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कानून वापसी का एलान करते हुए भी प्रधानमंत्री ने उनकी खासियतों पर जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारी उनके फायदों को नहीं देख सके

गुरु नानक जयंती के अवसर पर तमाम लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर यही उम्मीदे लगाए बैठे होंगे कि वह किसी न किसी गुरुद्वारे अवश्य जाएंगे। पंजाब में आसन्न विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनके अमृतसर जाने की संभावना भी जताई जा रही थी। मोदी का व्यक्तित्व जिस प्रकार आश्चर्यचकित करने वाला है उससे ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थीं कि वह फिर से खोले गए करतारपुर कारिडोर गुरुद्वारा दरबार साहिब भी जा सकते हैं। ऐसे अनुमानों के बीच जब यह घोषणा हुई कि प्रधानमंत्री सुबह नौ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे तो हर कोई हैरत में पड़ गया।गुरु पर्व से जुड़े शुरुआती संबोधन के बाद जब प्रधानमंत्री खेती और किसानों के हित में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का ब्योरा देने लगे, तो अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया कि वह किस दिशा में जा रहे? उन्होंने कृषि कानूनों की पृष्ठभूमि को समझाना शुरू किया। विशेषज्ञों की राय और छोटे एवं सीमांत किसानों के प्रति फिक्र जताने के साथ ही उन्होंने उस बड़े तबके को धन्यवाद दिया, जिसने इन सुधारों का समर्थन किया। फिर वह किसानों के विरोध-प्रदर्शन वाले बिंदु पर आए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुछ राज्यों के किसानों का एक छोटा वर्ग ही इन सुधारों का विरोध करने पर अड़ा था। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से सरकार की वार्ता के प्रयासों का उल्लेख किया कि वह गतिरोध का हल निकालने के लिए किस प्रकार सक्रिय थी। ऐसे संभावित स्वीकार्य हल में कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव भी था। स्पष्ट है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के अड़ियल और अतार्किक रवैये की ओर संकेत कर रहे थे। आखिर में जब उन्होंने एलान किया कि कुछ असंगत प्रदर्शनकारी समूहों की इच्छा को देखते सरकार इन कानूनों को निरस्त कर रही है, तो इस घोषणा ने सभी को चकित कर दिया। लोगों को भरोसा ही नहीं हो रहा था।

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पीएम की अप्रत्याशित घोषणा के बाद सरकार समर्थकों और विरोधियों, दोनों को कुछ नहीं सूझ रहा था। यहां तक कि सरकार के इस रुख से खुश होने वाले भी यह नहीं समझ सके कि मजबूत फैसले लेने और अपने रुख पर अडिग रहने वाली सरकार यकायक कैसे झुक गई? जबकि पिछले कुछ महीनों से यही लग रहा था किसान संगठनों का विरोध-प्रदर्शन निस्तेज हो रहा है। इससे जुड़े अहम किरदार निढाल दिखने लगे थे। संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न धड़ों में भी दरारें पड़ने लगी थीं। किसानों द्वारा सड़कों की घेराबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का धैर्य भी जवाब देने लगा था। ऐसे में यह दलील उतनी गले नहीं उतरती कि सरकार महज प्रदर्शनकारियों के दबाव में आकर इन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर हुई। नि:संदेह इसके पीछे चुनावी परिदृश्य भी है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ समय बाद चुनाव होने हैं। वहां कृषि कानूनों का कुछ असर दिख सकता था। पंजाब में तो यह बड़ा मुद्दा बन गया था। वहीं उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड के तराई इलाके में भी यह मुद्दा प्रभावित करता। वैसे इतना बड़ा फैसला केवल चुनावी फायदे को देखकर नहीं लिया गया होगा, जिस पर नरेन्द्र मोदी ने अपनी भारी राजनीतिक पूंजी दांव पर लगा रखी थी। ऐसे में इसके और बड़े निहितार्थ रहे होंगे, जिन्होंने सरकार को इतना बड़ा यू-टर्न लेने पर बाध्य कर दियाएक अनुमान तो यही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंता बढ़ रही थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदर्शनकारियों के बीच खालिस्तानी और पाकिस्तानी तत्वों की बढ़ती पैठ को लेकर लगातार आगाह करते आ रहे थे। इससे पंजाब में तीन दशक पहले जैसी अशांति एवं अस्थिरता का खतरा बढ़ रहा था। ऐसे तत्वों का तराई इलाके में भी प्रभाव है, जहां सिखों की बड़ी आबादी रहती है। पाकिस्तान में बदलते घटनाक्रम को देखते हुए सरकार यह जोखिम नहीं ले सकती थी। ऐसे में यह कदम इन तत्वों को मात देने और शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और अमरिंदर सिंह के नए राजनीतिक धड़े के बीच गठजोड़ की राह खोलने वाला एक दांव हो सकता है, ताकि पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूती दी जा सके। इसका समांतर लाभ आम आदमी पार्टी के प्रभाव को कम करने के रूप में भी मिलेगा, जिस पर भाजपा कांग्रेस से भी कम एतबार करती है।यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि भाजपा को इसका कितना चुनावी लाभ मिलेगा, क्योंकि चुनाव में कई और पहलू भूमिका निभाते हैं।

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ सत्ता विरोधी रुझान जरूर है। इसके बावजूद फिलहाल योगी सरकार आगे दिख रही है, लेकिन इससे इन्कार नहीं कि अखिलेश यादव ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है, जो और गति पकड़ सकता है। वहीं उत्तराखंड में भाजपा अपनी ही समस्याओं से घिरी है। पंजाब को लेकर अकाली दल और अमरिंदर का मेल भी संदेह से परे नहीं है। इसलिए इन सन्निहित नकारात्मक पहलुओं को देखते हुए इसे एक ‘चुनावी मास्टरस्ट्रोक’ के रूप में चित्रित करना भी इसका सरलीकरण होगा। फिलहाल सबसे बड़ी चिंता यही है कि इसका असर मोदी सरकार के शेष कार्यकाल की कार्यक्षमता पर पड़ सकता है। इससे विपक्ष को लगेगा कि सरकार पर निरंतर दबाव बनाकर उसे झुकाया जा सकता है। हालिया उपचुनावों के मिश्रित नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एकाएक कटौती से विपक्ष को पहले ही इसका स्वाद लग गया है। चूंकि अगले दो वर्षों में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, तो इससे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाने की सरकारी क्षमता सीमित हो जाएगी। इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून, अनुच्छेद 370 और श्रम कानूनों जैसे उसके अन्य कदमों पर भी पेच फंस सकता है। बाहरी मोर्चे पर पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है। देश कोविड से लगे झटके के बाद अभी पूरी तरह उबर नहीं पाया है। उसकी तीसरी लहर की आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकार के फ्रंटफुट पर खेलने की क्षमता प्रभावित होगी।दिलचस्प है कि कानून वापसी का एलान करते हुए भी प्रधानमंत्री ने उनकी खासियतों पर जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारी उनके फायदों को नहीं देख सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों को जल्दबाजी में लागू नहीं किया जा सकता यानी अगले आम चुनाव से पहले तो बिल्कुल नहीं। इसका सबसे बड़ा नुकसान देश में कृषि सुधारों के भविष्य को भुगतना होगा।

परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के गांवों को प्यासा रखा-पीएम मोदी

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर भूमि महोबा में 3,240 करोड़ रुपये की अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना, मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा है। परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं।

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कारिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है। हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में कदम उठाए हैं। बीते 7 वर्षों में 1,600 से अधिक अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए गए हैं। जिनमें से अनेक बीज कम पानी में अधिक पैदावार देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जौन महोबा की धरा में अल्हा ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण कण में समाई है, वा महोबा के वासियों को हमाओ कोटि-कोट प्रणाम पहुंचे। कहा, जनजाति सप्ताह मनाया जा रहा है, इस समय में आल्हा ऊदल की भूमि पर आना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव का प्रकाशपर्व है, देश और दुनियों के लोगों को गुरुपर्व की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी और बुंदेलखंड की शाम वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। यहां से मैं झांसी जाऊंगा, जहां डिफेंस का बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, बीते सालों में हम कैसे कमरों में बंद भारत सरकार को देश के कोने कोने में लाए हैं, महोबा इसका साक्षात उदाहरण है। कुछ महीने पहले यहां से पूरे देश के लिए उज्जवाला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों को वादा किया था कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर रहूंगा, महोबा में किया वादा अब पूरा हो चुका है। भाइयो बहनों और किसान भाइयों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण करने का मौका मिला है। तीन हजार करोड़ की लागत से बनी इन परियोजनाओं से हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा हो। इससे पीने के शुद्धा पानी भी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। आपका प्यार मेरे लिए बहुत कुछ है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिये क्योंकि पानी से ही जीवन मिलता है। महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था

लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अब प्रदेश भरेगा रफ्तार ,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को करेंगे लोकार्पण

लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक करीब 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अब प्रदेश रफ्तार भरेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की रफ्तार प्रदेश के विकास का आधार बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दिन में करीब तीन बजे इसका लोकार्पण करेंगे। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बतौर मिशन लिया और रिकॉर्ड समय में पूरा किया। यहां पर निर्माण काल कोरोना संक्रमण काल में भी एक दिन के लिए रुका। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2018 में इसका शिलान्यास किया था और अक्टूबर-2018 से यहां पर कार्य शुरू कर दिया गया। लखनऊ के चांदसराय से गाजीपुर के हैदरिया तक बने 340.824 किलोमीटर लम्बे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अक्टूबर 2021 में पूरा हो गया। तीन वर्ष में दो वर्ष तक दो कोरोना संक्रमण की लहर के इसका निर्माण कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2018 में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। अब 16 नवंबर को इसका लोकार्पण भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही कर रहे हैं।

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प्रदेश सरकार की इस बड़ी परियोजना की कुल अनुमानित लागत 22,494.66 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 11,216.10 करोड़ है। इसके निर्माण के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को कुल आठ पैकेजों में बांटा गया था। इसके निर्माण का लाभ लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर जनपद को मिलेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ आठ स्थलों पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की भी स्थापना होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में जाना जाएगा। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में जो प्रयास प्रारम्भ हुए उसी के तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की बहुत बड़ी भूमिका होगी। इसमें सुलतानपुर के पास करीब 3.2 किलोमीटर लंबी एक एयरस्ट्रिप भी है। जिस पर भारतीय वायुसेना के सभी लड़ाकू विमान भी उतर सकते हैं। इसको बेहद मजबूत बनाया गया है। सेना का लगेज कैरियर प्लेन भी यहां पर लैंड तथा टेक ऑफ करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब 16 नवंबर को इसका लोकार्पण करेंगे तब यहां पर पूरी भव्यता के साथ एयरफोर्स का एक एयर शो भी होगा।

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योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा है कि प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे अगले महीने यानी दिसंबर में तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही गोरखपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे व बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे पर प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इसके लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान करीब 30 लड़ाकू विमान आसमान में करतब दिखाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम में एयर शो आकर्षण का केंद्र होगा। इस एयर शो में राफेल, सुखोई, मिराज जैसे फाइटर प्लेन करतब दिखाएंगे। इसमें मिराज 2000 और सुखोई विमान इमरजेंसी हवाई पट्टी पर टेकऑफ और लैंडिंग करेंगे। सी-130 हरक्यूलस का भी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर ट्रायल रन होगा। 

जानें किन मुद्दों को उठाएगा भारत,जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने इटली पहुंचे पीएम मोदी

जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी इटली के रोम पहुंच गए हैं। वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 30-31 अक्टूबर तक होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार देर रात इटली और ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। वह इटली में 29 से 31 अक्टूबर तक रहेंगे। रोम में वह दुनिया में आर्थिक तौर पर सबसे समृद्ध शीर्ष 20 देशों के संगठन जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद मोदी ब्रिटेन के शहर ग्लासगो जाएंगे जहां एक से दो नवंबर को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के तत्वावधान में आयोजित बैठक काप-26 में हिस्सा लेंगे।अगले पांच दिनों के दौरान पीएम कई बहुराष्ट्रीय समारोहों व आयोजनों में हिस्सा लेने के साथ ही वेटिकन में पोप फ्रांसिस, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इटली के पीएम मोरियो द्रागी, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन सहित कई राष्ट्र प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगेविदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 की बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के साथ कोरोना महामारी के बाद आर्थिक व स्वास्थ्य रिकवरी पर चर्चा होगी। विश्व की मौजूदा व्यवस्था के साथ ही महामारी के बाद जी-20 देश किस तरह से फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, इस पर भी चर्चा होगी। कोरोना काल के बाद इस समूह के देशों के प्रमुखों की यह पहली आमने-सामने की बैठक होगी।

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विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से संबंधित मुद्दों को उठाएगा। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा वक्‍त में आतंकी फंडिंग और आतंकवाद की गतिविधियों का दुनिया पर प्रभाव पड़ रहा है जिसकी ओर भारत वैश्विक नेताओं का ध्‍यान आकर्षित कर सकता है। दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि एक-दो नवंबर, 2021 को काप-26 की बैठक में दुनिया के 120 देशों के प्रमुखों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। वह पर्यावरण सुरक्षा के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले तमाम कदमों की जानकारी देंगे। विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा और आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सम्‍मेलन से कोविड-19 महामारी से मुकाबले समेत दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर ठोस नतीजे निकल सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि जी-20 का मंच भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने का महत्वपूर्ण मंच है।

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इस दौरे के बारे में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि ग्लासगो में पीएम मोदी ब्रिटिश पीएम जानसन की अध्यक्षता में कुछ चयनित शीर्ष नेताओं की विशेष बैठक में हिस्सा लेंगे। बाद में वह ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों और दूसरे शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर वन सन, वन व‌र्ल्ड, वन ग्रिड (ओएसओडब्लूओजी) लांच करेंगे।’वन सन, वन व‌र्ल्ड, वन ग्रिड’ अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस के तहत होगा। इसका मकसद दुनिया में सोलर एनर्जी से चलने वाले सभी ग्रिड को एक साथ जोड़ना है। यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना होगी। पीएम मोदी छोटे द्वीप देशों में ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर एक खास अभियान को भी लांच करेंगे। जी-20 देशों की बैठक के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान को दुनिया के भावी आर्थिक एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है। भारत आज अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के तहत सबसे ज्यादा बिजली क्षमता स्थापित करने वाला देश बन गया है। भारत एक नये तरह का रिकार्ड बना रहा है। असलियत में भारत इस समूह का इकलौता देश है, जो पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े लक्ष्यों को समय रहते हासिल कर रहा है। पिछले छह से सात वर्षों में भारत ने विंड, सोलर व दूसरे स्त्रोतों से बनने वाली बिजली की क्षमता में 250 प्रतिशत का इजाफा किया है। वहीं इटली में भारतीय राजदूत डॉ नीना मल्होत्रा ने बताया कि पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली रोम यात्रा होगी। यही नहीं लगभग 12 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की रोम की यह पहली यात्रा होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत-इटली के बीच संबंधों को पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ावा मिला है। इस साल जनवरी-जुलाई के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 36 फीसद की वृद्धि देखी गई है। कोरोना के बावजूद भारत में इटली द्वारा निवेश में वृद्धि हुई है। भारत में लगभग 700 कंपनियां इटली की हैं। साथ ही 100 से अधिक भारतीय कंपनियां इटली में मौजूद हैं।

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का पूरा संबोधन-काशीवासियों के लिये सोमवार का दिन बहुत ही खास रहा

वाराणसी-काशीवासियों के लिये सोमवार का दिन बहुत ही खास रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर राजातालाब के मेहंदीगंज में आयोजित जनसभा में 5189 करोड़ रुपए लागत की पूर्ण हो चुकी 28 परियोजनाओं का लोकार्पण कर सौगात दी। उद्घाटित हुई सभी विकास परियोजनाएं जनसामान्य के उपयोगार्थ समर्पित हुई। विशेष तौर पर उद्घाटित परियोजनाओं में काशीवासी ही नहीं बल्कि वाराणसी के रास्ते आवागमन करने वाले बिहार, मध्यप्रदेश व कोलकाता प्रान्त सहित पूर्वांचल के कई जनपदों के लोगों के लिए सुगम यातायात व्यवस्था हेतु 1011.29 करोड़ रुपए से निर्मित 16.98 किलोमीटर लंबी रिंग रोड फेज-2 पैकेज-1 रखोना राजातालाब से वाजिदपुर हरहुआ तक की सड़क प्रमुख है। इसके साथ ही उन्होंने 64 हजार करोड़ रुपए की “प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना” का शुभारंभ भी किया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर जैसे ही सभा स्थल पर पहुंचा जनसैलाब ने हर हर महादेव के गगनभेदी नारों से उनका काशी में स्वागत किया। सभा स्थल पर उमड़े जनसैलाब में दूर-दूर तक सिर्फ नरमुंड ही दिखाई दे रहे थे। जनसैलाब में लोगो का अपने लोकप्रिय सांसद व देश के प्रधानमंत्री को देखने एवं सुनने की उत्सुकता से सहज ही देखी जा रही थी। कार्यक्रम स्थल के मंच पर जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसैलाब को दिखाई दिए लोगों ने खड़े होकर हर हर महादेव के गगनभेदी नारों एवं तालियों के साथ उनका भव्य स्वागत किया और प्रधानमंत्री ने भी उनका हाथ हिला कर अभिवादन स्वीकार किया।

1- प्रधानमंत्री ने पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारंभ कर देशवासियों को समर्पित किया

2- प्रधानमंत्री ने 5189 करोड़ की 28 परियोजनाओं का किया लोकार्पण कर काशीवासियों को दी दीपावली की सौगात

3- गांव में अस्‍पताल नहीं, ब्‍लाक में टेस्‍ट की सुविधा नहीं था, जिला अस्‍पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था-नरेंद्र मोदी

4- वाराणसी और पूर्वांचल के किसानों के लिए सुविधा विकसित हुई है

5- पैकेजिंग प्रोसेसिंग और पेरिशेबल कार्गो बना है, उससे किसानों को सुविधा मिलेगी

6- रिंग रोड बनने से अब लोगों को मिलेगी जाम से निजात

7- यूपी के 75 जिलों में आइसीयू बना, 60 लैब से कोविड जांच शुरू हुई

8- वोकल फार लोकल का ज्‍यादा प्रयोग पर बल, कपड़ों और दीयों के लिए वोकल फार लोकल के लिए रखना है

9- खादी व कुटीर उद्योग में 60 फीसद और बिक्री में 90 फीसद इजाफा हुआ

10- घरों का गंदा पानी रोकने के लिए रामनगर में सीवज ट्रीटमेंट प्‍लांट काम कर रहा है। 50 हजार आबादी को लाभ मिल रहा है

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने विशाल जनसैलाब को हर हर महादेव का उद्घोष कर हुए काशी से संबंधों को जोड़ा। उन्होंने हर हर महादेव, बाबा विश्‍वनाथ, माता अन्‍नपूर्णा की नगरी काशी की पुण्‍य भूमि के भाई और भगिनी लोगन के प्रणाम करते हुए दीवाली, देव दीपावली, अन्‍नकूट, भैया दूज, प्रकाशोत्‍सव, डाला छठ की शुभकामना दी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कोने कोने से जुड़े हेल्‍थ प्रोफेशनल, मेंडिकल संस्‍थान के लोगों और सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में देश ने 100 करोड़ के पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्‍वनाथ के आशीर्वाद और गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्‍वास से सबको मुफ्त वैक्‍सीन आगे बढ़ रहा है। आज ही यूपी को 9 नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे यूपी के करोड़ो समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्‍पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। उन्होंने मानस में सोरठा का उदाहरण देते हुए कहा कि काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान काशी को कष्‍ट और क्‍लेश से मुक्‍त करती है तो स्‍वास्‍थ्‍य से जुडी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्‍या हो सकती है। आज इस मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। एक भारत सरकार का भारत के लिए 64 हजार करोड़ से अधिक का काम काशी से लांच हो रहा है। दूसरा काशी और पूर्वांचल के कार्यक्रम। पहले और यहां के कार्यक्रम को मिला दें तो 75 हजार करोड़ का कार्यक्रम जारी किया गया है। काशी की योजनाओं में महादेव का आशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। महादेव की वजह से कष्‍टों से मुक्ति तय है। यूपी सहित देश के हेल्‍थ इंफ्राष्‍ट्रक्‍चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिए तैयारी उच्‍च स्‍तर तक हो। हमारे हेल्‍थ सिस्‍टम में आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मनिर्भरता आए इसके लिए 64 हजार करोड़ से आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर मिशन शुरू करने का मौका मिला है। पांच हजार करोड़ की परियोजना का लोकार्पण किया गया है। सड़क से घाट, गंगा, वरुणा की साफ सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्‍योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व को देश को ऊर्जा और विश्‍वास देने वाला है।

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प्रधानमंत्री ने काशी सहित काशी की धरती से देश के 130 करोड़ जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शरीर को स्‍वस्‍थ करने का निवेश उत्‍तम माना गया है। आजादी के बाद आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा पर ध्‍यान नहीं दिया गया जितनी जरूरत थी। जिनकी लंबे समय तक सरकार रही उन्‍होंने हेल्‍थ सेक्‍टर को विकास की जगह सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्‍पताल नहीं, ब्‍लाक में टेस्‍ट की सुविधा नहीं था। जिला अस्‍पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्‍पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ अलग था। हेल्‍थ केयर सिस्‍टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्‍लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी के लिए दूर का समाधान है। महामारी से निबटने में हम तैयार हों सक्षम हों। इसके लिए हेल्‍थ सिस्‍टम को तैयार किया जा रहा है। बीमारी पकड़ में आए जांच में देरी न हो। लक्ष्‍य है कि गांव से ब्‍लाक जिला रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्‍थ केयर मजबूत हो। हमारे नार्थ ईस्‍ट के राज्‍य हैं उनपर फोकस किया जा रहा है। मिशन के तीन पहलू हैं। डायग्‍नोस्टिक सिस्‍टम के तहत हेल्‍थ और वेलनेस सिस्‍टम के साथ बीमारी डिटेक्‍ट फ्री में किेया जाएगा।

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समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों के क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा। ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग और अस्‍पताल में सुविधा बढ़ेगी। सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे के लिए तैयार होंगे। रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु हैं। जरूरी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास होगा। 730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्‍त किया जाएगा। तीसरा पहलू रिसर्च संस्‍थानों को सशक्‍त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। 4 नए वायरोलाजो लैब बनेगा। एक राष्‍ट्रीय संस्‍थान भी बनेगा। इसके माध्‍यम से देश के कोने कोने में इलाज से लेकर इको सिस्‍टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था लेकिन हाल क्‍या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है। हम सात साल से बड़े स्‍तर पर काम कर रहे हैं। मैने दिल्‍ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर को लांच किया था और आज यह दूसरा बड़ा हेल्‍थ को लेकर मिशन लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनता है। एक बड़ा अस्‍पताल बनता है तो आसपास शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्‍वास्‍थ्‍य के साथ आर्थिक मिशन भी है जो सभी के लिए सुलभ और सस्‍ता हो यानि होलिस्टिक मिशन भी है। अनेक अभियानों ने देश को बीमार होने से बचाया है। आयुष्‍मान भारत योजना ने गरीबों का मुफ्त इलाज कराया है। हमसे पहले वर्षों तक सरकार में रहे उनके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवा घोटालों और पैसा कमाने का जरिया रहा है। आज गरीब दलित शोषित वंचित और पिछड़ों का दर्द समझती है।

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पहले जनता का पैसा घोटाले में जाता था आज बड़े प्रोजेक्‍ट में लग रहा है। आज महामारी से देश निपट रहा है और लाखों करोड़ का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर शुरू किया गया है। स्‍टाफ की संख्‍या भी बढ़ेगी। नए मेडिकल कालेज से सीटों में इजाफा होने से गरीब भी चिकित्‍सा क्षेत्र में नौकरी कर सकेगा। देश में डाक्‍टर आगे दस गुना मिलने जा रहे हैं। अधिक डाक्‍टर होंगे तो उतनी ही उपलब्‍धता आसान होगी। अभाव से आगे बढ़कर काम किया जा रहा है। अतीत में देश में या यूपी में जो काम हुआ वैसे काम होता तो काशी की हालत क्‍या होती। काशी को अपने हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, सडक घाट गंगा जाम प्रदूषण सब चलता रहता। काशी का हृदय मन वही है बस प्रयास ईमानादार है। काशी में जितना काम हुआ उतना कई दशकों में नहीं हुआ। रिंग रोड न होने से जाम होता था। नो इंट्री खुलने का इंतजार बनारस वालों की आदत हो गई थी। कहीं भी आना जाना हो ता शहर वालों को परेशान करने की जरूरत नहीं। गाजीपुर तक जुड़ गई है। सर्विस रोड भी है। प्रयागराज, लखनऊ, बिहार तक कारोबार को गति मिलेगी। देश में एक समर्पित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर न हो तो विकास की गति सुस्‍त रहती है। अब एयरपोर्ट आने वालों को कालीन बनाने वालों को, विंध्‍याचल दर्शन करने वालों की सुविधा होगी। रेलवे स्‍टेशन पर बने लांज से सुविधा होगी। गंगा की स्‍वच्‍छता के लिए काम किया जा रहा है। आज हम अनुभव भी कर रहे हैं। घरों का गंदा पानी रोकने के लिए रामनगर में सीवज ट्रीटमेंट प्‍लांट काम कर रहा है। 50 हजार आबादी को लाभ मिल रहा है। वरुणा के लिए भी काम हो रहा है। उपेक्षित वरुणा अस्तित्‍व खो रही थी। आज साफ पानी वरुणा में जा रहा है। दोनों किनारे पाथवे रेलिंग बन रहे हैं। काशी व पूर्वांचल के किसानों के लिए सुविधा विकसित हुई है। पैकेजिंग प्रोसेसिंग और पेरिशेबल कार्गो बना है। उससे किसानों को सुविधा मिलेगी। सीएनजी प्‍लांट से खाद भी किसानों को मिलेगी। काशी में बीएचयू का दुनिया में श्रेष्‍ठता तकनीक से हेल्‍थ तक सुविधा तैयार हो रही है। सुवा साथी पढ़ाई के लिए आ रहे हैं।

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मालवीय जी के विजन को साकार करने में मदद मिल रही-आवासीय सुविधा तैयार हो रही है। मालवीय जी के विजन को साकार करने में मदद मिल रही है। विकास के सभी प्रोजेक्‍ट संकल्‍प को सिद्ध कर रहे हैं। मिट्टी के कारीगर और बुनकरों के लिए खादी व कुटीर उद्योग में 60 फीसद और बिक्री में 90 फीसद इजाफा हुआ है। इस दीवाली हमें इनका भी ध्‍यान रखना है। कपड़ों और दीयों के लिए वोकल फार लोकल के लिए रखना है। तो सबकी दीवाली खुशियों से भर जाएगी। उत्‍पादन जिसमें पसीना और मिट्टी की सुगंध है, उसे खरीदेंगे तो गरीब को काम मिलेगा। बड़ा परिवर्तन हम ला सकते हैं। यूपी में 36 जनपद ऐसे थे जहां आइसीयू नहीं था-उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए वाराणसी के विकास सहित देश और प्रदेश के विकास की रूपरेखा खींंचने वाले पीएम नरेन्‍द्र मोदी की पहल और सौगात को दीपावली के पूर्व तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व से पूर्व उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में “पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्राट्रक्चर मिशन” के रुप मे बहुत बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया ने सात वर्षों में पीएम के कीर्तिमान बनाए हैं। बदलते भारत और श्रेष्‍ठ भारत के स्‍वरूप को देश और दुनिया को परिचित कराने और कोरोना का सामना करने के प्रयासों को शानदार बताया। फ्री में राशन, 100 करोड़ टीकाकरण के कार्य के लिए प्रधानमंत्री का स्वागत किया तथा कहा कि नए भारत के नए नए हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के साथ जुडने को सौभाग्‍य बताया। कहा कि 64 हजार करोड़ की परियोजना के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान यूपी में 36 जनपद ऐसे थे जहां आइसीयू नहीं था। कोविड जांच नहीं होती थी। उस समय प्रधानमंत्री के निर्देशन में पीएम केयर से जो मदद मिली, उससे यूपी के 75 जिलों में आइसीयू बना। 60 लैब से कोविड जांच शुरू हुई। यूपी में हर दिन 4 लाख कोविड टेस्‍ट संभव हुआ है। कोरोना के दूसरी लहर में भारत में कोरोना खतरा और तीसरी लहर में आक्‍सीजन प्‍लांट स्‍थापना को उपलब्धि बताया।

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हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भारत और यूपी के लिए अमृत के समान है। हमें स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि काशी के प्रति प्रधानमंत्री की आत्‍मीयता और धरोहर का संरक्षण करने के प्रयास से लोग अवगत हैं।उन्होंने कहा कि काशी से जुड़ी परियोजनाओं से व्‍यापक स्‍तर पर जीवन और बेहतर होगा। इसमें सभी परियोजनाएं महत्‍वपूर्ण हैं। इससे पूर्वी यूपी, पूर्वी भारत और बिहार के लोग भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व क्षितिज के सामने काशी का विकास स्थापित हुआ हैं। पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर स्वास्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा। देश में प्रधानमंत्री की पहल से स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में काफी सुधार हुआ : मनसुख मांडविया-केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कहा कि देश में प्रधानमंत्री की पहल से स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। खेलो इंडिया, फ‍िट इंडिया, स्‍वच्‍छ भारत आदि के जरिए देश के हित में स्‍वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत स्‍वास्‍थ्‍य परियोजनाओं के अलावा मेडिकल कालेज की संकल्‍पना की रूपरेखा भी पेश की। बीमारी के लिए खर्च को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। बताया कि देश के 50 करोड़ लोगों के लिए आयुष्‍मान भारत योजना में लोगों को इलाज की सुविधा मिल रही है। देश में 22 नए एम्‍स बन रहे हैं, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के लिए आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मिशन की शुरुआत कर रहे हैं। इसमें 64 हजार करोड़ रुपये के प्राविधान के तहत हर जिले को 90-100 करोड़ रुपये स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मिल रहा है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने रिमोट बटन दबाकर “पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंटरसेक्शन मिशन” का शुभारंभ कर देशवासियों को समर्पित किया तथा तत्पश्चात रिमोट बटन दबाकर वाराणसी की 5189 करोड़ की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण कर लोगों को समर्पित किया।

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इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0मनसुख मांडवीया, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉक्‍टर महेंद्र नाथ पांडेय, उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर, पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्‍टर नीलकंठ तिवारी, स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, महापौर मृदुला जायसवाल, सांसद बीपी सरोज, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, एमएलसी अशोक धवन, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, विधायक नील रतन पटेल “नीलू” सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं विशाल जनसैलाब उपस्थित रहा।

भारत ने हमेशा विश्व शांति के लिए किया काम-पीएम मोदी बोले,मन की बात में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 82वें संस्करण पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने 100 करोड़ टीकाकरण के लिए देशवासियों को बधाई दी। पीएम ने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन के लक्ष्य को पार करने के बाद आज देश नए उत्साह, नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता, भारत के सामर्थ्य को दिखाती है।

भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से है, जो ड्रोन की मदद से अपने गांव में जमीन के डिजिटल रिकार्ड तैयार कर रहा है। अपातकाल में मदद पहुंचाने से लेकर कानून व्यवस्था की निगरानी तक ड्रोन से की जा रही है। हमें ड्रोन टेक्नोलाजी (Drone Technology) में अग्रणी देश बनना है। इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है: पीएम मोदी

आप लोकल खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी। मुझे पूरा भरोसा है जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी। इतने त्योहार एक साथ होते हैं तो उनकी तैयारियां भी काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। आप सब भी अभी से खरीदारी का प्लान करने लगे होंगे, लेकिन आपको याद है, खरीदारी मतलब ‘वोकल फार लोकल’: पीएम मोदी

पहले ये धारणा बन गई थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है लेकिन आज ऐसा नहीं है। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (Bureau of Police Research and Development) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी हो गई है। 2014 में जहां इनकी संक्या 1 लाख 5 हजार थी, वहीं इसमें अब 2020 तक दोगुनी से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है: पीएम मोदी

स्वच्छता के प्रयास तभी पूरी तरह सफल होते हैं जब हर नागरिक स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी समझे। अभी दीपावली पर हम सब अपनी घर की साफ सफाई में तो जुटने ही वाले हैं, लेकिन इस दौरान हमें ध्यान रखना है कि हमारे घर के साथ हमारा आस-पड़ोस भी साफ रहे: पीएम मोदी

भारत ने सदैव विश्व ​शांति के लिए काम किया है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत 1950 के दशक से लगातार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा रहा है। गरीबी हटाने, जलवायु परिवर्तन और श्रमिकों से संबंधित मुद्दों के समाधान में भी भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है: पीएम मोदी

1947-48 में जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का सार्वजनिक घोषणापत्र तैयार हो रहा था तो उस घोषणापत्र में लिखा जा रहा था All Men are created Equal, लेकिन भारत के एक दल ने इस पर आपत्ति जताई और फिर सार्वजनिक घोषणापत्र में लिखा गया- All Human Beings are created Equal: पीएम मोदी

भारत ने सदैव विश्व ​शांति के लिए काम किया है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत 1950 के दशक से लगातार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा रहा है। गरीबी हटाने, जलवायु परिवर्तन और श्रमिकों से संबंधित मुद्दों के समाधान में भी भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है: पीएम मोदी

अगले महीने, 15 नवम्बर को हमारे देश के महापुरुष, वीर योद्धा, भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म-जयंती आने वाली है। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों की प्रति गर्व करना सिखाया: पीएम मोदी

आप कल्पना करिए, जब आजादी के आंदोलन से जुड़ी रंगोली बनेगी, लोग अपने द्वार पर, दीवार पर, किसी आजादी के मतवाले का चित्र बनाएंगे, आजादी की किसी घटना को रंगों से दिखाएंगे, तो, अमृत महोत्सव का भी रंग और बढ़ जाएगा: पीएम मोदी

सरदार साहब कहते थे कि, हम अपने एकजुट उद्यम से ही देश को नई महान ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं। अगर हममें एकता नहीं हुई तो हम खुद को नई-नई विपदाओं में फंसा देंगे। यानी राष्ट्रीय एकता है तो ऊंचाई है, विकास है। हमारी आजादी का आंदोलन तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है: पीएम मोदी

हम 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। हम सभी का दायित्व है कि हम एकता का संदेश देने वाली किसी न किसी गतिविधि से जरूर जुड़ें। अगले रविवार, 31 अक्तूबर को सरदार पटेल जी की जन्म जयंती है। मन की बात के हर श्रोता की तरफ से, और मेरी तरफ से, मैं, लौहपुरुष को नमन करता हूं : पीएम मोदी

100 करोड़ वैक्सीन डोज़ के बाद आज देश नए उत्साह और नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। हमारे वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता भारत के सामर्थ्य को दिखाती है, सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है: पीएम मोदी

हमारे स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने अथक परिश्रम और संकल्प से एक नई मिसाल पेश की। उन्होंने इनोवेशन के साथ अपने दृढ़ निश्चय से मानवता की सेवा का एक नया मानदंड स्थापित किया: पीएम मोदी

मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण आल इंडिया रेडियो के पूरे नेटवर्क, दूरदर्शन, एआइआर न्यूज और मोबाइल ऐप के साथ साथ आफिशियल यूट्यूब चैनल और ट्विटर पर किया जाएगा। मन की बात प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो संबोधन है, जो हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है, लेकिन इस बार कार्यक्रम का प्रसारण महीने के दूसरे आखिरी रविवार को किया जा रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने 26 सितंबर को मन की बात के 81वें एपिसोड में भारतीय संस्कृति में वर्षा जल संचयन के महत्व को रेखांकित किया था। पीएम मोदी ने जल-जीलानी एकादशी और छठ के पारंपरिक त्योहारों की तुलना राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम) के अभियान कैच द रेन से की थी।

राष्ट्रपति बाइडन को दिया भारत आने का निमंत्रण-प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को भारत आने का निमंत्रण दिया है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने उपराष्ट्रपति  कमला हैरिस को भी भारत आने का निमंत्रण दिया। शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे और इसलिए वे न्यूयार्क पहुंच गए हैं। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय बैठक पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडन के बीच बैठक में पाक का भी नाम आया और आतंकियों को संरक्षण देने पर निशाना भी साधा गया

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विदेश सचिव ने बताया कि नई दिल्ली को आपसी सुविधानुसार जल्द से जल्द अमेरिकी राष्ट्रपति के आने का इंतजार रहेगा। यह जानकारी विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अपनी ब्रीफिंग में दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों के अमेरिकी दौरे पर हैं। पहले दिन गुरुवार को उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री योशहिदे सुगा, आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्काट मारिसन और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ बैठक की। आज शुक्रवार को दूसरे दिन राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक की और क्वाड समिट में शामिल हुए। अब शनिवार को वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे।

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प्रधानमंत्री मोदी की 24 सितंबर, 2021 से शुरू होने वाली यह सातवीं अमेेरिकी यात्रा है। इस दौरान वर्ष 2015 में ओबामा ने और वर्ष 2020 में ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति भारत का दौरा किया। बता दें कि  बाइडन और मोदी एक दूसरे को बखूबी जानते हैं और इसकी झलक इनके कार्यकारी संबंधों स्पष्ट है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मोदी ने सबसे पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिल कर भारत व अमेरिकी रिश्तों को गहराई देने की जो कोशिश शुरू की थी वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में नई ऊंचाई पर पहुंची थी।

दो मंत्रिमंडल के पहले बड़े फेरबदल में रविशंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल निशंक, हर्षवर्धन और प्रकाश जावडेकर समेत 12 मंत्री मंत्रिमंडल से बाहर

मोदी सरकार-दो मंत्रिमंडल के पहले बड़े फेरबदल में रविशंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल निशंक, हर्षवर्धन और प्रकाश जावडेकर समेत 12 मंत्री मंत्रिमंडल से बाहर

हो गए। निशंक और हर्षवर्धन जैसे मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने के पीछे उनके खराब प्रदर्शन को अहम कारण बताया जा रहा है। लेकिन रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर के इस्तीफे इस पैमाने पर खरे नहीं उतरते हैं। ये दोनों न सिर्फ 2014 से मंत्री थे, बल्कि कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी बखूबी संभाल भी रहे थे। माना जा रहा है कि इन दोनों को संगठन के लिए सरकार से मुक्त किया गया है।

हर्षवर्धन की स्थिति मोदी सरकार एक से ही डांवाडोल रही है। पेशे से डाक्टर और पोलियो उन्मूलन अभियान की रूपरेखा तैयार करने में उनके योगदान को देखते हुए 2014 में उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन दो साल में ही उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय से हटाकर अर्थ साइंस मंत्रालय में भेज दिया गया और स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी जेपी नड्डा को सौंपी गई। 2019 में उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। कोरोना जैसे वैश्विक संकट के दौर में इन दोनों मंत्रालय की अहम भूमिका थी। लेकिन हर्षवर्धन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका तराशने में विफल रहे। इसकी जगह नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पाल और भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डाक्टर विजय राघवन ने आगे बढ़कर कमान संभाल ली। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गई अपनी प्रदर्शन रिपोर्ट में उनके पास बताने के लिए कुछ खास नहीं था। इसीलिए इस बार उन्हें मंत्रिमंडल से पूरी तरह से बाहर कर दिया गया।

शिक्षा मंत्री के रूप में कई प्रयोगों के बाद जब रमेश पोखरियाल निशंक को लाया गया, तो उम्मीद की गई कि वे देश की शिक्षा प्रणाली भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप लागू करने में सफल होंगे। कई पुस्तकों के लेखक और भारतीय संस्कृति के जानकार के रूप में उनसे ऐसी अपेक्षा अनुचित भी नहीं थी। लेकिन नई शिक्षा नीति के अंतिम रूप देने के अलावा उनके पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। कोरोना के कारण देश की पूरी शिक्षा प्रणाली अस्त-व्यस्त रही। शिक्षा के क्षेत्र में कोई नवाचार लाकर उसे नई दिशा देने की जगह निशंक उससे निपटने के लिए संघर्ष करते दिखे। शिक्षा मंत्रालय की सभी संस्थाओं पर उनकी पकड़ इतनी कमजोर दिखी कि उन विभागों द्वारा वित्त प्रदत्त पत्रिकाओं में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगला जाता रहा और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी। मामला जानकारी में आने के बाद भी वे तत्काल कार्रवाई करने में विफल रहे। शिक्षा मंत्रालय के हालात को लेकर प्रधानमंत्री की नाराजगी को इस बात से समझा जा सकता है कि वहां निशंक के साथ-साथ उनके राज्यमंत्री संजय धोत्रे को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

इसी तरह रसायन और उर्वरक मंत्री के रूप में सदानंद गौड़ा कोरोना काल में जरूरी दवाओं और उनके लिए जरूरी बल्क ड्रग की सप्लाई सुनिश्चित करने में विफल रहे। इसकी जिम्मेदारी सचिवों की उच्च स्तरीय समिति को निभानी पड़ी। यही स्थिति श्रम मंत्रालय में संतोष गंगवार की भी रही। कोरोना काल में श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन और उनकी दुश्वारियों को दूर करने के लिए एक पोर्टल बनाने की घोषणा की गई, लेकिन अभी तक यह बनकर तैयार नहीं हो पाया। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट सरकार की फटकार भी लगा चुकी है।

इस्तीफा देने वाले एक अन्य मंत्री थावरचंद गहलोत को सम्मानजनक विदाई दी गई और उन्हें पहले ही कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया। इसके अलावा 2019 में जीत के बाद अपनी सादगी के लिए चर्चा में आने के बाद प्रधानमंत्री ने प्रताप चंद्र षड्ंगी को राज्यमंत्री बनाकर उनपर भरोसा भी जताया, लेकिन बीते दो सालों में उनका योगदान शून्य रहा। यही हाल राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो, रतनलाल कटारिया और देवाश्री चौधरी का भी रहा। इन सभी को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।

NCC की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला गार्ड ऑफ ऑनर

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के करियप्पा ग्राउंड में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की रैली को संबोधित करने पहुंचे हैं। उन्हें वहाँ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया औैर उन्होंने एनसीसी दलों के मार्च पास्ट का निरीक्षण किया। इसके बाद वह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख इस अवसर पर उपस्थित हैं।

 

देश में शुरु हुआ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम, AIIMS के डायरेक्टर गुलेरिया ने लगवाया कोरोना का टीका

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण आज से पूरे देश में शुरू हो गया है। वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही सभी आशंकाओं, अफवाहों और भ्रम पर अब रोक लग चुकी है, क्योंकि दिल्ली के एम्स डॉयरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने खुद कोरोना की वैक्सीन की खुराक ले ली है। पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस का पहला टीका लगाया जा चुका है।

बता दें कि डॉक्टर गुलेरिया देश के टॉप चिकित्सा विशेषज्ञ हैं और वैक्सीन लगवाकर इससे जुड़ी सभी तरह की आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है। वहीं दिल्ली के एस्म के एक सैनिटेशन कर्मचारी को वैक्सीन का पहला टीका लगाया गया। बता दें कि डॉ रणदीप गुलेरिया वैक्सीन लेने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं। वहीं डॉ. गुलेरिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मौजूदगी में वैक्सीन लगवाई।

कोरोना टीका लगने के बाद बोले गुलेरिया

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है और हमें पूरा विश्वास है कि यह एक सुगम कार्यक्रम होगा और हम बहुत बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण कर सकेंगे। यह अंत की शुरुआत है जहां तक ​​महामारी का संबंध है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीका सुरक्षित है। यह प्रभावोत्पादक है। हमें बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करना है और इसलिए हम बहुत अधिक अस्थिर नहीं हो सकते हैं। हमें अपने शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और नियामक अधिकारियों में विश्वास होना चाहिए।

AIIMS में लगी पहली वैक्सीन

दिल्ली स्थित एम्स से देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। देश में सबसे पहला टीका एम्स के सैनिटेशन डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी मनीष कुमार को लगाया गया। इसके साथ ही मनीष कुमार कोरोना का वैक्सीन लेने वाले देश के पहले नागरिक बन गए हैं।

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