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भगोड़े अर्शदीप- हरदीप सिंह का करीबी सहयोगी जिसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया

नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब के मोगा जिले में खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कथित रूप से पैसे की जबरन उगाही करने और धमकी देने के मामले में पंजाब और उत्तर प्रदेश के नौ ठिकानों पर बृहस्पतिवार को तलाशी ली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एनआईए अधिकारी ने बताया कि तलाशी की कार्रवाई पंजाब में बरनाला, मोगा, फिरोजपुर और उत्तर प्रदेश के मेरठ व मुजफ्फरनगर जिले में की गई। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मई में मोगा जिले में भारतीय दंड संहिता, एनडीपीएस अधिनियम, सशस्त्र कानून और गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

जांच अधिकारी ने बताया कि यह प्राथमिकी पंजाब पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर दर्ज की गई जिसके मुताबिक मोगा के अर्शदीप सिंह, बरनाला के चरणजीत सिंह और फिरोजपुर के रमणदीप सिंह- सभी इस समय विदेश में हैं- गिरोह बनाकर लोगों को धमकी देने और जबरन उगाही में शामिल थे।

 एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के साथ दोबारा प्राथमिकी दर्ज की। अधिकारी ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।न्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने पंजाब के तीन कारोबारियों की कथित तौर पर हत्या की है और अन्य शिकार की भी पहचान की थी। अधिकारी के मुताबिक तलाशी के दौरान कारतूस के खाली खोखें, पॉलिथीन के एक बैग में 122 ग्राम मादक पदार्थ, सीडी, मोबाइल फोन, सिम कार्ड सहित डिजिटल उपकरण और अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले कई दस्तावेज मिले।

एनआईए अधिकारी के मुताबिक भगोड़े अर्शदीप- हरदीप सिंह का करीबी सहयोगी जिसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है और वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सरगना है- ने पंजाब और उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और शूटर को शामिल कर आतंकवादी गिरोह बनाया।

#एनआईए की गिरफ्त में आए इमरान मलिक और नासिर खान#इन आरोपितों के पिता मूसा खान एक रिटायर फौजी#

#एनआईए की गिरफ्त में आए इमरान मलिक और नासिर खान#इन आरोपितों के पिता मूसा खान एक रिटायर फौजी

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बीते वर्ष 17 जून को पार्सल में ब्लास्ट होने के बाद सिकंदराबाद से आए कपड़े के बंडल वाले पार्सल की पड़ताल हो रही है। एनआइए ने दो आरोपितों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। एनआईए की गिरफ्त में आए इमरान मलिक और नासिर खान मूल रूप से कैराना के हैं। यह दोनों सगे भाई पिछले कई वर्ष से हैदराबाद में रहकर कपड़े का कारोबार करते थे। इन आरोपितों के पिता मूसा खान एक रिटायर फौजी हैं।

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल में विस्फोट के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने जांच तेज कर दी है। इसमें शामली का बड़ा कनेक्शन सामने आ रहा है। शामली में पिता-पुत्र पर शिकंजा कसने के बाद एनआइए ने यहां के दो भाइयों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। शामली निवासी फौजी के दोनों पुत्रों के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन हैं।

हैदराबाद से एनआइए ने जिन दो भाइयों इमरान मलिक और नासिर खान को गिरफ्तार किया है, वह दोनों शामली के कैराना नगर के मोहल्ला कायस्थवाड़ा के निवासी हैं। शामली में अब तक चार लोगों का नाम दरभंगा रेलवे स्टेशन के पार्सल में ब्लास्ट कांड से जुड़ गया है। इसी कारण शामली का कैराना एक बार फिर से सुर्खियों में है।

शामली के पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव ने कहा कि हैदराबाद में पकड़े गए दोनों भाइयों के बारे में अभी तक किसी भी जांच एजेंसी ने शामली पुलिस से संपर्क नहीं किया है। इतना ही नहीं, अभी तक हमसे कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है।

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने पहले भी 23 जून को कैराना के मोहल्ला बिसातयान व ऑल खुर्द निवासी हाजी सलीम उर्फ टूईया व कफील को भी हिरासत में लिया था। एसटीएफ ने पूछताछ के लिए दोनों को एनआईए को सौंप दिया था। जिनसे अब लगातार पूछताछ की जा रही है।

एंटीलिया केस : NIA ने रियाज काजी को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली।  एंटीलिया केस की जांच कर रही एनआईए ने मुंबई पुलिस के अधिकारी रियाज काजी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए कोर्ट ने काजी को 16 अप्रैल तक के लिए एनआईए कस्टडी में भेज दिया है।

एजेंसी ने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी रियाज ने एंटीलिया केस की साजिश में सचिन वाझे की मदद की थी। बता दें कि सचिन वाझे भी एनआईए की हिरासत में हैं।

 

महाराष्ट्र एटीएस को Thane Court से झटका, अब NIA करेगी मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच

नई दिल्ली। एंटीलिया के बाहर मिली कार में जिलेटिन मिलने के मामले से जुडे मनसुख हिरेन की संदिग्ध की मौत की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस को झटका लगा है। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस केस की जांच एनआईए को सौं

Mansukh Hiren Case

प दी थी, जिसके खिलाफ महाराष्ट्र एटीएस कोर्ट चली गई थी।

ठाणे कोर्ट ने महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख केस की जांच फौरन रोक देने और सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है।

बता दें कि मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच एनआईए को दी जाए को लेकर 20 मार्च को गृह मंत्रालय ने ऑर्डर भी आ गया था। इसके बाद भी जरूरी दस्तावेज एटीएस एनआईए को हैंडओवर नहीं कर रही है। एनआईए का ये आरोप भी सामने आया था कि एटीएस कोऑपरेट नहीं कर रही है।

एंटीलिया केस : NIA ने सचिन वाझे पर कसा शिकंजा, लगाया UAPA

नई दिल्ली।  निलंबित मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने वाझे के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) लगाया है।

उद्योगपति अंबानी के मुंबई स्थित घर के बाहर 25 फरवरी को स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी, जिसमें विस्फोटक सामग्री थी। इस मामले को बाद में एनआईए को सौंप दिया गया था। एनआईए ने इस केस में मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को आरोपी बनाया है।

बता दें कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी कार मिलने के बाद सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए। जिसमें इस बात की आशंका जताई जा रही है कि विस्फोटकों से भरी कार रखने या फिर किसी से रखवाने में वाझे का ही हाथ है। वहीं, इस कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले को लेकर भी शक की सुई वाझे और उसके साथियों पर घूम रही है।

 

एंटीलिया केस : 25 मार्च तक NIA की हिरासत में रहेंगे सचिन वाजे

नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्‍फोटक से भरी एसयूवी कार मिलने के मामले में एनआईए ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को 12 घंटे तक की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। वाजे को आज कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्‍हें 25 मार्च तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया है।

एनआईए ने कोर्ट से 14 दिनों की कस्टडी मांगी थी। जिसके बाद कोर्ट ने सचिन वाजे को 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। एनआईए ने कोर्ट में कहा कि यह एक बड़ी साज़िश है, जिसमें कई लोगों के शामिल होने की आशंका है।

आपको बता दें कि कार्माइकल रोड स्थित मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास खड़ी एक स्कॉर्पियो कार में 25 फरवरी को जिलेटिन की कुछ छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था। सचिन वाजे को 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरा वाहन खड़ा करने में भूमिका निभाने और इसमें संलिप्त रहने को लेकर गिरफ्तार किया गया।

बताते चलें कि सचिन वाजे  ठाणे निवासी व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत मामले में भी सवालों के घेरे में हैं। स्कॉर्पियो हिरानी के पास ही थी। हिरेन पांच मार्च को ठाणे जिले में क्रीक में मृत पाए गए थे। आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) हिरेन मामले की जांच कर रहा है। हिरेन का शव मिलने के कुछ दिनों बाद एटीएस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।