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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के तीन कम्युनिकेशन सैटेलाइट का अधिग्रहण करेगी NSIL- के सिवन

नई दिल्ली, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख सिवन ने शुक्रवार को बताया, ‘ न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) तीन कम्युनिकेशन सैटेलाइट का अधिग्रहण करेगा। ये सैटेलाइट GSAT 20, GSAT 22 और  GSAT 24 हैं। इसरो द्वारा निर्मित इन सैटेलाइटों का मालिक और ऑपरेटर कंपनी होगी।’ अंतरिक्ष विभाग के तहत नवगठित सार्वजनिक क्षेत्र की देश की पहली अंतरिक्ष इकाई NSIL को अन्य सैटेलाइटों के ट्रांसफर से जुड़े सवाल पर सिवन ने बताया, ‘हम लीज पर ट्रांसफर करने के बारे में विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि NSIL भी पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (PSLV) को प्राइवेट सेक्टर को ट्रांसफर करने को लेकर काम कर रहा है।

NSIL का निगमीकरण 06 मार्च 2019 में भारत सरकार के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली कंपनी के तौर पर किया गया। यह ISRO का वाणिज्यिक अंग है। भारतीय उद्योगों को उच्‍च प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष संबंधित गतिविधियां शुरू करने के लिए सक्रिय बनाना इसका मुख्य काम है। इसके अलावा यह यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के उत्‍पादों तथा सेवाओं के उन्‍नयन तथा वाणिज्यिक उपयोग की देखरेख करता है।

वर्तमान में 17 कम्युनिकेशन सैटेलाइट हैं और 8 नैविगेशन सैटेलाइट हैं और 17 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं। इसरो प्रमुख के अनुसार GSAT 24 सैटेलाइट यूरोपीयन स्पेस एजेंसी एरियनस्पेस के एरियन रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘GSAT24 इस साल के अंत तक या अगले साल जनवरी तक लॉन्चिंग के लिए तैयार हो जाएगा। अन्य दो सैटेलाइट GSAT20 और GSAT22 निर्माणाधीन है।’ GSAT20 को भारतीय रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल मार्क III के जरिए लॉन्च किया जाएगा।

2020 यानी बीमारियों का साल, वायरस के अलावा इन बीमारियों ने लिया जन्म

2020 की शुरूआत ही कुछ तनाव पुर्ण रही। कही छात्र संघों का प्रदर्शन ,कही किसानों का आंदोलन, और इसी बीच आया दुनिया पर सबसे खतरनाक संकट यानी कोरोना वायरस। इस साल को कुछ लोग काले साल के रुप में देख रहे है तो कुछ लोग यकीनन सोशल लाइफ से दुर होकर खुश भी है। मगर एक चीज़ जो सब में एक समान है वो हो मानसीक एवं शार्रीक तनाव।

 

कोरोना काल ने हर किसी को अपने घरों में कैद कर दिया। कभी सोचा नहीं था की इस कदर हम सब की जिंदगीयाँ ठहर जाएंगीं, ना किसी से मेल मिलाप होगा ना ही आऊटींग। सारे त्यौहार कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठ कर मनाएं जाएंगे। इन सबके बीच कई लोगों की नौकरियां तक चली गयी। ऐसे में 10 महीने से ज्यादा के समय तक घर की चार दिवारी में रह कर कई नई बीमारियों ने जन्म लिया है। इन्मे से एक है ओसीडी। हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है की इतने लंबे समय से घरों मे रह कर काम करने के कारण लोगों में ओसीडी की शिकायतें बढ़ती जा रही है।

क्या है ओसीडी ?

ओसीडी  एक मनोग्रसित-बाध्यता विकार है। बता दें इस बीमारी से ग्रसत इंसान एक ही चीज की बार-बार जाँच करता रहता है। उस इंसान के मन में भ्रम उतपन्न होता है जिस वजह से पिड़ीत बार-बार एक ही कार्य को दौहराता रहता है, जैसे दिन में 30 से 40 बार हाथ धोना, या किसी एक चीज के बारे में सोचते रहना। इतना ही नहीं कही बाहर जाते वक्त  जिसके कारण बेचैनी डरचिन्ता पैदा होती है। अगर यह सिलसिला ज्यादा लंबा चलता है तो यह बीमारी बढ़कर जानलेवा साबित हो सकती है। यही देखते हुए डॉक्टरों ने बताया की यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसका समय पर इलाज होना बहुत जरूरी है।

कैसे कर सकते है इस बीमारी से बचाव ?

वैसे देखा जाए तो इस बीमारी से बचने का कोई मजबूत इलाज नहीं है, मगर यदी हम अपने आप को व्यस्त रखते है तो इस बीमारी के शिकार होने से बच सकते है। हमेशा सकारात्मक धारणाए रखें। ज्यादा से ज्यादा अपने काम में दिमाग लगाएं। साथ ही सही समय पर भोजन और नींद ले।

https://youtu.be/T0I4UOsTAOw