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उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते थे और हम काम करते करते नहीं थकते हैं-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

महोबा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जुन सहायक बांध समेत 32.64 अरब की परियोजनाओं का लोकार्पण करके बुंदेलखंड की वर्षों की प्यास बुझाई। इन परियाजनाओं से न सिर्फ लोगों की प्यास बुझी है बल्कि सूखी धरा पर फसलों की हरियाली लौटी है। लोकार्पण कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री के निशाने पूर्ववर्ती परिवारवादी सरकारें रहीं, नाम लिए बगैर उन्होंने पूर्व की सरकारों की उपेक्षा से बुंदलखंड की दुर्गति की कहानी बयां की और कर्मयोगियों की सरकार द्वारा क्षेत्र में काराए विकास कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वो उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते थे और हम काम करते करते नहीं थकते हैं। उन्होंने कर्मयोगियों की डबल इंजन वाली सरकार द्वारा ही नल से जल देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जौन महोबा की धरा में अल्हा ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण कण में समाई है, वा महोबा के वासियों को हमाओ कोटि-कोट प्रणाम पहुंचे। कहा, जनजाति सप्ताह मनाया जा रहा है, इस समय में आल्हा ऊदल की भूमि पर आना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव का प्रकाशपर्व है, देश और दुनियों के लोगों को गुरुपर्व की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी और बुंदेलखंड की शाम वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। यहां से मैं झांसी जाऊंगा, जहां डिफेंस का बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, बीते सालों में हम कैसे कमरों में बंद भारत सरकार को देश के कोने कोने में लाए हैं, महोबा इसका साक्षात उदाहरण है। कुछ महीने पहले यहां से पूरे देश के लिए उज्जवाला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों को वादा किया था कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर रहूंगा, महोबा में किया वादा अब पूरा हो चुका है। भाइयो बहनों और किसान भाइयों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण करने का मौका मिला है। तीन हजार करोड़ की लागत से बनी इन परियोजनाओं से हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा हो। इससे पीने के शुद्धा पानी भी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। आपका प्यार मेरे लिए बहुत कुछ है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिये क्योंकि पानी से ही जीवन मिलता है। महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था। बुंदेल, परिहार और चंदेल राजाओं के काल में यहां तालाबों और सरोवरों पर जो काम हुआ वह आज भी जल संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिंध, बेतवा, केन जैसी नदियों के पानी ने बुंदेलखंड को समृद्धि और प्रसिद्धि भी दी। यही बुंदेलखंड का चित्रकूट की धरती ने प्रभु राम को आशीर्वाद दिया और वन संपदा ने उनका साथ दिया। लेकिन सवाल यह है कि कुछ समय बाद यही क्षेत्र पानी की चुनौतियां और पलायन का केंद्र कैसे बन गया। क्यों इस क्षेत्र के लोग बेटियों का ब्याह करने से कतराने लगे क्यों यहां कि बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी करने की कामना करने लगीं, इसे यहां के लोग बेहतर जानते हैं।

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परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के गांवों को प्यासा रखा-पीएम मोदी

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर भूमि महोबा में 3,240 करोड़ रुपये की अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना, मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा है। परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं।

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कारिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है। हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में कदम उठाए हैं। बीते 7 वर्षों में 1,600 से अधिक अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए गए हैं। जिनमें से अनेक बीज कम पानी में अधिक पैदावार देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जौन महोबा की धरा में अल्हा ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण कण में समाई है, वा महोबा के वासियों को हमाओ कोटि-कोट प्रणाम पहुंचे। कहा, जनजाति सप्ताह मनाया जा रहा है, इस समय में आल्हा ऊदल की भूमि पर आना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव का प्रकाशपर्व है, देश और दुनियों के लोगों को गुरुपर्व की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी और बुंदेलखंड की शाम वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। यहां से मैं झांसी जाऊंगा, जहां डिफेंस का बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, बीते सालों में हम कैसे कमरों में बंद भारत सरकार को देश के कोने कोने में लाए हैं, महोबा इसका साक्षात उदाहरण है। कुछ महीने पहले यहां से पूरे देश के लिए उज्जवाला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों को वादा किया था कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर रहूंगा, महोबा में किया वादा अब पूरा हो चुका है। भाइयो बहनों और किसान भाइयों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण करने का मौका मिला है। तीन हजार करोड़ की लागत से बनी इन परियोजनाओं से हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा हो। इससे पीने के शुद्धा पानी भी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। आपका प्यार मेरे लिए बहुत कुछ है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिये क्योंकि पानी से ही जीवन मिलता है। महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था

लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अब प्रदेश भरेगा रफ्तार ,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को करेंगे लोकार्पण

लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक करीब 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अब प्रदेश रफ्तार भरेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार प्रदेश के विकास का आधार बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दिन में करीब तीन बजे इसका लोकार्पण करेंगे। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बतौर मिशन लिया और रिकॉर्ड समय में पूरा किया। यहां पर निर्माण काल कोरोना संक्रमण काल में भी एक दिन के लिए रुका। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2018 में इसका शिलान्यास किया था और अक्टूबर-2018 से यहां पर कार्य शुरू कर दिया गया। लखनऊ के चांदसराय से गाजीपुर के हैदरिया तक बने 340.824 किलोमीटर लम्बे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अक्टूबर 2021 में पूरा हो गया। तीन वर्ष में दो वर्ष तक दो कोरोना संक्रमण की लहर के इसका निर्माण कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2018 में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। अब 16 नवंबर को इसका लोकार्पण भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही कर रहे हैं।

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प्रदेश सरकार की इस बड़ी परियोजना की कुल अनुमानित लागत 22,494.66 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 11,216.10 करोड़ है। इसके निर्माण के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को कुल आठ पैकेजों में बांटा गया था। इसके निर्माण का लाभ लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर जनपद को मिलेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ आठ स्थलों पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की भी स्थापना होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में जाना जाएगा। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में जो प्रयास प्रारम्भ हुए उसी के तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की बहुत बड़ी भूमिका होगी। इसमें सुलतानपुर के पास करीब 3.2 किलोमीटर लंबी एक एयरस्ट्रिप भी है। जिस पर भारतीय वायुसेना के सभी लड़ाकू विमान भी उतर सकते हैं। इसको बेहद मजबूत बनाया गया है। सेना का लगेज कैरियर प्लेन भी यहां पर लैंड तथा टेक ऑफ करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब 16 नवंबर को इसका लोकार्पण करेंगे तब यहां पर पूरी भव्यता के साथ एयरफोर्स का एक एयर शो भी होगा।

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योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा है कि प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे अगले महीने यानी दिसंबर में तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही गोरखपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे व बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे पर प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इसके लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान करीब 30 लड़ाकू विमान आसमान में करतब दिखाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम में एयर शो आकर्षण का केंद्र होगा। इस एयर शो में राफेल, सुखोई, मिराज जैसे फाइटर प्लेन करतब दिखाएंगे। इसमें मिराज 2000 और सुखोई विमान इमरजेंसी हवाई पट्टी पर टेकऑफ और लैंडिंग करेंगे। सी-130 हरक्यूलस का भी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर ट्रायल रन होगा। 

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन’ का किया उद्घाटन, पीएम मोदी ने कहा- बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में पुनर्विकसित ‘रानी कमलापति रेलवे स्टेशन’ का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे की कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भोपाल और मध्य प्रदेश के साथ साथ पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास और वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है। भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक और उज्जवल है, इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस आधुनिक स्टेशन पर जो भी आएगा, उसे दिखाई देगा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भोपाल के इस रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि रानी कमलापति जी का नाम इससे जुड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। रेलवे स्टेशन के पूरे ईको सिस्टम को इसी प्रकार ट्रांसफार्म करने के लिए आज देश के 175 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है और बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम मास्टर प्लान को आधार बनाकर चलेंगे तो देश के संसाधनों का भी सही उपयोग होगा। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत सरकार अलग अलग मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है। बीते सात वर्षों में हर वर्ष औसतन 2,500 किमी ट्रैक कमीशन किया गया है जबकि उससे पहले के वर्षों में ये 1,500 किमी के आस-पास ही होता था। पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार पांच गुना से अधिक हुई है। पीएम मोदी ने कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्‍कालीन यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए यदि उपयोग किया भी गया तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। सरकार की ओर से रामायण सर्किट ट्रेन की शुरुआत ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है।

जानें किन मुद्दों को उठाएगा भारत,जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने इटली पहुंचे पीएम मोदी

जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी इटली के रोम पहुंच गए हैं। वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 30-31 अक्टूबर तक होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार देर रात इटली और ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। वह इटली में 29 से 31 अक्टूबर तक रहेंगे। रोम में वह दुनिया में आर्थिक तौर पर सबसे समृद्ध शीर्ष 20 देशों के संगठन जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद मोदी ब्रिटेन के शहर ग्लासगो जाएंगे जहां एक से दो नवंबर को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के तत्वावधान में आयोजित बैठक काप-26 में हिस्सा लेंगे।अगले पांच दिनों के दौरान पीएम कई बहुराष्ट्रीय समारोहों व आयोजनों में हिस्सा लेने के साथ ही वेटिकन में पोप फ्रांसिस, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इटली के पीएम मोरियो द्रागी, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन सहित कई राष्ट्र प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगेविदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 की बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के साथ कोरोना महामारी के बाद आर्थिक व स्वास्थ्य रिकवरी पर चर्चा होगी। विश्व की मौजूदा व्यवस्था के साथ ही महामारी के बाद जी-20 देश किस तरह से फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, इस पर भी चर्चा होगी। कोरोना काल के बाद इस समूह के देशों के प्रमुखों की यह पहली आमने-सामने की बैठक होगी।

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विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से संबंधित मुद्दों को उठाएगा। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा वक्‍त में आतंकी फंडिंग और आतंकवाद की गतिविधियों का दुनिया पर प्रभाव पड़ रहा है जिसकी ओर भारत वैश्विक नेताओं का ध्‍यान आकर्षित कर सकता है। दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि एक-दो नवंबर, 2021 को काप-26 की बैठक में दुनिया के 120 देशों के प्रमुखों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। वह पर्यावरण सुरक्षा के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले तमाम कदमों की जानकारी देंगे। विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा और आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सम्‍मेलन से कोविड-19 महामारी से मुकाबले समेत दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर ठोस नतीजे निकल सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि जी-20 का मंच भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने का महत्वपूर्ण मंच है।

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इस दौरे के बारे में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि ग्लासगो में पीएम मोदी ब्रिटिश पीएम जानसन की अध्यक्षता में कुछ चयनित शीर्ष नेताओं की विशेष बैठक में हिस्सा लेंगे। बाद में वह ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों और दूसरे शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर वन सन, वन व‌र्ल्ड, वन ग्रिड (ओएसओडब्लूओजी) लांच करेंगे।’वन सन, वन व‌र्ल्ड, वन ग्रिड’ अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस के तहत होगा। इसका मकसद दुनिया में सोलर एनर्जी से चलने वाले सभी ग्रिड को एक साथ जोड़ना है। यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना होगी। पीएम मोदी छोटे द्वीप देशों में ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर एक खास अभियान को भी लांच करेंगे। जी-20 देशों की बैठक के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान को दुनिया के भावी आर्थिक एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है। भारत आज अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के तहत सबसे ज्यादा बिजली क्षमता स्थापित करने वाला देश बन गया है। भारत एक नये तरह का रिकार्ड बना रहा है। असलियत में भारत इस समूह का इकलौता देश है, जो पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े लक्ष्यों को समय रहते हासिल कर रहा है। पिछले छह से सात वर्षों में भारत ने विंड, सोलर व दूसरे स्त्रोतों से बनने वाली बिजली की क्षमता में 250 प्रतिशत का इजाफा किया है। वहीं इटली में भारतीय राजदूत डॉ नीना मल्होत्रा ने बताया कि पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली रोम यात्रा होगी। यही नहीं लगभग 12 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की रोम की यह पहली यात्रा होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत-इटली के बीच संबंधों को पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ावा मिला है। इस साल जनवरी-जुलाई के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 36 फीसद की वृद्धि देखी गई है। कोरोना के बावजूद भारत में इटली द्वारा निवेश में वृद्धि हुई है। भारत में लगभग 700 कंपनियां इटली की हैं। साथ ही 100 से अधिक भारतीय कंपनियां इटली में मौजूद हैं।

भारत ने हमेशा विश्व शांति के लिए किया काम-पीएम मोदी बोले,मन की बात में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 82वें संस्करण पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने 100 करोड़ टीकाकरण के लिए देशवासियों को बधाई दी। पीएम ने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन के लक्ष्य को पार करने के बाद आज देश नए उत्साह, नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता, भारत के सामर्थ्य को दिखाती है।

भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से है, जो ड्रोन की मदद से अपने गांव में जमीन के डिजिटल रिकार्ड तैयार कर रहा है। अपातकाल में मदद पहुंचाने से लेकर कानून व्यवस्था की निगरानी तक ड्रोन से की जा रही है। हमें ड्रोन टेक्नोलाजी (Drone Technology) में अग्रणी देश बनना है। इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है: पीएम मोदी

आप लोकल खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी। मुझे पूरा भरोसा है जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी। इतने त्योहार एक साथ होते हैं तो उनकी तैयारियां भी काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। आप सब भी अभी से खरीदारी का प्लान करने लगे होंगे, लेकिन आपको याद है, खरीदारी मतलब ‘वोकल फार लोकल’: पीएम मोदी

पहले ये धारणा बन गई थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है लेकिन आज ऐसा नहीं है। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (Bureau of Police Research and Development) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी हो गई है। 2014 में जहां इनकी संक्या 1 लाख 5 हजार थी, वहीं इसमें अब 2020 तक दोगुनी से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है: पीएम मोदी

स्वच्छता के प्रयास तभी पूरी तरह सफल होते हैं जब हर नागरिक स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी समझे। अभी दीपावली पर हम सब अपनी घर की साफ सफाई में तो जुटने ही वाले हैं, लेकिन इस दौरान हमें ध्यान रखना है कि हमारे घर के साथ हमारा आस-पड़ोस भी साफ रहे: पीएम मोदी

भारत ने सदैव विश्व ​शांति के लिए काम किया है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत 1950 के दशक से लगातार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा रहा है। गरीबी हटाने, जलवायु परिवर्तन और श्रमिकों से संबंधित मुद्दों के समाधान में भी भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है: पीएम मोदी

1947-48 में जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का सार्वजनिक घोषणापत्र तैयार हो रहा था तो उस घोषणापत्र में लिखा जा रहा था All Men are created Equal, लेकिन भारत के एक दल ने इस पर आपत्ति जताई और फिर सार्वजनिक घोषणापत्र में लिखा गया- All Human Beings are created Equal: पीएम मोदी

भारत ने सदैव विश्व ​शांति के लिए काम किया है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत 1950 के दशक से लगातार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा रहा है। गरीबी हटाने, जलवायु परिवर्तन और श्रमिकों से संबंधित मुद्दों के समाधान में भी भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है: पीएम मोदी

अगले महीने, 15 नवम्बर को हमारे देश के महापुरुष, वीर योद्धा, भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म-जयंती आने वाली है। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों की प्रति गर्व करना सिखाया: पीएम मोदी

आप कल्पना करिए, जब आजादी के आंदोलन से जुड़ी रंगोली बनेगी, लोग अपने द्वार पर, दीवार पर, किसी आजादी के मतवाले का चित्र बनाएंगे, आजादी की किसी घटना को रंगों से दिखाएंगे, तो, अमृत महोत्सव का भी रंग और बढ़ जाएगा: पीएम मोदी

सरदार साहब कहते थे कि, हम अपने एकजुट उद्यम से ही देश को नई महान ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं। अगर हममें एकता नहीं हुई तो हम खुद को नई-नई विपदाओं में फंसा देंगे। यानी राष्ट्रीय एकता है तो ऊंचाई है, विकास है। हमारी आजादी का आंदोलन तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है: पीएम मोदी

हम 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। हम सभी का दायित्व है कि हम एकता का संदेश देने वाली किसी न किसी गतिविधि से जरूर जुड़ें। अगले रविवार, 31 अक्तूबर को सरदार पटेल जी की जन्म जयंती है। मन की बात के हर श्रोता की तरफ से, और मेरी तरफ से, मैं, लौहपुरुष को नमन करता हूं : पीएम मोदी

100 करोड़ वैक्सीन डोज़ के बाद आज देश नए उत्साह और नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। हमारे वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता भारत के सामर्थ्य को दिखाती है, सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है: पीएम मोदी

हमारे स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने अथक परिश्रम और संकल्प से एक नई मिसाल पेश की। उन्होंने इनोवेशन के साथ अपने दृढ़ निश्चय से मानवता की सेवा का एक नया मानदंड स्थापित किया: पीएम मोदी

मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण आल इंडिया रेडियो के पूरे नेटवर्क, दूरदर्शन, एआइआर न्यूज और मोबाइल ऐप के साथ साथ आफिशियल यूट्यूब चैनल और ट्विटर पर किया जाएगा। मन की बात प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो संबोधन है, जो हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है, लेकिन इस बार कार्यक्रम का प्रसारण महीने के दूसरे आखिरी रविवार को किया जा रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने 26 सितंबर को मन की बात के 81वें एपिसोड में भारतीय संस्कृति में वर्षा जल संचयन के महत्व को रेखांकित किया था। पीएम मोदी ने जल-जीलानी एकादशी और छठ के पारंपरिक त्योहारों की तुलना राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम) के अभियान कैच द रेन से की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई तक एक देश, एक राशन कार्ड योजना को लागू करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई तक एक देश, एक राशन कार्ड योजना को लागू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट के मुताबिक ऐसे हर परिवार के लिए और परिवार के हर सदस्य के लिए राशन-पानी का इंतजाम उसी स्थान पर होना चाहिए, जहां वे रह रहे हों। गौरतलब है कि पिछले साल जब पूरी दुनिया पहली बार कोरोना संकट की मार ङोल रही थी, समस्याओं के समाधान के लिए नए-नए उपायों पर बल दिया जा रहा था, तब प्रवासी मजदूरों के भरण-पोषण की समस्या ने पूरे देश का ध्यान खींचा था।

जिन राज्यों में मजदूर काम करने गए थे, उन राज्यों के राशन कार्ड नहीं होने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ वे नहीं उठा पा रहे थे। तब इस योजना की जरूरत बड़ी शिद्दत से महसूस की जा रही थी। तब मोदी सरकार ने भी ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का एलान किया था। हालांकि इसकी शुरुआत अप्रैल, 2018 में ही हो गई थी, लेकिन कई सारी समस्याओं के कारण इसका दायरा तय समय में नहीं बढ़ाया जा सका।

यह भी एक तथ्य है कि मार्च, 2021 से पहले 100 फीसद नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल करने का लक्ष्य रखा गया था। इससे जो मजदूर जिस राज्य में हैं, उन्हें उसी राज्य में उनके मूल राज्य के राशन कार्ड पर अनाज मिल जाता, लेकिन जून गुजर जाने तक भी इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका। अब अदालत ने राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को इस बाबत सख्त निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल डेवलप करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।

इस योजना के तहत लाभार्थी किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के सरकारी दुकानों से राशन खरीदने में सक्षम हो पाएंगे। जैसे उत्तर प्रदेश का एक मजदूर अगर हैदराबाद में काम करने गया है तो वह उत्तर प्रदेश वाले राशन कार्ड पर हैदराबाद में भी सब्सिडी वाला अनाज प्राप्त कर सकता है। साथ ही अगर कोई मजदूर अपने राज्य के अंदर ही एक जिले से दूसरे जिले में काम करने जाता है तो वहां भी वह राशन कार्ड की सुविधा हासिल कर सकता है। हालांकि इसके लिए मोबाइल सिम कार्ड की तरह ही राशन कार्ड को भी पोर्टेबल कराना जरूरी होगा। पहले तो राशन कार्ड को आधार से लिंक करना होगा। इसके बाद सिम कार्ड पोर्टेबिलिटी में हम जिस तरह नेटवर्क कंपनी बदलते हैं उसी तरह इस योजना में हमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान बदलनी होगी।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष को पढ़ाया पाठ….

नई दिल्ली  : देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा जो कभी किसानों के हक की बात करता था. आज वही सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों का विरोध कर रहा है। ऐसा केवल राजनीति के तहत किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में भी  किसानों ने रिकॉर्ड उत्‍पादन किया है। देश में खाद्यान्‍न का भंडार भरा रहा।

किसान आंदोलन की आड़ में सियासी रोटियां –

उन्‍होंने कहा कि श्रमजीवी और बुद्धिजीवियों के बीच एक नई जमात अब सामने आ रही है जिनका नाम आंदोलनजीवी। ये छात्रों का आंदोलन हो या किसानों का या और कोई, हर जगह पहुंच जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि ये आंदोलनजीवी लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। उन्‍होंने किसानों का समर्थन देने वाले विदेशियों पर भी तंज कसा। उन्‍होंने कहा कि एफडीआई जो फॉरेन डिस्‍ट्रक्टिव आइडियोलॉजी है, से बचने की देश को सख्‍त जरूरत है। आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में कई विदेशियों ने किसान आंदोलन का समर्थन बिना कृषि सुधारों को जाने बिना किया है। पीएम मोदी ने इनपर ही अपना निशाना साधा है। उन्‍होंने ये भी कहा कि कोरोना काल में भी पड़ोसी देश ने सीमा पर तनाव व्‍याप्‍त करने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इसका हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और चीन को करारा जवाब भी दिया। सीमा के सवाल पर सरकार किसी के सामने झुकने वाली नहीं है।

कोरोना काल में भारत ने मानवता को बचाने का काम किया है

उन्‍होंने कहा कि दुनिया के किसी भी अस्‍पताल के ऑपरेशन थियेटर में जब मरीज डॉक्‍टरों की भीड़ में किसी भारतीय को देखता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है। यही आत्‍मविश्‍वास भारत ने इतने वर्षों में कमाया है। केंद्र और राज्‍यों ने मिलकर देश को यहां तक पहुंचाया है। कोरोना काल में आए संकट को अवसर में बदलने का काम दोनों ने मिलकर किया है।

हमारा मन लोकतात्रिक है – पीएम मोदी

उन्‍होंने कांग्रेस के सांसद बाजवा के कहे गए बयानों पर तंज लेते हुए कहा कि जब वो उन्‍हें सुन रहे थे तो उन्‍हें लगा कि वो शायद इमरजेंसी और सिख विरोधी हिंसा की भी बात करेंगे। उन्‍होंने इस दौरान नेताजी का वो बयान भी सदन में पढ़ा जिसमें उन्‍होंने कहा था कि भारत पश्चिमी सभ्‍यता से प्रभावित नहीं रहा है। भारत का इतिहास इस बात का गवाह रहा है। आज भारत को उसके ऊपर हो रहे हमले से बचाने की जरूरत है। ये सत्‍यम शिवम सुंद्रम से सुसोजित है। पीएम मोदी ने कहा कि जाने अंजाने में आज हमनें उनके आदर्शों को भुला दिया है। हम दुनिया के दिए शब्‍दों को आगे लेकर बढ़ जाते हैं और अपना शब्‍द भूल जाते हैं। हम केवल बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है बल्कि हम इसकी जड़ हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को बताना होगा। हमारा मन लोकतात्रिक है। आपातकाल के दौरान पूरा देश जेल में बदल चुका था। इसके बाद भी इसकी लोकतांत्रिक जड़ों को नहीं हिला पाया। इसलिए लोकतांत्रिक मूल्‍यों की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना है।

भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं

आत्‍मनिर्भर भारत पर बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया के लोग कोरोना काल में निवेश को तरस रहे हैं। भारत में ऐसा नहीं है। वहीं दुनिया भारत को डबल डीजिट की तरफ बढ़ते देख रही है। आज भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं। कुछ समय पहले डिजिटाइलेजशन को लेकर सवाल उठते थे। आज नजारा सभी के सामने है। आने वाले समय में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। जल थल और नभ में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।

गरीबों के मन में आत्‍म्‍विश्‍वास को जगाना होगा

2014 में जब पहली बार सदन में आया तो कहा था कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित है। आज भी इसमें बदलाव नहीं हुआ है। हमें देश को आगे बढ़ाने के लिए गरीबी को खत्‍म करना ही होगा। इसको कम या रोका नहीं जा सकता है। गरीबों के मन में आत्‍म्‍विश्‍वास को जगाना होगा इसके बाद वो फिर खुद इसको खत्‍म करने में जुट जाएगा। दो करोड़ से अधिक गरीबों के लिए घर बने और आठ करोड़ से अधिक गैस कनेक्‍शन दिए गए। इन योजनाओं से गरीबों के जीवन में बदलाव आया है और उनका आत्‍मविश्‍वास बढ़ा है। चुनौतियों के बीच हमें ये तय करना होगा कि समस्‍या का हिस्‍सा बनें या इसका समाधान तलाशें। समस्‍या का हिस्‍सा बनने से केवल राजनति की जा सकती है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि सभी साथ मिलकर काम करेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई बातें सदन में रखीं

किसान आंदोलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किस बात को लेकर आंदोलन इसको किसी ने स्‍पष्‍ट नहीं किया। इसके मूलभूत बातों पर किसी पर ध्‍यान नहीं दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई बातें सदन में रखीं। देवेगौड़ा ने सरकार के सहयोग का समर्थन किया और उन्‍हें सुझाव भी दिया। इसके लिए उनका आभार। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था 36 फीसद ऐसे किसान हैजिनके पास दो बीघा कम है। 18 फीसद के पास आधा हैक्‍टेयर से कम है। वो कितनी भी मेहनत करे उनकी गुजर बसर करना मुश्किल है। छोटे किसानों का जीवन यापन मुश्किल है। देश में ऐसे किसानों की संख्‍या बढ़ रही है उनके पास बेहद कम जमीन है। 12 करोड़ किसानों के पास केवल दो हैक्‍टेयर से भी कम की जमीन है। इनके बारे में सोचना जरूरी है।

 सीधे किसानों के खाते में पैसे भेजे गए

चुनाव के दौरान कर्जमाफी की घोषणा में छोटे किसान नहीं आते हैं। इसमें केवल राजनीति होती है। इस तरह की घोषणाओं से इनका कोई फायदा नहीं होता है। 2014 के बाद किसानों को लाभ देने के लिए सरकार ने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा तो 90 हजार करोड़ रुपये का क्‍लेम किसानों को दिया गया। किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाया गया। पौने दो करोड़ किसान आज इसके दायरे में हैं और फायदा उठा रहे हैं। पीएम सम्‍मान निधि योजना के तहत सीधे किसानों के खाते में पैसे पहुंचाए गए। बंगाल में राजनीति की वजह से इसमें रुकावट आई। एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये किसानों को मिला है। यूरिया को छोटे किसानों तक पहुंचाने का किसान सरकार ने किया। पेंशन की सुविधा उन्‍हें दी। सड़कों के माध्‍यम से हम किसानों तक पहुंचे। किसान रेल की शुरुआत हुई तो दूर दराज के किसानों को नई राह दिखाई दी। किसान उड़ान योजना का फायदा आज किसान ले रहे हैं।

शरद पवार ने नए कानून का किया समर्थन

छोटे किसानों के सशक्तिकरण की वकालत हर किसी ने की है। हर सरकार ने इसके बारे में कहा है। शरद पवार ने नए कानून में सुधारों का समर्थन किया है। उन्‍होंने कहा कि हमें जो अब लगा है वो हमनें किया है। आगे भी इसमें सुधार की गुंजाइश है। लेकिन इसकी वकालत करने वालों ने अचानक यू टर्न ले लिया है। उनके ऊपर राजनीति हावी हैं। उन्‍हें ये बताना चाहिए कि सुधारों को किया जाना चाहिए। उन्‍होंने इस संदर्भ में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का एक बयान भी राज्‍य सभा में पढ़ा। उन्‍होंने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह ने किसान को अपनी उपज कहीं भी बेचने का अधिकार देने की बात कही थी। लिहाजा विपक्ष को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बात इस सरकार को माननी ही पड़ी है। दूध के क्षेत्र में एक ऐसी सप्‍लाई चेन बनी है जो बेहद मजबूत है। इसका लाभ इन लोगों को मिल रहे हैं। ये मजबूती पिछली सरकारों में मिली है। इसका करीब 8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है।

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