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Cyclone Yaas से निपटने की तैयारियों की पीएम मोदी ने की समीक्षा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चक्रवात ‘यास’ से निपटने के लिए संबंधित राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किलोमीटर की गति से चलने वाली हवा के तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना के साथ पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा तटों को पार करने की संभावना है। इससे पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा के तटीय जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। आईएमडी ने यह चेतावनी भी दी है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लगभग 2-4 मीटर ऊंचा तूफान आ सकता है। आईएमडी नियमित रूप से सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ बुलेटिन जारी कर रहा है।

प्रधानमंत्री को बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने 22 मई, 2021 को सभी तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और संबंधित मंत्रालयों/एजेंसियों के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की। गृह मंत्रालय 24X7 स्थिति की समीक्षा कर रहा है और तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा संबंधित मंत्रालयों/एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नौकाओं, पेड़ काटने वाले उपकरणों, दूरसंचार उपकरणों आदि के साथ 46  टीमों को पहले से तैयार कर रखा है। इसके अतिरिक्त तैनाती के लिए आज 13 टीमें विमान से रवाना की जा रही हैं और 10 टीमें स्टैंडबाई में (आपात स्थिति के लिए) रखी गई हैं।

भारतीय तटरक्षक तथा नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज तथा हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। वायु सेना तथा सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां तैनाती के लिए स्टैंडबाई में रखी गई हैं। मानवीय सहायता के साथ सात जहाज और आपदा राहत इकाइयां पश्चिमी तट पर स्टैंडबाई में हैं।

पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखने तथा जहाजों को सुरक्षित बंदरगाह पर लाने के कदम उठाए गए हैं। विद्युत मंत्रालय ने इमरजेंसी रिस्पान्स सिस्टम को सक्रिय कर दिया है तथा ट्रांसफॉर्मरों, डीजी सेटों तथा उपकरण आदि को तैयार रखा है ताकि बिजली की फौरन बहाली की जा सके। दूरसंचार मंत्रालय टावरों तथा एक्सचेंजों पर निरंतर निगरानी रखे हुए है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित होने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रभावित इलाकों में कोविड की स्थिति से निपटने के लिए परामर्श जारी किया है। बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग मंत्रालय ने सभी जहाजों को सुरक्षित रखने के उपाय किए हैं तथा आपातकालीन जहाजों (टग्स) की तैनाती की है।

एनडीआरएफ खतरनाक स्थानों से लोगों को निकालने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की सहायता कर रहा है और चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए निरंतर रूप से सामुदायिक जागरूकता अभियान चला रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यों के साथ निकट सहयोग के साथ काम करने को कहा है ताकि अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने का काम सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों की समय से निकासी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सभी संबद्ध विभागों को बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क में कटौती का समय कम करने और बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क की तेजी से बहाली के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल और नियोजन कार्य करने को भी कहा ताकि अस्पतालों में कोविड के मरीजों के इलाज और टीकाकरण कार्य में कोई व्यवधान नहीं हो। उन्होंने श्रेष्ठ व्यवहारों से अच्छी सीख लेने के लिए नियोजन और तैयारी की प्रक्रिया में जिला प्रशासन को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित जिलों के नागरिकों को समझने लायक स्थानीय भाषा में क्या करे, क्या नहीं करें का परामर्श और निर्देश दें। प्रधानमंत्री ने तटीय समुदायों, उद्योगों आदि विभिन्न हितधारकों से सीधे संपर्क साधने और उन्हें संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में गृहमंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह राज्यमंत्री, कैबिनेट सचिव, गृह, दूरसंचार, मत्स्यपालन, नागर विमानन, विद्युत, बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों/विभागों के सचिव, रेल बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य तथा एनडीएमए के सचिव सदस्य, आईएमडी तथा एनडीआरएफ के महानिदेशक, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

 

कोरोना संकट को लेकर PMMODI ने की समीक्षा बैठक, राज्यों को दिए आवश्यक निर्देश  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कोरोना संकट से देश में पैदा हुए हालात की समीक्षा की। इस दौरान एक लाख से अधिक एक्टिव केस वाले 12 राज्य और अधिक संक्रमण वाले जिलों के बारे में पीएम मोदी ने अफसरों से जानकारी ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था के ढांचे के बारे में जानकारी लेते हुए इसे दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से मार्ग दर्शन करने का निर्देश दिया।

इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में किए जा रहे सुधार, राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति और दवाइयों की उपलब्धता आदि की जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने बैठक में जोर दिया कि टीकाकरण की रफ्तार धीमी न होने पाए और निर्देश दिया कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को मदद मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि नागरिकों को लॉकडाउन के बावजूद टीका लगाया जाए और इस काम में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को कोई और जिम्मेदारी न दी जाए।

बैठक में संक्रमण की रोकथाम के लिए त्वरित और समग्र उपाय सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। मोदी ने कहा कि राज्यों को चिंता का विषय बने जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10 फीसदी या उससे अधिक है और ऑक्सीजन या ICU बेड 60 फीसदी से अधिक भरे हैं।

पीएमओ ने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दवाइयों की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्हें रेमडेसिविर समेत अन्य दवाइयों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण की प्रगति के साथ-साथ अगले कुछ महीनों में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के रोडमैप की भी समीक्षा की।

पीएम मोदी का मंत्रियों को निर्देश, “अपने क्षेत्र की जनता से संपर्क में रहे, उनकी सहायता करें”

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों पर काबू पाने के उपायों को लेकर शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई। वर्चुअल तरीके से बुलाई इस बैठक में कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई।

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न राज्यों में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा की। साथ ही, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की उपलब्धता, वैक्सीन के टीकाकरण की स्थिति और जरूरी दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी ली।

पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा हालात से निपटने के लिए सभी सरकारी संस्‍थाएं एकजुट होकर काम कर रही हैं।  मंत्रियों से कहा कि वे अपने क्षेत्र की जनता से संपर्क में रहे, उनकी सहायता करें और उनसे फीडबैक लें। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद यह कैबिनेट की पहली बैठक थी।