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भगवान महात्मा बुद्ध की क्रीड़ा स्थली सिद्धार्थनगर में तैयार प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों का करेंगे लोकार्पण- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सोमवार को उत्तर प्रदेश के अपने करीब छह घंटे के दौरे पर हजारों करोड़ का तोहफा देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को भगवान महात्मा बुद्ध की क्रीड़ा स्थली सिद्धार्थनगर में 2239 करोड़ की लागत से तैयार प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 5,189 करोड़ रुपए की लागत से तैयार विकास की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। वाराणसी में पीएम मोदी प्रधानमंत्री आत्मानिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ भी करेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिद्धार्थनगर के बीएसए मैदान में कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा सीएम योगी आदित्यनाथ से साथ पहुंचे हैं। यहां वह सिद्धार्थनगर समेत प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ बीएसए मैदान पर जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

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इससे पहले डुमरियगंज से सांसद भाजपा नेता जगदंबिका पाल ने विषय प्रवेश कराया और सरकार की उपलब्धियां गिनाई। संचालक आगंतुकों का अभिवादन करते हुए जय श्रीराम का जय घोष की और ऐतिहासिक क्षण में सभी से शामिल होने की अपील कर रही है।सिद्धार्थनगर जिला सोमवार को पूरी तरह से मोदी मय दिख रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर लोगों ने रविवार से भी अपनी तैयारी पूरी कर ली थी। आज तो सुबह सात बजे से कार्यक्रम लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लोग सात-सात किलोमीटर दूर से पैदल चलकर कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं की भी भारी भीड़ देखी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनसभा को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है। मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित धेन्सा क्षेत्र की सोनमती सुबह सात बजे अपने छह माह के बच्चे को गोद में लेकर पैदल ही निकल पड़ी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम सुबह पहुंचने पर ही बैठने की जगह मिल सकेगी। उन्होंने बताया अभी तक मोदी को सिर्फ टीवी पर मोबाइल पर देखा है। आज पहली बार उन्हें सामने से देखूंगी। यह स्थिति सिर्फ सोनमती की ही नहीं, बल्कि कपिया के विक्रम, पारा के महदेवा की भी रही। महदेवा के सुरेन्द्र सुबह आठ बजे साइकिल से कार्यक्रम स्थल के लिये निकल पड़े। स्थिति यह रही कि सुबह साढ़े आठ बजते-बजते सनई से कार्यक्रम स्थल तक, नौगढ़ से कार्यक्रम स्थल तक अपार भीड़ हो गई। वीआईपी को भी इसके चलते अपने वाहन आगे बढ़ाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी।

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इस दौरान भीड़ का जोश देखते ही बन रहा था। मुख्यालय के चारो तरफ भीड़ आगे बढ़ते हुए मोदी-योगी का नारा लगाते हुये दिखे। यहां तक उनके कार्यक्रम में पहुंचते ही पंडाल मोदी-योगी के जयकारे से गूंज उठी। इस दौरान कई युवा चेहरे पर मोदी मुखौटा लगाए कार्यक्रम में हैं।देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया के उद्घाटन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्क्रीन से लाइव प्रसारण भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री के वर्चुअल लोकार्पण की कमान डीएम आशुतोष निरंजन ने संभाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुद्ध की धरा से माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण और प्रदेश के आठ अन्य राज्य स्वशासी मेडिकल कालेजों का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत बने इन मेडिकल कालेजों की लागत 2239 करोड़ रुपये है। केन्द्रीय स्वास्थ्य, परिवार एवं कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया के साथ आ रहे प्रधानमंत्री यहां पर बीएसए मैदान में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशेष विमान से सोमवार की सुबह गोरखपुर पहुंचेंगे। जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वहां से हेलीकाप्टर से सुबह 10:30 बजे सिद्धार्थनगर आएंगे। सभी नौ मेडिकल कालेजों का थ्री-डी माडल, प्लान और कालेज के छायाचित्रों की प्रदर्शनी देखकर सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री यहां पर देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, जौनपुर के नवनिर्मित मेडिकल कालेजों का शुभारंभ करने के बाद जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

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प्रधानमंत्रर नरेन्द्र मोदी इसके बाद सिद्धार्थनगर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वाराणसी रवाना होंगे। सिद्धार्थनगर से वह दोपहर करीब एक बजे तक तक आराजीलाइन ब्लाक के मेहंदीगंज आएंगे। यहां पर जनसभा को संबोधित करने से पहले वाराणसी को को रिंग रोड फेज दो, दो सेतु, दो पार्किंग, बायो सीएनजी प्लांट, ई-नाम मंडी, वरुणा चैनेलाइजेशन समेत पूर्ण हो चुकी कुल 5189.06 करोड़ की 28 परियोजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री वर्ष 2021-2022 के बजट में प्रविधानित 64,128 करोड़ की राष्ट्रीय स्तर की ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत’ योजना को यहां पर लांच करेंगे। इससे देशभर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा। इससे जो ‘जहां बीमार वहीं उपचार’ की सोच को साकार होगी। यहां करीब दो घंटे के प्रवास में पीएम नरेन्द्र मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे

कोरोना से जंग अभी ख़तम नहीं हुई – पीएम मोदी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मंत्री मंडल के साथ बैठक

कोरोना से जंग अभी ख़तम नहीं हुई – पीएम मोदी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मंत्री मंडल के साथ बैठक

पीएम मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष को पढ़ाया पाठ….

नई दिल्ली  : देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा जो कभी किसानों के हक की बात करता था. आज वही सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों का विरोध कर रहा है। ऐसा केवल राजनीति के तहत किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में भी  किसानों ने रिकॉर्ड उत्‍पादन किया है। देश में खाद्यान्‍न का भंडार भरा रहा।

किसान आंदोलन की आड़ में सियासी रोटियां –

उन्‍होंने कहा कि श्रमजीवी और बुद्धिजीवियों के बीच एक नई जमात अब सामने आ रही है जिनका नाम आंदोलनजीवी। ये छात्रों का आंदोलन हो या किसानों का या और कोई, हर जगह पहुंच जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि ये आंदोलनजीवी लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। उन्‍होंने किसानों का समर्थन देने वाले विदेशियों पर भी तंज कसा। उन्‍होंने कहा कि एफडीआई जो फॉरेन डिस्‍ट्रक्टिव आइडियोलॉजी है, से बचने की देश को सख्‍त जरूरत है। आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में कई विदेशियों ने किसान आंदोलन का समर्थन बिना कृषि सुधारों को जाने बिना किया है। पीएम मोदी ने इनपर ही अपना निशाना साधा है। उन्‍होंने ये भी कहा कि कोरोना काल में भी पड़ोसी देश ने सीमा पर तनाव व्‍याप्‍त करने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इसका हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और चीन को करारा जवाब भी दिया। सीमा के सवाल पर सरकार किसी के सामने झुकने वाली नहीं है।

कोरोना काल में भारत ने मानवता को बचाने का काम किया है

उन्‍होंने कहा कि दुनिया के किसी भी अस्‍पताल के ऑपरेशन थियेटर में जब मरीज डॉक्‍टरों की भीड़ में किसी भारतीय को देखता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है। यही आत्‍मविश्‍वास भारत ने इतने वर्षों में कमाया है। केंद्र और राज्‍यों ने मिलकर देश को यहां तक पहुंचाया है। कोरोना काल में आए संकट को अवसर में बदलने का काम दोनों ने मिलकर किया है।

हमारा मन लोकतात्रिक है – पीएम मोदी

उन्‍होंने कांग्रेस के सांसद बाजवा के कहे गए बयानों पर तंज लेते हुए कहा कि जब वो उन्‍हें सुन रहे थे तो उन्‍हें लगा कि वो शायद इमरजेंसी और सिख विरोधी हिंसा की भी बात करेंगे। उन्‍होंने इस दौरान नेताजी का वो बयान भी सदन में पढ़ा जिसमें उन्‍होंने कहा था कि भारत पश्चिमी सभ्‍यता से प्रभावित नहीं रहा है। भारत का इतिहास इस बात का गवाह रहा है। आज भारत को उसके ऊपर हो रहे हमले से बचाने की जरूरत है। ये सत्‍यम शिवम सुंद्रम से सुसोजित है। पीएम मोदी ने कहा कि जाने अंजाने में आज हमनें उनके आदर्शों को भुला दिया है। हम दुनिया के दिए शब्‍दों को आगे लेकर बढ़ जाते हैं और अपना शब्‍द भूल जाते हैं। हम केवल बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है बल्कि हम इसकी जड़ हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को बताना होगा। हमारा मन लोकतात्रिक है। आपातकाल के दौरान पूरा देश जेल में बदल चुका था। इसके बाद भी इसकी लोकतांत्रिक जड़ों को नहीं हिला पाया। इसलिए लोकतांत्रिक मूल्‍यों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना है।

भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं

आत्‍मनिर्भर भारत पर बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया के लोग कोरोना काल में निवेश को तरस रहे हैं। भारत में ऐसा नहीं है। वहीं दुनिया भारत को डबल डीजिट की तरफ बढ़ते देख रही है। आज भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं। कुछ समय पहले डिजिटाइलेजशन को लेकर सवाल उठते थे। आज नजारा सभी के सामने है। आने वाले समय में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। जल थल और नभ में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।

गरीबों के मन में आत्‍म्‍विश्‍वास को जगाना होगा

2014 में जब पहली बार सदन में आया तो कहा था कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित है। आज भी इसमें बदलाव नहीं हुआ है। हमें देश को आगे बढ़ाने के लिए गरीबी को खत्‍म करना ही होगा। इसको कम या रोका नहीं जा सकता है। गरीबों के मन में आत्‍म्‍विश्‍वास को जगाना होगा इसके बाद वो फिर खुद इसको खत्‍म करने में जुट जाएगा। दो करोड़ से अधिक गरीबों के लिए घर बने और आठ करोड़ से अधिक गैस कनेक्‍शन दिए गए। इन योजनाओं से गरीबों के जीवन में बदलाव आया है और उनका आत्‍मविश्‍वास बढ़ा है। चुनौतियों के बीच हमें ये तय करना होगा कि समस्‍या का हिस्‍सा बनें या इसका समाधान तलाशें। समस्‍या का हिस्‍सा बनने से केवल राजनति की जा सकती है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि सभी साथ मिलकर काम करेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई बातें सदन में रखीं

किसान आंदोलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किस बात को लेकर आंदोलन इसको किसी ने स्‍पष्‍ट नहीं किया। इसके मूलभूत बातों पर किसी पर ध्‍यान नहीं दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई बातें सदन में रखीं। देवेगौड़ा ने सरकार के सहयोग का समर्थन किया और उन्‍हें सुझाव भी दिया। इसके लिए उनका आभार। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था 36 फीसद ऐसे किसान हैजिनके पास दो बीघा कम है। 18 फीसद के पास आधा हैक्‍टेयर से कम है। वो कितनी भी मेहनत करे उनकी गुजर बसर करना मुश्किल है। छोटे किसानों का जीवन यापन मुश्किल है। देश में ऐसे किसानों की संख्‍या बढ़ रही है उनके पास बेहद कम जमीन है। 12 करोड़ किसानों के पास केवल दो हैक्‍टेयर से भी कम की जमीन है। इनके बारे में सोचना जरूरी है।

 सीधे किसानों के खाते में पैसे भेजे गए

चुनाव के दौरान कर्जमाफी की घोषणा में छोटे किसान नहीं आते हैं। इसमें केवल राजनीति होती है। इस तरह की घोषणाओं से इनका कोई फायदा नहीं होता है। 2014 के बाद किसानों को लाभ देने के लिए सरकार ने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा तो 90 हजार करोड़ रुपये का क्‍लेम किसानों को दिया गया। किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाया गया। पौने दो करोड़ किसान आज इसके दायरे में हैं और फायदा उठा रहे हैं। पीएम सम्‍मान निधि योजना के तहत सीधे किसानों के खाते में पैसे पहुंचाए गए। बंगाल में राजनीति की वजह से इसमें रुकावट आई। एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये किसानों को मिला है। यूरिया को छोटे किसानों तक पहुंचाने का किसान सरकार ने किया। पेंशन की सुविधा उन्‍हें दी। सड़कों के माध्‍यम से हम किसानों तक पहुंचे। किसान रेल की शुरुआत हुई तो दूर दराज के किसानों को नई राह दिखाई दी। किसान उड़ान योजना का फायदा आज किसान ले रहे हैं।

शरद पवार ने नए कानून का किया समर्थन

छोटे किसानों के सशक्तिकरण की वकालत हर किसी ने की है। हर सरकार ने इसके बारे में कहा है। शरद पवार ने नए कानून में सुधारों का समर्थन किया है। उन्‍होंने कहा कि हमें जो अब लगा है वो हमनें किया है। आगे भी इसमें सुधार की गुंजाइश है। लेकिन इसकी वकालत करने वालों ने अचानक यू टर्न ले लिया है। उनके ऊपर राजनीति हावी हैं। उन्‍हें ये बताना चाहिए कि सुधारों को किया जाना चाहिए। उन्‍होंने इस संदर्भ में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का एक बयान भी राज्‍य सभा में पढ़ा। उन्‍होंने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह ने किसान को अपनी उपज कहीं भी बेचने का अधिकार देने की बात कही थी। लिहाजा विपक्ष को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बात इस सरकार को माननी ही पड़ी है। दूध के क्षेत्र में एक ऐसी सप्‍लाई चेन बनी है जो बेहद मजबूत है। इसका लाभ इन लोगों को मिल रहे हैं। ये मजबूती पिछली सरकारों में मिली है। इसका करीब 8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है।