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‘राम सिर्फ आपके नहीं, हमारे भी हैं, पूरे विश्व के हैं’ : फारूक अब्दुल्ला

दिल्ली नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने सरकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों को ‘दिल से लगाने’ और प्रदर्शनकारी किसानों की बात सुनने का आग्रह करते हुए कहा कि भगवान राम हम सबके हैं और अगर अल्लाह एवं भगवान में फर्क किया गया, तो देश टूट जाएगा।

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और पहले के दिग्गज नेताओं पर उंगली उठाना लोकतंत्र के लिए ठीक परंपरा नहीं है।

श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने सत्ता पक्ष से मुखातिब होते हुए कहा, ‘भगवान और अल्लाह एक हैं. अगर फर्क करेंगे तो देश को तोड़ देंगे. अगर आपने कोई गलती की, तो हम आपको सही करेंगे और हम गलती करेंगे, तो आप सही करेंगे. इसी तरह देश चलता है।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘आज हमें आप पाकिस्तानी कहते हैं, खालिस्तानी कहते हैं, चीनी कहते हैं. मुझे मरना यहां है, जीना यहां है. मैं किसी से नहीं डरता. मुझे सिर्फ ऊपर वाले को जवाब देना है।’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘राम तो विश्व के राम हैं. अगर वो विश्व के राम हैं तो हम सबके राम हैं. कुरान सिर्फ हमारा नहीं, सबका है. बाइबल सबका है।’

लोकसभा सदस्य ने सत्तापक्ष के लिए कहा, ‘हमने आपको कभी दुश्मन नहीं माना. आपको अपना हिस्सा माना. अब जब विपक्ष में होंगे तो आपका सम्मान करेंगे और आपसे ज्यादा करेंगे।’

उन्होंने यह दावा भी किया कि जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में जीते हुए लोगों को पाला बदलने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है।

अब्दुल्ला ने कहा कि अगर लोकतंत्र को जिंदा रखना है तो जिसे लोगों ने वोट दिया है, उसी नतीजे को बरकरार रखना चाहिए. खरीद-फरोख्त के खिलाफ कानून बनना चाहिए।

कोरोना वायरस संकट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘कोशिश यह होनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा टीका लगे. लॉकडाउन और कोरोना संकट के कारण बहुत बेरोजगारी फैल गई है. लोगों को बहुत मुश्किल पेश आ रही है. मेरे प्रदेश में बहुत बुरी हालत है. सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए।

किसान आंदोलन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘किसानों की बात सुननी चाहिए, समाधान निकालना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘आज जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी के बारे में सवाल उठाए जाते हैं, ये भारतीय परंपरा नहीं है. ये परंपरा मत शुरू करिए. जो चला गया उसकी इज्जत करिए।

ताली-थाली पर पीएम का विपक्ष पर हमला, कहा- आलोचना ठीक लेकिन देश का आत्मविश्वा न तोड़ें

दिल्ली। संसद के बजट सत्र में आज खास दिन है। दरअसल, कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से जारी बवाल के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में संबोधित कर रहे हैं। यहां प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट आया तो भारत के लिए दुनिया चिंतित थी। अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए संकट होगा। भारत ने अपने देश के नागरिकों की रक्षा करने के लिए एक अज्ञात दुश्मन से जंग लड़ी। लेकिन आज विश्व इस बात पर गर्व कर रहा है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है। ये लड़ाई किसी सरकार या व्यक्ति ने नहीं जीती, लेकिन भारत को तो इसका क्रेडिट जाता है।

इसके अलावा कोरोना से युद्ध के दौरान घरों में दीपक जलाने के पीएम मोदी के आह्वान को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन उसका भी मजाक उड़ाया गया।

विपक्ष ऐसी बातों में ना उलझे, जिनसे देश के मनोबल को चोट पहुंचे। वहीं कोरोना काल में ताली- थाली को लेकर विपक्ष की टिप्पणियों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आलोचना ठीक है लेकिन ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिससे देश का आत्मविश्वास प्रभावित होता हो। कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।

राज्यसभा में हंगामा कर रहे AAP के तीनों सांसद निष्कासित, लगा रहे थे ‘कृषि कानूनों को रद्द करो’ के नारे

दिल्ली। किसानों के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में भारी हंगामा कर रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के तीनों सांसद संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और एन.डी. गुप्ता को बुधवार को दिन भर के लिए निष्कासित कर दिया गया।

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शून्यकाल काल के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कराने का प्रयास किया तो आप के तीनों सांसद अपनी सीटों पर खड़े होकर नारे लगाने लगे। उन्होंने ‘कृषि कानूनों को रद्द करो’ के नारे लगाए।

वैंकैया नायडू ने कहा कि अभिभाषण पर चर्चा के दौरान ही किसानों के मुद्दे पर बहस करने की सहमति बन चुकी है। ऐसे में इन सदस्यों का सदन की कार्यवाही को बाधित करना अनुचित है। ये लोग वास्तव में किसानों के मुद्दे पर चचार् नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने तीनों सदस्यों से शांत होने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन इस पर भी तीनों सांसद नारे लगाते रहे।

किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया, कार्यवाही कल सुबह तक के लिए स्थगित

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश करते हुए इसे निराला बताया। कहा कि ऐसा बजट पहले कभी नहीं पेश हुआ। इसके बाद आज से उम्मीद लगाई जा रही है कि संसद के दोनों सदनों में माहौल गर्म रहेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष कृषि कानूनों और किसानों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

संसद का बजट सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ, हालांकि, विपक्ष ने उन किसानों को समर्थन देने के लिए संबोधन का बहिष्कार किया, जो नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की एक व्यय योजना का अनावरण किया और कहा कि अगर वह अब खर्च नहीं करती तो देश की वृद्धि में देरी होगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट 2021 अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।