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BTC कालेज का मैनेजर यादव, लड़की यादव, पूर्व मंत्री यादव, फिर भी लड़की को कालेज से बाहर

यादव समाज के लोग सच्चाई जरूर पढें
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(कापी) आदरणीय कुँवर रघुराज प्रताप सिंह, राजा भईया अपने आवास पर लोगों की बारी बारी समस्या सुन रहे थे और जल्दी भी। लखनऊ जाना था ।सबकी समस्या सुनने के बाद जैसे चलने लगे एक किनारे एक लड़की आवाज देती है,भईया मुझे बहुत जरूरी काम है आप से मेरी मदद कर दीजिए। राजा भईया जी रुक जाते है कहे ,बतावो बेटा भीड़ बहुत थी। लड़की अपनी बात कहने में संकोच कर रही थी, आँख में आँसू थे , किसी तरह अपनी बात कही। भईया BTC कर रही हूँ। फीस नहीं जमा कर पाई हूँ। कालेज से निकाल दिये है । राजा भैया जी कालेज के मैनेजर को तुरंत फोन किये कि लड़की का दाखिला लो, मैं फीस भिजवा रहा हूँ। आज के बाद इस लड़की से फीस नही मांगोगे । ये मेरा नंबर है जब फीस का टाइम हो मुझसे मांग लेना। राजा भईया जी लड़की से पूछे कि कितना फीस बाकी है? लड़की कही – 55 हजार। राजा भईया जी, अजीत जी को बोले की इसे 55 हजार ला कर दे दो।

अजीत जी पैसा दे दिये, लड़की रो रही थी। राजा भइया जी पूछे कि और कोई दिक्कत तो नहीं है। वो बोली- नही भईया। लड़की अपना नाम बताई $#@%& यादव। पूर्व मंत्री यादव जी के पास गई थी कहे कि कल आना। जब जब जाती थी यही कहते थे कल आना। फिर कल जाती थी तो उनके गार्ड कहते थे मंत्री जी नही हैं। मम्मी पापा बहुत परेशान थे, मम्मी कही कि राजा भईया जी के पास जावो। पापा कहे कि कैसे जाऊ? मैं उनको वोट नहीं दिया हूं। कह के जोर से रोने लगी। राजा भईया जी उसे चुप कराये, पानी पिलाए। कहे कि बेटी मैं वोट के लिए किसी की मदद नहीं करता। मैं गरीबों की मदद करता हूँ। मैं किसी की जाति नहीं पूछता, गरीबों का मदत करता हूं। कोई भी जात का हो या कोई भी धर्म का हो। गाड़ी मैं बैठा यही सोचने लगा। बहुत हैरानी हुई, BTC कालेज का मैनेजर यादव, लड़की यादव, पूर्व मंत्री यादव, फिर भी लड़की को कालेज से बाहर कर दिया। क्या ये जाति का संबंध सिर्फ वोट तक के लिए होता है, मदद के लिए नही।
(वायरल पोस्ट की कापी है)

एक्टिंग नहीं नग्नता फूहड़ता बेशर्मी है

एक्टिंग नहीं नग्नता फूहड़ता बेशर्मी है
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कहते हैं कि प्राचीन काल में एक वैश्या का नाच देखने के लिए लोग उसके खास मकान(कोठे) पर जाया करते थे। तो वो वैश्या देखने वालों को अपनी मनमोहक नृत्य शैली और कुछ अपनी फ़ूहड़ नग्नता भरी अदाओं से वाह वाही लूटती थीं। यदि उस वैश्या से पूछा जाता कि वो ये काम क्यों करती हैं ? तो 100 में से 99.99 का ये जवाब होता कि मजबूरी है। मैं मजबूर हूं अपने ये नाचने का काम नहीं करती हूं। वो मजबूरी अगर पता लगाने की कोशिश की जाती हैं तो हर किसी की एक अपनी दिल को दहलाने वाली कहानी होती थी।
परंतु आज क्या हो गया है, हमारी युवा पीढ़ी को? पता नहीं में बात कर रह हूं उन कुछ Tik Tok, Instagram, Reels, Snack Vedio, Niki, Moj वाली लड़कियों की…. जी हां मुझको पता है कि बहुत से लोगों को मेरी बात बहुत ही बुरी लग रही होगी। पर इस बात पर विचार करना भी आवश्यक है। कहना चाहूंगा उन लोगों से कि बहन बेटियो महिलाओ से, जरा अपने दिमाग पे ज़ोर डालो और सोचो कि हमारे आस पास कितनी निर्लज्जता है? क्या ये TikTok, instagram, Moj, Like, Reels सहित इस जैसे दूसरे अनेक ऐप्स इसके लिए जिम्मेदार है? यह हमारी भारतीय संस्कृति, पारिवारिक मर्यादा का उपहास है और सनातन संस्कृति का अपमान भी।

यदि बनाना ही है तो ऐसे वीडियो बनाओ जिससे हमारी युवा पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को कुछ अच्छा सीखने को मिले जैसे कि विज्ञान से संबंधित, सामाजिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक वीडियो बनाओ। उसमे भी अपनी संस्कृति और मर्यादा तथा पहनावे का ध्यान रखें ll निवेदन है कि माता पिता अपने लड़के लड़कियों की देख रेख अच्छे से करें, उनको कुछ अच्छा बनाये ना कि नचनिया। ये नचनिया हीरोइन बनने के चक्कर में सबकुछ लुटा रही हैं।

बेटी को विवाह पूर्व नौकरी करवाना अधिकांश माता पिता के लिये बना मुसीबत

एक समाजिक समस्या- कमाऊ बेटी
बेटी को विवाह पूर्व नौकरी करवाना अधिकांश माता पिता के लिये बना मुसीबत। आज अधिकांश माता पिता अपनी पुत्रियो को विवाह पूर्व नौकरी करवाकर, अपने लिये एक समस्या तैयार कर लेते है। उन्हें उनके विवाह मे जो समस्यायें आती है उसका हल निकालना उनके लिये, दुष्कर हो जाता है। समस्यायें समझिये इस प्रकार है :

1 आत्म निर्भर हो जाने के कारण अधिकांश पुत्रियाँ माँ बाप की नही मानती। अपनी पसंद का खानपान, पहनना, खाना पीना आम बात है। बडें या छोटे शहरों में सिगरेट बीयर आम बात है।
2 नौकरियो मे उनका वेतन अधिक होने से उनसे कम वेतन वाले लड़के उन्हे पसन्द नही आते। पढी लिखी और कमाऊ लडकी, कम पढ़े लिखे लड़के को लात मार देती है जबकि लड़के, अनपढ लडकियों संग सफल जिन्दगी गुजारते हैं।
3 अपने शहर हो या अन्य शहर, मे नौकरी करने के कारण उनके विजातीय लड़को से संपर्क होता ही है। जान पहचान दोस्ती के बाद रिलेशिनशिप की संभावना से इन्कार नही किया जा सकता। लोक लाज और संस्कार संस्कृति बचाना कठिन है।
4 एक बार नौकरी करने पर नौकरी छोड़ने को तैयार नही होती। जिस शहर मे नौकरी करती है उसी शहर में ही उस कार्यरत लड़की से, अधिक पेकेज वाला, उसी शहर का रहने वाला सजातीय वर चाहिये जो कि माता पिता के लिये जटिल कार्य है।
5 ऐसा अक्सर देखा गया है कि जबरन लोकलाज में विवाह हो भी जाए तो विवाह विच्छेद यानि तलाक हो जाते हैं जिसका प्रमुख कारण, अनैतिक संबंध व नशे को दिया जाता है।
6 मां बाप की शर्त को दरकिनार कर, ये कमाऊ लडकियां- दूसरे जाति प्रदेश भाषा यहां तक कि धर्म को भी ताक पर रखके, कोर्ट मैरिज करके घर में रहती है। नौकरी करती हैं। समय आने पर निकल लेती हैं।
7 कमाऊ लड़की की सभी गतिविधियों में सहायक के रूप में मां और बहन रहती है और बेचारा पिता शर्त की लिस्ट निकल लेकर, एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे भटकता है।
ऐसे वर की तलाश मे उनकी विवाह की उम्र निकल जाती है। ऐसा वर ढूँढ़ना उन के लिये क्या किसी के लिये भी मुश्किल कार्य है।
अत: सभी माता पिता से निवेदन है कि यह निर्णय ना ले कि कन्या को कुछ वर्ष नौकरी करा ले फिर शादी करेंगे अन्यथा आप निश्चित रुप से जटिल समस्या का सामना करने को तैयार रहे। यह सुझाव आपको उस वक्त याद आयेगा जब आप भी कई लोगो की तरह अपनी पुत्री के विवाह के लिये जटिल समस्या मे फंसे होंगे। इसलिए अपनी बेटियों का विवाह समय पर करें ।
नोट- सभी शहरों में कमाने वाली हिन्दू लड़कियों से छल कपट धोखा से व नाम जाति धर्म छुपाकर, तमाम हवाई सपने दिखाकर फंसाने की टीम है। विदेशी चमक धमक गिफ्ट.. धर्मपरिवर्तन निकाह बच्चे और फिर तलाक। कमाओ और बच्चे को संभालो। 2-3 तलाक के बाद ये फिर हिन्दू पिता की संपत्ति में हिस्सा लेने आती है क्योंकि ससुराल पक्ष तो फटीचर है।