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ट्वीट कर कहा ‘सत्यमेव जयते-उद्धव टिप्पणी मामले में नारायण राणे को मिली जमानत

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ‘थप्पड़ मारने की’ उनकी टिप्पणी के आरोप में मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 8 घंटे से अधिक समय बिताने के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को 24 अगस्त की देर रात जमानत दे दी गई थी। महाड में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने उनकी हिरासत के लिए पुलिस के अनुरोध को खारिज कर दिया, लेकिन राणे को दो दिनों में महाड पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने के लिए कहा है। अब सवाल उठता है कि क्या राणे की दिक्कतें अब खत्म हो गई? ऐसा कहना मुश्किल है, क्योंकि उन्हें थानों के चक्कर काटने पड़ेंगे। अदालत में शर्तों पर उन्हें रिहा किया है।जमानत मिलने के बाद राणे ने ट्वीट किया, ‘सत्यमेव जयते’।मुंबई: कुछ औपचारिकताओं के लिए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के आवास से वकीलों का एक दल रवाना हुआ। केंद्रीय मंत्री अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद करने के लिए आज में बंबई उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करेंगे।महाराष्ट्र: मुंबई में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के आवास के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं।

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कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री को 31 अगस्त और 13 सितंबर को पूछताछ के लिए रत्नागिरी थाने में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राणे को भविष्य में इस तरह का अपराध नहीं करने की भी चेतावनी दी है। एएनआई से बात करते हुए, नारायण राणे के वकील संग्राम देसाई ने कहा, ‘जमानत देते समय, अदालत ने कुछ शर्तें रखी हैं – वह 31 अगस्त और 13 सितंबर को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में मौजूद रहेंगे और भविष्य में इस तरह का अपराध नहीं करेंगे।वहीं, इस बीच, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने बताया कि पार्टी गुरुवार को महाराष्ट्र में जन आशीर्वाद यात्रा फिर से शुरू करेगी। बता दें कि राणे की जन आशीर्वाद यात्रा से जोड़कर मुंबई पुलिस ने कुल 42 प्राथमिकी दर्ज की हैं।

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राणे ने 23 अगस्त को रायगढ़ जिले में अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा था, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता का वर्ष नहीं पता है। वह अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों की गिनती के बारे में पूछने के लिए पीछे झुक गए। अगर मैं वहां होता तो (उसे) एक जोरदार तमाचा मार देता,महाड़ कोर्ट में सरकारी वकील भूषण साल्वी ने भाजपा नेता को सात दिन की पुलिस हिरासत में देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच जरूरी है कि कहीं मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश तो नहीं है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवेदन का विरोध करते हुए, राणे के वकीलों ने तर्क दिया कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है और उन्हें शुगर और ब्लड प्रेशर की समस्या है।अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस को केंद्रीय मंत्री की हिरासत से इनकार कर दिया। इसके बजाय इसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया और फिर, उनके वकीलों द्वारा दायर याचिका पर, राणे को 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।

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गिरफ्तारी के बाद राणे को मुंबई से 165 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले के महाड ले जाया गया, जहां टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ नासिक और पुणे में भी मामले दर्ज किए गए थे। बता दें कि राण की ठाकरे पर इस टिप्पणी के बाद सत्तारूढ़ शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने गुस्से में विरोध प्रदर्शन चालू कर दिया था।महाड में आईपीसी की धारा 189 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी), 504 (सार्वजनिक शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान), और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए अनुकूल बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया था।ठाकरे के खिलाफ राणे की टिप्पणी के बाद शिवसेना के कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए। कार्यकर्ताओं ने मुंबई में पोस्टर लगाए, जिसमें उन्हें(राणे) मुर्गी चोर कहा गया था, जो पांच दशक पहले चेंबूर इलाके में शुरू की गई उनकी मुर्गी की दुकान से जोड़ा गया था

आपके राज्य में कब से खुलेंगे स्‍कूल, क्या है एक्सपर्ट की राय ,ताजा गाइडलाइंस जारी

कई राज्यों में स्कूल खुल गए हैं तो कई राज्यों में प्रक्रिया चल रही है। स्कूल खोलने वाले राज्यों में बिहार एमपी महाराष्‍ट्र हिमाचल हरियाणा छत्‍तीसगढ़ जैसे राज्‍य शामिल हैं। अधिकांश राज्य 10-12 के छात्रों के लिए 50 फीसद उपस्थिति के साथ स्‍कूल खोले जा रहे हैं।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के धीमा पड़ने पर राज्‍यों में स्कूल खोलने की तैयारी शुरु हो गई है। कई राज्यों में स्कूल खुल गए हैं तो कई राज्यों में प्रक्रिया चल रही है। स्कूल खोलने वाले राज्यों में बिहार, गुजरात, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्‍तीसगढ़ जैसे राज्‍य शामिल हैं। अधिकतर जगह शुरू में कक्षा 10-12 के छात्रों के लिए 50 फीसद उपस्थिति के साथ स्‍कूल खोले जा रहे हैं। इसके अलावा भी कुछ नियम तय किए गए हैं जिनका पालन स्‍कूल खुलने के बाद जरूरी है।

अब जब दूसरी लहर भी नियंत्रण में दिख रही है तो कुछ राज्यों ने जुलाई के आखिर और अगस्त की पहले-दूसरे हफ्ते में फिर से स्कूल खोलने की प्लानिंग कर रखी है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि जब कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रहा है तो क्या स्कूल खोलने का फैसला उचित है? आइए जानते हैं कि स्कूल खोलने को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की क्या राय है और कौन-कौन से राज्यों में स्कूल खुलने की संभावना है…

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दिल्‍ली में आखिर कब खुलेंगे स्‍कूल?

राजधानी दिल्‍ली में स्कूल खोलने को लेकर स्थिति साफ नहीं है। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो-टूक कहा है कि अच्‍छा तो यही होगा कि वैक्‍सीनेशन पूरा होने के बाद ही स्‍कूल खुलें। सीएम केजरीवाल से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्‍होंने इसका साफ-साफ जवाब दिया। उन्‍होंने कहा पहले हमने कहा था कि सही तो यह है कि वैक्‍सीनेशन कम्‍प्‍लीट होने के बाद स्‍कूलों को खोला जाए। बाकी राज्‍यों में अगर स्‍कूल खुल रहे हैं तो हम उनके अनुभवों को देख सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्‍चों की सेफ्टी को लेकर अब भी डरे हुए हैं। उनके पास कई पैरेंट्स के मैसेज आए हैं जिसमें उन्‍होंने चिंता जताई है।

हिमाचल प्रदेश में दो अगस्त से स्‍कूल खोलने की हो रही तैयारी

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने भी अगले महीने से स्‍कूल खोलने का फैसला किया है। हालांकि 2 अगस्‍त से कक्षा 10-12 तक के स्‍कूल ही खुलेंगे। कोविड-19 से जुड़ी गाइडलाइन का पालन करना होगा। कक्षा 5 से 8 तक के छात्रों को भी 2 अगस्‍त से स्‍कूल आने की इजाजत होगी। राज्‍य में कोचिंग, ट्यूशन और ट्रेनिंग संस्‍थानों को 26 जुलाई से खोल दिया जाएगा।

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बिहार में अगस्‍त से शुरू होगी जूनियर्स की पढ़ाई

बिहार में कक्षा 1 से 10 तक के सभी स्‍कूलों को अगस्‍त के दूसरे सप्‍ताह से खोला जा सकता है। राज्‍य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि स्थितियां अनुकल रहीं तो अगस्‍त के दूसरे सप्‍ताह से स्‍कूल खोलने की खातिर आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में फैसला लिया जाएगा। सीनियर क्‍लासेज के स्‍कूल पहले ही खुल चुके हैं।

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मध्‍य प्रदेश में 26 जुलाई से खुलने हैं स्‍कूल

मध्‍य प्रदेश में कक्षा 11 और 12 की कक्षाएं और हॉस्‍टल 26 जुलाई से खोलने का फैसला हुआ है। कक्षा 9 और 10 के छात्रों की खातिर स्‍कूल 5 अगस्‍त से खुलेंगे मगर अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी। अभी 50 फीसद उपस्थिति के साथ स्‍कूल खुलेंगे और हफ्ते में चार दिन कक्षाएं चलेंगी। हालांकि अभी तक कोविड गाइडलाइन जारी नहीं हो पाई है।

छत्‍तीसगढ़ में भी दो अगस्‍त से खुल रहे स्‍कूल

छत्‍तीसगढ़ ने 2 अगस्‍त से कक्षा 10 और 12 के स्‍कूल खुल जाएंगे। अभी 50 फीसद उपस्थिति की अनुमति होगी। कॉलेज भी इसी तारीख से खुलेंगे। छात्रों को एक दिन के अंतराल पर क्‍लासेज के लिए बुलाया जाएगा। हालांकि यह अनिवार्य नहीं होंगी। अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी।

आंध्र प्रदेश में 16 अगस्‍त से खुलेंगे स्‍कूल

आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को कहा कि 16 अगस्‍त से स्‍कूल खोल दिए जाएंगे। अभी यहां पर अध्यापक ही एक दिन के अंतराल पर स्‍कूल जा रहे हैं। बच्‍चों को डाउट्स क्लियर करने के लिए स्‍कूल जाने की इजाजत है।

​क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट

एक तरफ तीसरी लहर की आशंका तो दूसरी लहर बच्चों की पढ़ाई की चिंता, इनके बीच कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्कूल खोलने को लेकर अपनी राय दी है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि बच्चों का क्लास में जाकर शिक्षकों से सीधे सवाल-जवाब करना बहुत जरूरी है, इसलिए स्कूल खुलने चाहिए। वैसे भी बहुत से बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास लेने की सुविधा नहीं है, लेकिन इस बात का ख्याल भी रखना होगा कि बच्चे स्कूल जाएं तो वहां दूसरे बच्चों से बहुत घुलें-मिलें नहीं, उचित दूरी बनाकर रखें, खाने-पीने या अन्य सामानों का लेन-देन नहीं करें, यानी कुल मिलाकर कोविड प्रॉटोकॉल का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें।

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स्कूल खोलने को लेकर आईसीएमआर की गाइडलाइंस

बता दें कि सरकार ने पिछले महीने में कहा था कि अगर स्कूल के ज्यादातर स्टाफ टीका लगवा लें तो स्कूल खोले जा सकते हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा था कि प्राइमरी कक्षा के बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि बच्चे कोरोना वायरस से बड़ों के मुकाबले बेहतर तरीके से लड़ पाते हैं, इसलिए पहले उन्हें ही स्कूल बुलाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे मिडल और हाई स्कूल भी खोले जा सकते हैं। लेकिन, ज्यादातर राज्य इस सलाह के उलट कक्षा 9 से 12वीं के बच्चों को स्कूल बुलाने का मन बना रहे हैं। दरअसल, सरकार बोर्ड एग्जाम के मद्देनजर सीनियर छात्रों को पहले स्कूल बुलाना चाहते हैं।