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#मंत्रिमंडल विस्‍तार में कुल 43 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली, जानें किन्‍हें बनाया गया कैबिनेट मंत्री#

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी कैबिनेट का विस्‍तार किया। इस मंत्रिमंडल विस्‍तार में कुल 43 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले कई मंत्रियों ने इस्तीफा भी दिया। सबसे पहले नारायण राणे ने शपथ ली। नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल के अलावा मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार समेत 15 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। बाकी 28 सांसदों को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। इनमें यूपी से अनुप्रिया पटेल समेत कई नेता शामिल हैं।

मंत्रिमंडल विस्‍तार में भाजपा नेता नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरसीपी सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति कुमार पारस, किरण रिजिजू, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रूपाला, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

पीएम मोदी की नई कैबिनेट में पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करंदलाजे, भानुप्रताप सिंह वर्मा, दर्शना विक्रम जरदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, ए नारायण स्वामी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, बीएल वर्मा, राजकुमार रंजन सिंह, भारती प्रवीण पवार, बिश्वेश्वर टुडु, शांतनु ठाकुर, अजय कुमार, कपिल मोरेश्वर पाटील, प्रतिमा भूमिक, डॉ. सुभाष सरकार, डॉ. भागवत किशनराव कराड को राज्‍य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुता‍बिक 28 नेताओं को राज्‍य मंत्री बनाया गया है।

पहली बार केंद्रीय मंत्री बनाए गए नेताओं में एसपी सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा कारंदलाजे, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, बीएल वर्मा, अजय भट्ट, मुंजपारा महेंद्रभाई, एल मुरुगन, निशीत प्रमाणिक, ए नारायणस्वामी, सुभाष सरकार, भागवत कराड, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी शामिल हैं।

नई कैबिनेट में पुराने मंत्रियों के अनुभव का लाभ भी उठाया गया है। इन नेताओं में डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप पुरी, मनसुख मनडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुर और अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। ये ऐसे नेता हैं जो पहले भी केंद्रीय मंत्री के तौर पर दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं।

संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे PM Modi, जवानों को शामिल करने के लिए PMO ने दिया सुझाव

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते के अंत में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। खास बात ये है कि पहली बार इस सम्‍मेलन में सशस्त्र बलों के जवान हिस्सा लेंगे। समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अब तक संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन में केवल कमांडर-इन-चीफ रैंक के अधिकारी ही शामिल होते थे। सम्‍मेलन में कमांडर इन चीफ के संबंधित सेवा प्रमुखों भी शामिल होते थे जिन्‍हें प्रधानमंत्री संबोधित करते थे। इस सम्‍मेलन में सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा होती है।

सूत्रों ने एएनआई को बताया कि यह पहली बार होगा जब जवान सैन्‍य बलों और उनके ऑपरेशनों के कामकाज से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चाओं में भाग लेंगे। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस चर्चा में जवानों को शामिल किए जाने का सुझाव खुद प्रधानमंत्री कार्यालय से ही आया था। चर्चा में भाग लेने वाले जवानों में जूनियर कमीशंड अधिकारी और गैर-कमीशन अधिकारी शामिल होंगे। सम्‍मेलन में उनकी ओर से प्रेजेंटेशन दिए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि बलों के कामकाज के मामले में जवानों की अंतर्दृष्टि बहुत काम आती है।

पीएम मोदी ने इस सम्‍मेलन को दक्षिण ब्लॉक से निकाल कर इसे सैन्‍य बेसों पर आयोजित कराने का काम किया है। साल 2014 में सरकार बनने के बाद पीएम मोदी के ही निर्देश संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस को विमानवाहक पोत INS विक्रमादित्य, भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून और जोधपुर एयरबेस पर आयोजित किया गया है। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर कमांडर कांफ्रेंस में अपना पहला संबोधन साउथ ब्‍लॉक में ही दिया था।

इस बार कांफ्रेंस गुजरात के केवडिया में सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने आयोजित की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक वहां सम्‍मेलन के दौरान सेना के शीर्ष अधिकारी और जवान कैंपों में ठहरेंगे। पिछले साल अक्‍टूबर महीने में सैन्य कमांडरों के चार दिवसीय सम्‍मेलन हुआ था जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया था। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में चीन को सख्‍त संदेश देते हुए कहा था कि सेना के जवान एलएसी पर तब तक डटे रहेंगे जबतक कि गतिरोध खत्‍म नहीं हो जाता।