DESK: गुजरात के मोरबी में हुए भयानक हादसे के बाद इसकी जांच विशेष जांच दल ने शुरू कर दी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी मंगलवार को मोरबी जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी कल दोपहर 1 बजे मोरबी जा सकते हैं। मोरबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीड़ित लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई। गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है। बता दें कि रविवार को हुए इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर दुख व्यक्त किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि गुजरात में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की है।
मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। मोरबी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इस हादसे में घायल लोगों से मिल सकते हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी ने राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है। वह अहमदाबाद में कुछ रेल परियोजनाओं के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि मोदी की उपस्थिति में मंगलवार को होने वाले ”पेज कमिटी सम्मेलन” को भी रद्द कर दिया गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल का भी जायजा लेंगे।
हादसे का जिम्मेदार कौन?: मोरबी में हुए हादसे के बाद से अब तक कई वीडियो सामने आए हैं। इन सभी वीडियो में नजर आ रहा है कि किस तरह यह पुल टूटा था और कैसे लोग एक-एक कर नदी में समा गए। बताया जा रहा है कि एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। एक अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोला गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बैठक के दौरान पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। ओवैसी के मुंह से लोगों ने हमेशा बीजेपी के लिए कड़े शब्द सुने हैं और ऐसे में अब जब उन्होंने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है। आपको बता दें कि कर्नाटक के हुमनाबाद में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस या जेडीएस में मुसलमानों का कोई सम्मान नहीं है। मुस्लिम बिरादरी पार्टियों के वोट के लिए एटीएम मशीन बन गई है।
साथ ही वह आगे कहते हैं कि पिछले आठ सालों में देश के राजनीतिक परिदृश्य को इतना बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई. आज सेकुलर पार्टियां भी मुसलमानों के मुद्दे नहीं उठातीं। वहीं, कर्नाटक के हुमनाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘पीएम मोदी ने पिछले आठ सालों में देश के राजनीतिक परिदृश्य को इतना बदल दिया है। कि आज सेकुलर पार्टियां भी मुसलमानों के मुद्दे नहीं उठातीं।
इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस और जेडीएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अब भारतीय राजनीति में मुसलमानों का कोई महत्व नहीं है. मुस्लिम राजनीतिक दलों के लिए एटीएम मशीन बन गए हैं जो केवल समुदाय से वोट मांगते हैं। इसके अलावा ओवैसी ने कहा, ‘लेकिन आपको सोचना चाहिए कि आप राजनीतिक दल अपने साथ चाहते हैं या अल्लाह… कोई भी आपके साथ नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर कोई नहीं बोलता. मुसलमान अदृश्य हो गए हैं। ‘क्या आपको इन पार्टियों से कुछ मिल रहा है? अगर आपको लगता है कि मैं गलत हूं, तो आप नेता बन जाते हैं और मैं आपके लिए काम करूंगा। लेकिन याद रखें कि आप बिलकिस बानो को कैसे जवाब देंगे? क्या वह आपकी बेटी नहीं है जिसके बलात्कारियों को सरकार ने रिहा कर दिया है? बीजेपी और सेक्युलर पार्टियां खामोश बैठी हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह अंबेडकर की जमीन है। हमने अपने खून-पसीने से देश को आजाद कराया है। मुसलमानों ने सबसे ज्यादा कुर्बानी दी और उस समय न तो आरएसएस था, न बीजेपी। वे सभी बाद में आए और नायक बन गए, जबकि अपने रक्त की बलि देने वाले शून्य हो गए। जो 1925 के बाद आए वे आजादी नहीं लाए।
वहीं दूसरी ओर मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा, ‘आप पहले अपनी पार्टी को दिल्ली में जो कमीशन मिल रहा है, उसे खत्म करें, पीएम मोदी कहते हैं कि ना खाउंगा ना खाने दूंगा।
PM Narendra Modi: ‘महाकाल का बुलावा आया तो ये बेटा बिना आए कैसे रह सकता है…’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के मौके पर कुछ ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल किया और खुद को एक बार फिर महाकाल का बेटा बताया. ऐसा पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी का शिव और शक्ति को लेकर समर्पण देखने को मिला हो. राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के साथ ही उनका आध्यात्म प्रेम सबके सामने आ गया. आइए हम आपको बताते हैं कि कब-कब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को शिव का और शक्ति का बेटा बताया है.
जब 2014 में काशी से हुई शुरुआत
साल 2014 में बीजेपी की तरफ से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया. पर्चा भरने से पहले मोदी वाराणसी पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी भक्ति को जगजाहिर करने का काम किया. उन्होंने कहा कि, “मुझे बीजेपी ने वाराणसी नहीं भेजा है. ना मैं खुद आया हूं. मुझे तो ‘गंगा मां’ ने बुलाया है. जैसे एक बालक अपनी मां की गोद में वापस आता है, वैसे ही मैं महसूस कर रहा हूं.” पीएम मोदी ये खुद बता चुके हैं कि, मैं जिस गांव में जन्मा… वडनगर, वो भी शिव का बहुत बड़ा तीर्थ है. वाराणसी को लेकर उन्होंने कहा कि, ये भोलेबाबा की धरती है.
केदारनाथ में तपस्या
प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएम मोदी और उनके शिव मंदिरों में जाने का दौर चलता रहा. इसी बीच तमाम लोगों का ध्यान पीएम मोदी ने तब खींचा जब वो 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले केदारनाथ गए. केदारनाथ में मोदी ने शिव की आराधना की और इसके बाद वो कई घंटों तक रुद्र गुफा में रहे. यहां पीएम मोदी ने भगवा वस्त्र धारण कर ध्यान लगाया. करीब 17 घंटे तक गुफा में ध्यान के बाद पीएम मोदी वापस लौटे थे.
खुद को बताया महाकाल का बेटा
अब प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक का उद्घाटन किया. इस दौरान भी मोदी की शिव के लिए भक्ति को देखा गया. एक बार फिर पीएम मोदी ने खुद को शिव का बेटा बताया. उन्होंने कहा कि यहां कुंभ के मेले में मुझे आने का सौभाग्य मिला था, महाकाल का बुलावा आया तो ये बेटा आए बिना कैसे रह सकता था. उस समय कुंभ की हजारों साल की परंपरा का मन में मंथन चल रहा था, मैं अनेक विचारों से घिरा हुआ था. उसी दौरान मन कर गया और जो भाव पैदा हुआ वो संकल्प बन गया. हमारे इन तीर्थों ने सदियों से राष्ट्र को संदेश भी दिए हैं और सामर्थ्य भी दिया है. काशी जैसे हमारे केंद्र धर्म के साथ-साथ ज्ञान, दर्शन और कला की राजधानी रहे.
DESK: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया है। गुजरात के भरूच में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए उनकी जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह घोर राजनीतिक विरोधी होते हुए भी मुलायम सिंह उन्हें आशीर्वाद देते थे। पीएम ने कहा कि 2014 और 2019 के चुनाव से पहले समजावादी नेता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया था।
पीएम मोदी ने भरूच में कुछ परियोजनाओं के उद्घाटन और लोकार्पण के बाद जब संबोधन शुरू किया तो सबसे पहले मुलायम सिंह को याद किया। पीएम ने कहा, ”आज सुबह जब यहां आ रहा था तो एक दुखद खबर भी मिली। मुलायम सिंह यादव जी का निधन हो गया है। उनका जाना देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। मुलायम सिंह जी के साथ मेरा नाता बड़ा विशेष प्रकार का रहा है। हम दोनों जब मुख्यमंत्री के तौर पर मिला करता था तो हमारे बीच एक अपनत्व का भाव था।”
पीएम मोदी ने उनसे मिले आशीर्वाद को याद करते हुए कहा, ”2014 में भाजपा ने जब मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए आशीर्वाद दिया तो मैंने विपक्ष में भी जो लोग थे, उनसे कुछ महानुभावों से बात की थी। मुझे याद है कि उस दिन मुलायम सिंह जी का वह आशीर्वाद मुझे मिला था। सलाह के कुछ शब्द, वह मेरी आज भी अमानत हैं। मुलायम सिंह जी की विशेषता रही कि 2013 में उन्होंने मुझे जो आशीर्वाद दिया था, उसमें कभी भी उतार-चढ़ाव नहीं आने दिया था।”
पीएम ने कहा, ”घोर राजनीतिक विरोधी बातों के बीच भी 2019 के लोकसभा के आखिरी सत्र था, संसद के अंदर मुलायम सिंह जैसे वरिष्ठ नेता ने खड़े होकर जो बात बताई थी वह देश के किसी राजनीतिक कार्यकर्ता के जीवन में बहुत बड़ा आशीर्वाद होता है। उन्होंने बिना लाग लपेट के कहा था- मोदी जी सबको साथ लेकर चलते हैं, इसलिए मुझे पक्का विश्वास है कि 2019 में फिर से चुनकर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। कितना बड़ा दिल होगा जो… मुझे जब तक जीवित रहे और जब भी मौका मिला उनका आशीर्वाद मिलता रहा। मैं गुजरात की इस धरती से मां नर्मदा के तट से उनको आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिवार, उनके समर्थकों को दुख सहने की शक्ति दे।”
DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी बुधवार को हिमाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में नवनिर्मित एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का उद्घाटन किया. इस एम्स की अधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने ही 2017 में रखी थी. बताया जा रहा है कि इस एम्स के निर्माण में 1470 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे.
पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, हिमाचल दौरे के दौरान पीएम मोदी 3,650 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. एम्स का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने अस्पताल के निरीक्षण किया. इसके बाद वह स्थानीय लुहणू मैदान में कई योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी कुल्लू दशहरा समारोह में भी शिरकत करेंगे.
पीएम मोदी किस-किस प्रोजेक्ट की रखेंगे आधारशीला
पीएम मोदी जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, उनमें पिंजोर से नालागढ़ के बीच 31 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन बनाया जाना भी शामिल है. प्रधानमंत्री नालागढ़ में चिकित्सा पार्क का भी शिलान्यास करेंगे. इसका निर्माण 350 करोड़ रुपये की लागत किया जाएगा. पीएमओ ने कहा कि इन योजनाओं से क्षेत्र में रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होंगे. प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा समारोह में भी शिरकत करेंगे। इसका आयोजन 5 से 11 अक्टूबर तक किया जाएगा.
DESK : गोवा में हो रहे हर घर जल उत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, लेकिन देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है. हम सभी ने देश बनाने का रास्ता चुना है, इसलिए देश के वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं. ये हर घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की एक बड़ी सफलता है. ये सबके प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण भी है. देश ने और विशेषकर गोवा ने आज एक उपलब्धि हासिल की है. आज गोवा देश का पहला राज्य बना है, जिसे हर घर जल सर्टिफाई किया गया है. दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी, हर घर जल सर्टिफाइड केंद्र शासित राज्य बन गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में अब रामसर साइट्स यानी वेटलैंड्स (wetlands) की संख्या भी बढ़कर 75 हो गई है. इनमें से भी 50 साइट्स पिछले 8 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं. यानी वॉटर सिक्योरिटी (water security) के लिए भारत चौतरफा प्रयास कर रहा है और इसके हर दिशा में नतीजे भी मिल रहे हैं. केवल 3 साल के भीतर जल जीवन मिशन के तहत 7 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी की सुविधा से जोड़ा गया है. ये कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है. आजादी के 7 दशकों में देश के सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही पाइप से पानी की सुविधा उपलब्ध थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की तीसरी उपलब्धि स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी है. कुछ साल पहले सभी देशवासियों के प्रयासों से, देश खुले में शौच से मुक्त घोषित हुआ था. इसके बाद हमने संकल्प लिया था कि गांवों को ODF (Open Defecation Free यानी खुले में शौच मुक्त) प्लस बनाएंगे. इसको लेकर भी देश ने अहम माइलस्टोन हासिल किया है. अब देश के अलग-अलग राज्यों के एक लाख से ज्यादा गांव ODF प्लस हो चुके हैं.
गोवा हर घर जल उत्सवः सरकार बनाने के लिए नहीं, देश बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती हैः PM
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि देशभर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है. सभी देशवासियों को, दुनिया भर में फैले भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को बहुत-बहुत बधाई. आज मैं सभी देशवासियों के साथ देश की तीन बड़ी उपलब्धियों को साझा करना चाहता हूं. भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जानकर हर देशवासी को बहुत गर्व होगा. अमृतकाल में भारत जिन विशाल लक्ष्यों पर काम कर रहा है, उससे जुड़े तीन अहम पड़ाव हमने आज पार किए हैं.
desk : पीएम के संबोधन से पहले राष्ट्रगान हुआ फिर ‘भारत माता की जय’ व ‘जय श्री राम’ के नारे के बीच संबोधन शुरू हुआ. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि जब भी मैं जापान आता हूं, तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है. आप में से कई साथी अनेक वर्षों से यहां बसे हुए हैं. जापान की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है
पीएम ने आगे कहा कि ये हम लोगों की विशेषता है कि हम कर्मभूमि से तन मन से जुड़ जाते हैं, खप जाते हैं. लेकिन मातृभूमि की जड़ों से जो जुड़ाव है, उससे कभी दूरी नहीं बनने देते हैं. यही हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है. पीएम ने आगे कहा कि विवेकानंद जी जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे उससे पहले वो जापान आए थे. जापान में उनके मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ा हुआ था. जापान के लोगों की देशभक्ति, जापान के लोगों का आत्मविश्वास, स्वच्छता के लिए जापान के लोगों की जागरूकता की उन्होंने खुलकर प्रशंसा की थी.
पीएम ने कहा, “जब वैक्सीन्स उपलब्ध हुईं तब भारत ने ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं. WHO ने भारत की आशा बहनों को Director Generals- Global Health Leaders Award से सम्मानित किया है. भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं.”
इससे पहले प्रधानमंत्री का टोक्यो में भारतीय समुदाय ने जबरदस्त स्वागत किया. पीएम मोदी ने इस दौरान सभी लोगों का धन्यवाद किया. पीएम मोदी जापान में होने वाले क्वाड शिखिर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय जापान यात्रा के पहले दिन जापान के शीर्ष कारोबारी नेताओं से मुलाकात भी की. पीएम मोदी ने टोक्यो में एनईसी कॉरपोरेशन के चेयरपर्सन डॉ नोबुहिरो एंडो से मुलाकात की. बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एनईसी की भूमिका की सराहना की और भारत में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसरों पर चर्चा की.
आम बजट में वित्त मंत्री ने खपत और रोजगार बढ़ाने पर दिया जोर, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना से उबरती अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के लिए एक व्यावहारिक और सार्थक बजट प्रस्तुत किया है। इसके लिए राजकोषीय घाटे को बढ़ाने से भी कोई संकोच नहीं किया है। व्यापक रणनीतिक प्रविधानों से अर्थव्यवस्था को विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया है। वित्त मंत्री को विश्वास है कि वित्त वर्ष 2022-23 में व्यापक वैक्सीन कवरेज, आपूर्ति-पक्ष सुधार और नियमों में ढील से विकास को गति मिलेगी। सार्वजनिक निवेश के साथ निजी क्षेत्र का निवेश अच्छी स्थिति में रहेगा।
बजट में खेती और किसानों के हितों को उच्च प्राथमिकता दी गई है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के मद्देनजर कृषि में निजी निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिए गए हैैं। प्राकृतिक खेती और मांग आधारित खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष घोषणा की गई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाने वाली सरकारी खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए नए प्रविधान किए गए हैैं। कृषि उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बड़े एलान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों, खपत और नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है। यह जीडीपी का 2.9 प्रतिशत है। बजट में सौर ऊर्जा सेक्टर को लेकर भी बड़ी घोषणा हुई है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। किफायती आवास, रियल एस्टेट और निर्माण पर सरकार ने जोर दिया है।
सरकार चाहती है कि आने वाले वर्षों में भारत विश्व का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनकर उभरे। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए वित्त मंत्री ने बजट में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बड़े एलान किए हैं। श्रम आधारित कृषि क्षेत्र और सूती वस्त्र उद्योगों को बड़े प्रोत्साहन दिए गए हैैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बजट में पीएलआइ (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना को गतिशील करने के लिए आवंटन बढ़ाए गए हैैं। इससे चीन और अन्य देशों से कच्चे माल और विभिन्न वस्तुओं के आयात को कम किया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने रिकार्ड निर्यात का लक्ष्य रखते हुए विभिन्न कच्चे माल पर आयात शुल्क घटाया हैै। ये आयात शुल्क ऐसी चीजों के कच्चे माल पर घटाए गए हैं, जिनका पीएलआइ क्षेत्र के उद्योगों में उपयोग होता है। बजट में वोकल फार लोकल को बढ़ावा देने के साथ-साथ सावरेन ग्रीन बांड लाने का भी प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री ने देश में खुदरा कारोबार और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने तथा कारोबार करने के लिए आवश्यक लाइसेंस की संख्या घटाकर उनका अनुपालन बोझ हल्का करने का निर्णय लिया है। स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाई गई है। एमएसएमई सेक्टर को दो लाख करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया गया है। विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के विकल्प की घोषणा कर उसे अधिक उपयोगी बनाने की बात कही है। आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाया गया है। गारंटी कवर को भी पांच लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है। इससे उद्योगों में पूंजी की राह आसान होगी। बजट में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने और सहकारी संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रविधान किए गए हैं। कोआपरेटिव सोसायटी के लिए मैट की दर घटाकर 15 फीसद की गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देने के लिए रक्षा बजट और रक्षा अनुसंधान में बड़ा इजाफा किया गया है।
हालांकि बजट के समक्ष कई चुनौतियां भी दिखाई दे रही हैं। दरअसल बजट अनुमान कच्चे तेल की 70-75 डालर प्रति बैरल की कीमत पर आधारित हैं। जबकि इस समय कच्चे तेल की कीमतें करीब 90 डालर प्रति बैरल के आसपास हैं। इसके 100 डालर प्रति बैरल से अधिक के स्तर पर पहुंचने की आशंका है। अर्थव्यवस्था के समक्ष महंगाई बढऩे और कमजोर मांग की भी चुनौती है। एक चुनौती कई सरकारी विभागों को किए गए भारी भरकम आवंटन को उपयुक्त रूप से खर्च करने की है। देश की अर्थव्यवस्था को वित्त वर्ष 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डालर तक पहुंचाने के लिए अगले तीन वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में करीब 105 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ेगा, लेकिन इतना धन जुटाना सरल नहीं होगा। चूंकि बजट अगले 25 वर्षों का ब्लूप्रिंट है, अत: इस दौरान आर्थिक और सामाजिक सशक्तता के लिए व्यापक निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए बड़े प्रयास करने होंगे। बजट में छोटे करदाताओं और मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स से राहत नहीं मिली है। यह वर्ग अपनी क्रयशक्ति बढ़ाने के लिए सरकार से इसकी अपेक्षा कर रहा था। एक बड़ी चुनौती निजीकरण, विनिवेश और संपत्ति मौद्रीकरण के जरिये अतिरिक्त संसाधन जुटाए जाने के ऊंचे लक्ष्यों को प्राप्त करने की भी है।
कुल मिलाकर आम बजट से अर्थव्यवस्था में सुधार का मजबूत रास्ता बनेगा और रोजगार के नए अवसर बनेंगे। हम उम्मीद करें कि इससे आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी, नई मांग का निर्माण होगा और अर्थव्यवस्था की गतिशीलता बढ़ेगी। साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में देश की विकास दर दुनिया में अव्वल दिखाई दे सकेगी।
महोबा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जुन सहायक बांध समेत 32.64 अरब की परियोजनाओं का लोकार्पण करके बुंदेलखंड की वर्षों की प्यास बुझाई। इन परियाजनाओं से न सिर्फ लोगों की प्यास बुझी है बल्कि सूखी धरा पर फसलों की हरियाली लौटी है। लोकार्पण कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री के निशाने पूर्ववर्ती परिवारवादी सरकारें रहीं, नाम लिए बगैर उन्होंने पूर्व की सरकारों की उपेक्षा से बुंदलखंड की दुर्गति की कहानी बयां की और कर्मयोगियों की सरकार द्वारा क्षेत्र में काराए विकास कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वो उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते थे और हम काम करते करते नहीं थकते हैं। उन्होंने कर्मयोगियों की डबल इंजन वाली सरकार द्वारा ही नल से जल देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जौन महोबा की धरा में अल्हा ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण कण में समाई है, वा महोबा के वासियों को हमाओ कोटि-कोट प्रणाम पहुंचे। कहा, जनजाति सप्ताह मनाया जा रहा है, इस समय में आल्हा ऊदल की भूमि पर आना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव का प्रकाशपर्व है, देश और दुनियों के लोगों को गुरुपर्व की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी और बुंदेलखंड की शाम वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। यहां से मैं झांसी जाऊंगा, जहां डिफेंस का बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते सालों में हम कैसे कमरों में बंद भारत सरकार को देश के कोने कोने में लाए हैं, महोबा इसका साक्षात उदाहरण है। कुछ महीने पहले यहां से पूरे देश के लिए उज्जवाला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों को वादा किया था कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर रहूंगा, महोबा में किया वादा अब पूरा हो चुका है। भाइयो बहनों और किसान भाइयों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण करने का मौका मिला है। तीन हजार करोड़ की लागत से बनी इन परियोजनाओं से हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा हो। इससे पीने के शुद्धा पानी भी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। आपका प्यार मेरे लिए बहुत कुछ है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिये क्योंकि पानी से ही जीवन मिलता है। महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था। बुंदेल, परिहार और चंदेल राजाओं के काल में यहां तालाबों और सरोवरों पर जो काम हुआ वह आज भी जल संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिंध, बेतवा, केन जैसी नदियों के पानी ने बुंदेलखंड को समृद्धि और प्रसिद्धि भी दी। यही बुंदेलखंड का चित्रकूट की धरती ने प्रभु राम को आशीर्वाद दिया और वन संपदा ने उनका साथ दिया। लेकिन सवाल यह है कि कुछ समय बाद यही क्षेत्र पानी की चुनौतियां और पलायन का केंद्र कैसे बन गया। क्यों इस क्षेत्र के लोग बेटियों का ब्याह करने से कतराने लगे क्यों यहां कि बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी करने की कामना करने लगीं, इसे यहां के लोग बेहतर जानते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और यूपी में लंबे समय तक शासन करने वालों ने इस क्षेत्र को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया है, यह किसी से छिपा नहीं है। अब देखिये जब इन्हीं माफिया पर यूपी में बुलडोजर चल रहा है तो कुछ लोग हाय तौबा मचा रहे हैं। ये लोग कितनी भी तौबा मचा लें, यूपी के विकास के काम बुंदेलखंड के विकास के काम रुकने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों इन लोगों ने बुंदेलखंड के साथ जैसा बर्ताव किया उसे यहां के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। नलकूप-हैंडपंप की बातें तो बहुत हुईं लेकिन पहले की सरकारों ने नहीं बताया कि भूजल के अभाव में उससे पानी कैसे आएगा। ताल-तलैया के नाम पर फीते बहुत काटे लेकिन हुआ क्या मुझसे बेहतर आप जानते हैं। बांधों और तालाबों के नाम पर खोदाई की योजनाओं में कमीशन, सूखा राहत में घोटाले, बुंदेलखंड को लूटकर पहले की सरकार चलाने वालों ने अपने परिवार का भला किया, आपका परिवार बूंद बूंद के लिए तरसता रहे, इससे उनकाे कोई सरोकार नहीं रहा। इन्होंने कैसे काम किया, इसका एक उदाहरण अर्जुन सहायक परियोजना है, वर्षों तक ये परियोजना लटकी रही और अधूरी पड़ी रही। वर्ष 2014 के बाद जब मैंने देश की ऐसी लटकी परियोजनाअों और सिंचाई योजनाओं का रिकार्ड मंगवाना शुरू किया। अर्जुन सहायक परियोजना जल्द से जल्द से पूरी हो, इसके लिए उस समय की यूपी सरकार से अनेक स्तर पर चर्चा की। लेकिन, बुंदेलखंड के इन गुनाहगारों ने यहां सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। 2017 में योगीजी सरकार बनने के बाद आखिरकार इन परियोजनाओं के काम पर गति बढ़ाई और आज यह परियोजना बुंदेलखंड के लोगों को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखी हैं, पहली बार यहां के लोग विकास के लिए काम करने वाली सरकार देख रहे हैं। इस कटु सत्य को कोई भुला नहीं सकता है कि वो उत्तर प्रदेश को लूटकर नहीं थकते थे और हम काम करते करते नहीं थकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है। ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी सरकार ने निकाला है, सभी पक्षों से संवाद करके रास्ता निकाला है। केन बेतवा लिंक से भी भविष्य में यहां के लाखों किसानों को लाभ होने वाला है। योगीजी की सरकार ने बीते साढ़े चार साल के दौरान बुंदेलखंड में पानी की अनेको परियोजनोओं पर काम शुरू करवाया है। मसगांव चिल्ली स्प्रिंकलर योजना सिंचाई में आ रही अधुनिकता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मैं जिस गुजरात से आता हूं, वहां की जमीनी हकीकत जो पहले के गुजरात के हाल थे वो परिस्थितियां बुंदेलखंड से जरा भी अलग नहीं थीं। इसलिए मैं आपकी परेशानियों को समझता हूं। मां नर्मदा और सरदार सरोवर बांध के आशीर्वाद से आज गुजरात में कच्छ तक पानी पहुंच रहा है। जैसी सफलता हमने गुजरात में पाई वैसी ही सफलता बुंदेलखंड में पाने के लिए हम दिन रात जुटे हैं। बुंदेलखंड में पलायन होता है वैसे ही मेरे गुजरात के कच्छ में भी पलायन होता था। देश में जनसंख्या बढ़ती थी और कच्छ की जनसंख्या कम होती थी, लोग कच्छ छोड़कर चले जाते थे। जब मुझे सेवा का मौका मिला तो आज कच्छ हिंदुस्तान में तेज गति से बढ़ने वाले जिले में एक हो गया है। कच्छ में आकर लोग अपना भाग्य आजमा रहे हैं, यूपी के कई इलाकों से लोग कच्छ में आ रहे हैं। कच्छ के अनुभव से कहते हैं कि बुंदेलखंड को भी फिर से नई ताकत और जिंदगी दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा बुंदेलखंड की माताओं-बहनों की सबसे बड़ी मुश्किल को दूर करने के लिए यहां जलजीवन मिशन के तहत भी तेजी से काम हो रहा है। बुंदेलखंड और विंध्याचल में पाइप से हर घर में पानी पहुंचे, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिक्तर गांवों को प्यासा रखा, कर्मयोगियों की सरकारों ने सिर्फ दो साल के भीतर तीस लाख परिवारों को यूपी में नल से जल दिया है। परिवारवादियों की सरकारों ने बच्चों और बेटियों को स्कूलों में अलग शौचालयों और पीने के पानी से वंचित रखा। जबकि कर्मयोगियों की डबल इंजन की सरकार ने बेटियों के लिए स्कूल में अलग टॉयलेट भी बनाए और यूपी के एक लाख से अधिक स्कूलों और हजारों आंगनबाड़ियों तक नल से जल भी पहुंचाया। जब गरीब का कल्याण ही सर्वोच्च प्राथमिकता हो, तब ऐसे ही इतनी तेजी से काम होता है।प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में कदम उठाए हैं। बीते सात साल में साढ़े सोलह सौ से अधिक अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए गए है, जिनमें अधिक्तर बीज कम पानी में अधिक पैदावार देते हैं। आज बुंदेलखंड की मिट्टी के अनुकूल मोटे अनाज, दलहन और तिलहन पर सरकार विषय फोकस कर रही है। बीते सालों में दलहन और तिलहर की रिकार्ड खरीदी की गई है। हाल में सरसों और मसूर जैसी दालों में चार सौ रुपये क्विटंल तक एमएसपी बढ़ाया गया है। भारत खाने के तेल में आत्मनिर्भर बने, खाने का तेल विदेश से आयात करने के लिए हर वर्ष अस्सी हजार करोड़ विदेश भेजते हैं, वो अस्सी हजार करोड़ किसानों के पास जाए आपको मिले, इसके लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया है। इससे बुंदेलखंड के किसानों को भी बहुत मदद मिलने वाली है।
उन्होंने कहा कि परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे लेकिन किसानों तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से अबतक एक लाख बासठ हजार रुपये करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं। ये पूरी रकम हर किसान परिवार तक पहुंची है। परिवारवादियों ने तो छोटे किसानों और पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी वंचित रखा था लेकिन हमारी सरकार ने छोटे किसानों को भी जोड़ने का काम किया है।बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए और क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और यूपी डिफेंस कारीडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है। आने वाले समय यहां सैकड़ों उद्योग लगेंगे और युवाओं को यहीं रोजगार मिलेगा। अब इन इलाकों की किस्मत सिर्फ एक महोत्सव की महोताज नहीं रहेगी। यहीं नहीं इस क्षेत्र के पास इतिहास, आस्था, संस्कृति और प्रकृति का जो खजाना है वो भी रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। ये क्षेत्र तीर्थों का क्षेत्र है, इसे गुरु गोरखनाथ जी का आशीर्वाद मिला है। राहिला सागर, सूर्य मंदिर हो मां पीतांबरा शक्ति पीठ हो चित्रकूट का मंदिर हो सोनागिरी तीर्थ हो यहां क्या नहीं है, बुंदेली भाषा, काव्य, साहित्य, गीत संगीत और महोबा की शान पेशावरी पान, इनसे कौन आकर्षित नहीं होगा। रामायण सर्किट योजना के तहत यहां के अनेक तीर्थों को विकसित किया जा रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी [PM Modi] वीर भूमि महोबा पहुंच गए। पुलिस लाइन ग्राउंड में जनसभा पंडाल में प्रधानमंत्री का आगमन होते ही मोदी-योगी जिंदाबाद के नारों से जोरदार स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं ने मोदी-मोदी का उद्भोदन करते हुए स्वागत किया और भारत माता के जयकारे लगाए। उन्होंने मंच पर पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने आल्हा-ऊदल की प्रतिमा भेंट करके और शॉल ओढ़ाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने 32 अरब 64 करोड़ 74 हजार रुपये लागत की परियोजनाओं का तोहफा दिया। पीएम ने बटन दबाकर पेयजल परियोजनाओं का शुभारंभ किया। बटन दबाते ही अर्जुन बांध और कबरइ बांध का से जल का प्रवाह शुरू हो गया। प्रधानमंत्री और राज्यपाल समेत उपस्थित सभी मंत्रियों और लोगों का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड अपनी वीरता, शौर्य और पराक्रम के लिए जाना जाता रहा है। यहां के संसाधनों का उपयोग बुंदेलखंड के विकास में हो, सोखे की समस्या का समाधान हो। यहां जन्म से बहन बेटियों के लिए पेयजल मिलना आजादी के बाद से सपना मात्र बनकर रह गया था। इसके बाद भी किसी के दिमाग में नहीं है, वर्ष 2014 में देश को प्राप्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व मिला। विकास की योजनाअों को हर तबके तक पहुंचाने का संकल्प पूरा किया है। यूपी के आर्थिक रूप से पिछड़े इस क्षेत्र में विकास तेजी के साथ बढ़ता दिखाई दे रहा है, बुंदेलखंड के पेयजल की समस्या के समाधान में उठाया गया कदम हो या फिर दूरी की समस्या बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे या डिफेंस कारीडोर परियोजना हो। पेयजल और सिंचाई की परियोजनाएं देकर बड़ी समस्या का समाधान किया गया है। आज जय जवान और जय किसान के नारे को वास्तविक रूप से धरा पर उतरता देख सकते हैं तो बुंदेलखंड सजीव उदाहरण है। महोबा, हमीरपुर और बांदा तीन जिजों को परियोजनाओं से तरक्की होगी। लहचुरा, चिल्ली अर्जुन सहायक बांध परियोजना, रतौली बांध और भावनी बांध परियोजना के लोकार्पण हर घर जल और हर खेत को पानी का सपना को साकार हो रहा है। जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने स्वागत भाषण से मंचासीन सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।
महोबा में जिस मैदान पर जनसभा का आयोजन किया जा रहा है, उसी मैदान पर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले 24 अक्टूबर 2016 को परिवर्तन रैली करके प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी बिगुल फूंका था। इसी का नतीजा था कि पूरे बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर कमल खिला था। मध्य प्रदेश के खजुराहो से चलकर प्रधानमंत्री हेलीकाप्टर से दोपहर 2.35 बजे पुलिस लाइन में उतरे। यहां पर स्वागत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहे। बुंदेलखंड और खास कर महोबा प्रधानमंत्री के लिए कुछ खास स्थान रखता है और बीते अगस्त माह में प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला 2.0 का शुभारंभ वर्चुअल तरीके से महोबा की धरती से ही किया था। दशकों से पानी को तरस रहे बुंदेलखंड के लिए अर्जुन सहायक परियोजना का शुभारंभ करके किसानों की सिंचाई समस्या को दूर करेंगे। उनके कार्यक्रम की सुरक्षा में बीस एसपी, 27 सीओ, 60 कंपनी पीएसी, चार हजार पुलिसकर्मी और 197 महिला एसआई को लगाया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के साथ देश को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रूप में नायाब दिया। उन्होंने 341 किलोमीटर लम्बे पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन किया। तोहफा देंगे। इससे पीएम मोदी सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुपर हरक्युलिस सी-130 जे विमान से उतरे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने संबोधन पूर्वी भाषा से शुरू कर वहां पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों का अभिवादन किया। पीएम मोदी ने कहा कि जौने धरती पर हनुमान जी कालनेमी के बध कि किए रहे उ धरती के लोगन के हम पांव लागित है। उन्होंने कहा कि 341 किलोमीटर लम्बाई वाला पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे यूपी की शान है, यह यूपी का कमाल है, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को यूपी की जनता को समर्पित करते हुए अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हूं। 1857 के लड़ाई मा इहां के लोग अंग्रेजन के छठी के दूध याद देवाई दे रहें। ये धरती के कण-कण मा स्वतंत्रता संग्राम के खुशबू बा। कोइरिपुर के युद्ध भला के भुलाई सकत हये। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के सौगात मिलत बा, जेके आप सब बहुत दिन से ओगरत रहिन। आप सभई के बहुत-बहुत बधाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी कुछ ही देर में हमारे फाइटर प्लेन इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर लैंड करेंगे। प्लेनों की गर्जना उनके कानों तक पहुंचेगी, जो सुरक्षा से खिलवाड़ करते रहे हैं। जितनी जरूरी देश की समृद्धि है उतनी ही जरूरी देश की सुरक्षा भी है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की विशेषता सिर्फ यही नहीं है कि यह नौ जनपदों को जोड़ेगा बल्कि यह एक्सप्रेसवे लखनऊ को उन शहरों से भी जोड़ेगा जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं। यह भी एक सच्चाई है कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में एक शहर दूसरे शहर से दूर रहता था। पूर्वांचल के लोगों के लिए तो लखनऊ पहुंचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था। पहले की सरकारों ने यूपी को ऐसा बना दिया था कि यहां राह नहीं होती थी, यहां राहजनी होती थी। जिस तरह से यूपी में विकास हो रहा है उससे साफ है कि यूपी का भाग्य बदलना शुरू हो गया है। पहले कितनी बिजली कटौती होती थी, कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी, यहां मेडिकल सुविधा की क्या व्यवस्था थी। मुझे मालूम था कि जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की सरकार आने से पहले वाली सरकारों ने विकास में भेदभाव किया, अपने परिवार का लाभ किया, ऐसे लोगों को यूपी के लोग रास्ते से हटा देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं देख रहा हूं कि कुछ लोग अपना आपा खो रहे हैं, विचलित हो रहे हैं, यह सब वही लोग हैं लोग अपने समय में सफल नहीं हुए तो योगी आदित्यनाथ जी की सफलता देख कर परेशान हैं। सब अपने परिवार के विकास में लगे रहे। कभी प्रदेश व देश को अपना परिवार नहीं समझा। पीएम मोदी ने कहा कि सुल्तानपुर के सपूत श्रीपति मिश्रा जी के साथ भी तो यही हुआ था, परिवारवादी लोगों ने उनका अपमान किया था, जिसे यूपी के लोग कभी नहीं भुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज तो प्रदेश में विकास हो रहा है तो इसका सबसे अधिक लाभ हमारी बहनों-बेटियों को मिल रहा है। घर, बिजली पानी, शौचालय, रसोइ गैस मिलने से उनको सबसे बड़ी परेशानी से छुटकारा मिला है। अगर कोई अपना घर बनाता है तो मिट्टी की जांच करता है, अन्य पहलुओं को देखता है। पहले की सरकारों ने यहां बिना कनेक्टिविटी की जानकारी किए ही बस वादे कर दिए जिससे विकास कोसों दूर रहा। पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था। लेकिन आज जितना पश्चिम का सम्मान है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को जोड़ रहा है। यूपी में अब कोई जातिवाद नहीं, कोई क्षेत्रवाद नहीं, सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ योगी जी की सरकार काम कर रही है। भाजपा सरकार में जिस तरह से उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसप्रदेश बनाया जा रहा है, वह आजादी के बाद पहली बार हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह से राजनीति हुई, जिस तरह से लंबे समय तक सरकारें चलीं, उन्होंने यूपी के सर्वांगीण विकास पर ध्यान ही नहीं दिया। यूपी का यह क्षेत्र तो माफियावाद और यहां के लोगों को गरीबी के हवाले कर दिया गया था। जिस तरह से यूपी में विकास हो रहा है उससे साफ है कि यूपी का भाग्य बदलना शुरू हो गया है। पहले कितनी बिजली कटौती होती थी, कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी, यहां मेडिकल सुविधा की क्या व्यवस्था थी। मुझे मालूम था कि जिस तरह से योगी आदित्यनाथ जी की सरकार आने से पहले वाली सरकारों ने विकास में भेदभाव किया, अपने परिवार का लाभ किया, ऐसे लोगों को यूपी के लोग रास्ते से हटा देंगे। यहां की पूर्व की सरकारों को मुझे देख कर हैरानी होती थी कि आखिर यूपी को किस बात की सजा दी जा रही है। यह एक्सप्रेसवे यूपी के विकास का एक्सप्रेसवे है, यह एक्सप्रेसवे यूपी के प्रगति का एक्सप्रेसवे है, यह एक्सप्रेसवे यूपी की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का एक्सप्रेसवे है। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष पहले जब मैंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था तब मैंने नहीं सोचा कि इस एक्सप्रेसवे पर ही मैं विमान से उतरूंगा भी। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन समारोह के बाद भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के एक्सप्रेसवे पर निर्मित 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी पर एयर शो ने लोगों का मन मोह लिया। यहां पर सुखोई, मिराज, जगुआर सहित वायुसेना के कई विमानों ने अपना करतब दिखाया। सुल्तानपुर जिले में एक्सप्रेसवे आपात स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक आफ करने में सक्षम होगी।
Hon’ble PM Shri Narendra Modi ji witnesses air show by Indian Air Force at Purvanchal Expressway in Sultanpur, Uttar Pradesh https://t.co/smXfj4Tg7Q
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के विकास को एक नई गति प्रदान करने के लिए दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे सिर्फ आवागमन का माध्यम नहीं बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की एक नई जीवन रेखा के रूप में स्थापित करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि आज तो पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन हो रहा है तो बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का कार्य में भी तेजी चल रहा है। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोडऩे के लिए गंगा एक्सप्रेस वे का काम भी तेजी से चल रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुलतानपुर के सुलतानपुर जिले के अरवल कीरी करवत में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुपर हरक्यूलिस विमान से पहुंचे। उनके आगमन से पहले कार्यक्रम स्थल पर नई दिल्ली से एसपीजी दस्ते के अधिकारी पहुंचे थे यहां पर प्रधानमंत्री को देखने और उनका संबोधन सुनने के लिए लोगों का हूजूम उमड़ा है। पीएम मोदी की सभा के बाद यहां पूर्वांचल एकसप्रेस वे पर बनी एयर स्ट्रिप पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन के रोमांचकारी करतब भी दिखाएंगे। कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हो रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोडऩे वाली सड़कों पर लोगों के साथ वाहनों का हुजूम लगा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायुसेना के सबसे बड़े जहाज से लैंड करते ही एक ग्रामीण बोला इससे पहले कभी कोई प्रधानमंत्री सेना के सबसे बड़े जहाज से खेतों किनारे की सड़क पर कभी नही उतरा। मोदी तो इतिहास बना दिस है। पीएम मोदी की सभा के बाद यहां पूर्वांचल एकसप्रेस वे पर बनी एयर स्ट्रिप पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन के रोमांचकारी करतब भी दिखाएंगे। कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हो रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोडऩे वाली सड़कों पर लोगों के साथ वाहनों का हुजूम लगा है। पीएम मोदी इससे पहले 2014 में सुलतानपुर में आए थे। पीएम नरेन्द्र मोदी ने ही आजमगढ़ ही जुलाई 2018 में इसका शिलान्यास किया था। यह उत्तर प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे है।
पूर्वांचल के लिए मंगलवार की सुबह मंगल संदेश लेकर आ गई है। तुलनात्मक रूप से पिछड़े रहे पूरब के इस अंचल के उम्मीदों की नई भोर हो गई है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रूप में प्रदेश तथा देश की प्रगति का जो नया पथ तैयार किया है, उसके लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दिन में करीब डेढ़ बजे सुलतानपुर यहां पहुंचे। इस एक्सप्रेस वे से इस अंचल के प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों की दिल्ली से दूरी घट जाएगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं पर जोर देते हुए प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई, 2018 में आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसव की आधारशिला रखी। लखनऊ से गाजीपुर तक 340.824 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे पर मंगलवार से वाहन फर्राटा भरेंगे।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेस वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। यहां विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित होंगे। लाजिस्टिक सुविधा बेहतर होने से स्थानीय कारोबारियों, छोटे व्यापारियों आदि को भी लाभ होगा। पूर्वांचल के छोटे-छोटे जिलों से अब लखनऊ और दिल्ली की दूरी घट गई है। दस घंटे का सफर महज साढ़े तीन से चार घंटे में तय किया जा सकेगा। इस पूर्वांचल एकसप्रेसवे का लाभ बिहार के सीमावर्ती जिलों को भी सीधे मिल सकेगा। यूपीडा के सीईओ अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि एक्सप्रेस वे पर जो भी पुलिस चौकियां बनाई जाएं, उनके साथ हैलीपैड भी बनाए जाएं।उन्होंने बताया कि यहां फ्यूल पंप के साथ सीएनजी पंप और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे।