Tag Archives: #Narendra Modi #100 YEARS BIRTHDAY #100TH BIRTHDAY FOR HIRABEN MODI #PM MODI MOTHER #MODI MOTHER #MODI FAMIL

सुबह-सुबह प्रधानमंत्री पहुंचे मां का जन्मदिन मनाने, पैर धोए, लिया आशीर्वाद…

DESK : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी आज अपनी जिंदगी के सौंवे साल में प्रवेश कर गई है। उनके इस यादगार दिन को और खास बनाने के लिए खुद पीएम मोदी आज सुबह गांधीनगर स्थित अपने भाई पंकज मोदी के घर पहुंचे और मां को जन्मदिन की बधाई दी। वहां पहुंचकर उन्होंने मां का चरण पखारकर आशीर्वाद लिया।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

परिवार में हीराबेन को ‘हीराबा’ कहा जाता है। उनका जन्म 18 जून 1920 में हुआ था. नरेंद्र मोदी के पिता का नाम स्‍व. दामोदर दास मूलचंद मोदी है और उनका गृह नगर गुजरात के मेहसाणा जिले में वडनगर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा हीराबा के पांच पुत्र हैं. इन पांच पुत्रों में सबसे बड़े सोमा मोदी हैं। उनके बाद दूसरे बेटे अमृत मोदी, तीसरे बेटे नरेंद्र मोदी, चौथे बेटे प्रह्लाद मोदी और सबसे छोटे एवं पांचवें बेटे पंकज मोदी है. इसके अलावा, हीराबेन की एक बेटी भी हैं, जिनका नाम वासंतीबेन हसमुखलाल मोदी हैं। इन सबसे में सबसे छोटे बेटे के साथ वह अभी गांधी नगर में रहती हैं। वहीं प्रधानमंत्री भी समय निकालकर वक्त वक्त पर उनसे मिलने के लिए पहुंचते रहे हैं।

भोजपुरी ,हिन्दी ,गुजराती ,मराठी , राजस्थानी ,बंगाली ,उड़िया ,तमिल, तेलगु ,की भाषाओं की पूरी फिल्म देखने के लिए इस लिंक को क्लीक करे:-https://aaryaadigital.com/ आर्या डिजिटल OTT पर https://play.google.com/store/apps/de... लिंक को डाउनलोड करे गूगल प्ले स्टोर से

प्रधानमंत्री मोदी गुजरात की आज दो दिवसीय दौरा भी शुरू हो रहा है. मां का जन्मदिन मनाने और दो दिवसीय दौरा शुरू करने के लिए शुक्रवार की देर रात को ही अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंच गए थे। राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेश पटेल ने उनका स्वागत किया। अपने दौरे के दौरान आज पीएम मोदी गुजरात के पंचमहल स्थित प्रसिद्ध महाकाली मंदिर के शिखर पर करीब 500 साल बाद पताका फहराएंगे. मंदिर के न्यासी अशोक पांड्या ने बताया कि मंदिर के शिखर को करीब 500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने नष्ट कर दिया था