं जीती हैं, जिसमें साल 2019  में राष्ट्रीय आइस हॉकी प्रतियोगिता भी शामिल है। लद्दाख को देश का आइस हॉकी केंद्र माना जाता है। ऐसे में स्थानीय जनता इस खेल को लेकर बहुत ही उत्साहित रहती है।

 

लद्दाख : पहला ‘खेलो इंडिया जास्‍कर विंटर स्पोर्टस फेस्टिवल’ शुरू, केंद्रीय खेल मंत्री ने किया उद्घाटन

लद्दाख में पहला ‘खेलो इंडिया जास्‍कर विंटर स्पोर्टस फेस्टिवल’ आज से शुरू हो गया है। केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में करगिल जिले के पदुम में प्रथम खेलो इंडिया जन्‍सकार शीतकालीन खेल उत्‍सव का उद्घाटन किया।

इस खेल का आयोजन लद्दाख प्रशासन कर रहा है। 13 दिन तक चलने वाले इस खेल उत्‍सव में आइस क्‍लाइंबिंग, जमी हुई जन्‍सकार नदी पर ट्रैकिंग, आइस हॉकी, स्‍नो स्‍कल्‍पचर और पारंपरिक फूड फेस्टिवल मुख्‍य आकर्षण का केंद्र होंगे।