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Galwan Valley में चीनी सैनिकों के छक्के छुड़ाने वाले इस भारतीय कैप्टन को मिला सम्मान

नई दिल्ली। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को गलवान के जाबांज 16 बिहार रेजिमेंट के कैप्‍टन सोइबा मानिंग्बा रंगनमे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कैप्‍टन सोइबा को सम्‍मानित किया।

इसकी जानकारी मुख्यमंत्री बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) ने ट्विटर के माध्यम से दी है। बता दें कि हाल ही में चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों की झड़प का एक वीडियो जारी किया था। जिसमें कैप्‍टन सोइबा मानिंग्बा चीनी सैन्‍य अफसरों पर हावी पड़ते दिखाई दिए थे। बता दें कि गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से गतिरोध के दौरान भारतीय सेना के कैप्टन सोइबा ने अपने जवानों का नेतृत्व किया था।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, “16 बिहार रेजीमेंट के मणिपुर के सेनापति जिले के कैप्टन कैप्टन सोइबा मानिंगबा रंगनामेई से मिलिए, चीनी पीएलए के खिलाफ संघर्ष के दौरान गलवान में अपने जवानों का नेतृत्व कर रहे थे। राष्ट्र के लिए खड़े होने के दौरान आपने (सोइबा) जो वीरता दिखाई है, उसने हम सभी को गौरवान्वित किया है।

 

16 घंटे चली भारत-चीन के बीच बातचीत, सैन्य वापसी पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। भारत और चीन ने शनिवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की, जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा। पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के दो दिन बाद कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की यह वार्ता संपन्न हुई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक चीन की ओर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मोल्दो सीमा क्षेत्र में सुबह 10 बजे शुरू हुई। कोर कमांडर स्तर पर चर्चा दोपहर 2 बजे तक जारी रही, सूत्रों के मुताबिक सेना की वापसी पर गोगरा, हॉटस्प्रिंग और डेपसांग प्लेन के साथ लंबी बातचीत हुई।

 

LAC पर विवादित जगहों से तैनाती हटाने को लेकर कल बातचीत करेगी भारत और चीन की सेना

नई दिल्ली। LAC की विभिन्न विवादित जगहों से तैनाती हटाने को लेकर भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधि शनिवार यानी कल 10वें दौर की वार्ता करेंगे। इस दौरान कमांडर्स हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी वाले डेपसांग मैदान जैसे टकराव वाली जगहों को लेकर बात करेंगे।

यह बातचीत सुबह 10 बजे चीनी पक्ष के मोल्डो में शुरू होगी। डेपसांग को पिछले साल मई में शुरू हुए गतिरोध का हिस्सा नहीं माना जा रहा था। लेकिन भारत ने सैन्य कमांडर की हालिया बैठकों में जोर दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर सभी मुद्दों को हल किया जाना चाहिए।

 

राजनाथ सिंह ने कहा-पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से लेकर अब तक जो भी निर्माण किए गये हैं उसे तोड़ा जाएगा  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को राज्यसभा में चीन सीमा विवाद और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति पर जानकारी दी। रक्षामंत्री ने कहा भारत और चीन अग्रिम मोर्चे पर तैनाती को चरणबद्ध तरीके हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों पर अभी समाधान बाकी है। भारत और चीन की सेना पैंगोग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटने को सहमत है। भारत अपनी सेनाओं को स्थाई आधार फिंगर 3 पर रखने को तैयार है।

चीन जहां उत्‍तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में जाएगा, वहीं भारतीय फिंगर 3 के पास स्थित मेजर धान सिंह थापा पोस्‍ट (परमानेंट बेस) पर रहेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट पूरा होने के बाद दोनों सेनाओं के बीच फिर बात होगी। राज्‍यसभा में उन्होंने जानकारी दी कि पैंगोंग झील के उत्‍तरी और दक्षिणी तट पर डिसइंगेजमेंट का समझौता हो गया है।

चीन इस बात पर भी सहमत हुआ है कि पूर्ण डिसइंगेजमेंट के 48 घंटों के भीतर सीनियर कमांडर लेवल की बातचीत हो और आगे की कार्यवाही पर चर्चा हो। रक्षा मंत्रीन ने बताया कि पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के मुताबिक चीन अपनी सेना को फिंगर 8 से पूर्व की ओर रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकड़ियों को फिंगर 3 के पास अपने परमानेंट बेस पर रखेगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण कई क्षेत्रों को चिन्हित कर हमारी सेनाएं वहां मौजूद हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के ऊपर भारत का ‘एज’ बना हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल पर हमारी बातचीत हुई है। हमने तीन सिद्धांतों पर जोर दिया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों तरफ से कोशिश करने पर ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा विवाद भी ऐसे ही सुलझाया जा सकता है।” सिंह ने कहा कि सीमा पर चीन ने जो कदम उठाए हैं, उससे भारत-चीन के संबंधों पर भी असर पड़ा है।

 

लद्दाख की ठंड नहीं झेल पा रहे चीनी सैनिक, ड्रैगन को हटाने पड़े 10 हजार जवान

नई दिल्ली। LAC पर तैनात चीन के हजारों सैनिक लद्दाख की ठंड नहीं झेल पा रहे हैं। चीन ने LAC पर डेप्थ इलाकों से अपने 10 हजार सैनिकों को हटा दिया है।

बता दें कि लद्दाख में  इन दिनों तापमान लगातार शून्य से नीचे जा रहा है। ऐसे में चीनी सैनिकों के हौसले भी पस्त होते जा रहे हैं। वहीं, गिरते तापमान के चलते चीन ने बड़ा कदम उठाया है।

बता दें कि बेहद ठंड और कठिन हालात की वजह से पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल से चीन ने अपने 10 हजार जवानों को हटा लिए हैं। भारतीय सीमा के पास 200 किलोमीटर के दायरे से चीनी सैनिक हट गए हैं। सरकारी सूत्रों से मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक लद्दाख में भारतीय सीमा के पास पारंपरिक तौर पर जहां चीनी सैनिक ट्रेनिंग करते थे, वो जगह फिलहाल खाली नजर आ रही है।