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सीने में दर्द की शिकायत के बाद आर्मी अस्पताल में भर्ती हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, हालत स्थिर   

नई दिल्ली। आज सुबह अचानक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के सेना के आर्मी अस्पताल ले जाया गया है। जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका रूटीन चेकअप चल रहा है। अस्पताल का कहना है कि फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है, राष्ट्रपति की हालत स्थिर है।

75 वर्षीय राष्ट्रपति ने सुबह सीने में दर्द की शिकायत की और इसके बाद उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया।

अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन में कहा कि भारत के राष्ट्रपति आज सुबह सीने में तकलीफ के बाद आर्मी अस्पताल आए। उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है और वह निगरानी में हैं। उनकी हालत स्थिर है। वहीं,  सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति तब तक अस्पताल में रहेंगे, जब तक उनकी पूरी जांच नहीं हो जाती। अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टर सभी चीजों का ध्यान रख रहे हैं।

महाराष्ट्र में सियासी संग्राम जारी, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

नई दिल्ली। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के एक लेटर के कारण महाराष्ट्र में सियासी संग्राम मचा आ है। लेटर बम के बाद जारी सियासी संग्राम के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। राष्ट्रपति से मुलाकात कर अठावले ने अपनी पार्टी की ओर से एक ज्ञापन सौंपा और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद केंद्रीय समाजिक न्याय राज्यमंत्री ने कहा, ”मैंने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन दिया है और उनसे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध किया हैं। उन्होंने मेरी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

उन्होंने कहा कि  एक पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने उद्योगपति के आवास के पास विस्फोटक रखा जबकि गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया। राज्य में यह गंभीर स्थिति है। अठावले ने कहा कि देशमुख के खिलाफ जांच होनी चाहिए क्योंकि वह इस समय संदेह के दायरे में हैं।

 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कहा- बढ़ते प्रभाव का सूचक है सुरक्षा परिषद में भारत का प्रवेश

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय त्योहारों को  सभी देशवासी, राष्ट्र-प्रेम की भावना से मनाते हैं। 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व हम पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए  अपने राष्ट्रीय ध्वज तथा संविधान के प्रति सम्मान व आस्था व्यक्त करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए आदर्श हैं। ऐसे में यह उम्मीद की है कि केवल शासन ही नहीं, बल्कि हम सभी सामान्य नागरिक भी इन आदर्शों का पालन करें।

उन्होंने कहा कि समता, हमारे गणतंत्र के महान यज्ञ का बीज-मंत्र है। सामाजिक समता का आदर्श प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करता है, जिसमें हमारे ग्रामवासी, महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति सहित अपेक्षाकृत कमजोर वर्गों के लोग, दिव्यांग-जन और वयो-वृद्ध, सभी शामिल हैं। इस लिए मैं आज फिर इस बात को दोहराऊंगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विचारों पर मनन करना, हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। हमें हर संभव प्रयास करना है कि समाज का एक भी सदस्य दुखी या अभाव-ग्रस्त न रहे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जिस असाधारण समर्थन के साथ, इस वर्ष, भारत ने अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा-परिषद में प्रवेश किया है वह, भारत के बढ़ते प्रभाव का सूचक है। विश्व-स्तर पर, राजनेताओं के साथ, हमारे संबंधों की गहराई कई गुना बढ़ी है।