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सोनिया गांधी के संदेश से गरमाई राजस्थान की सियासत…जानिए संदेश

DESK:  समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज दोपहर तीन बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं इस अंतिम संस्कार में बतशामिल होने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को नियुक्त किया है. सोनिया गांधी ने दोनों को कांग्रेस प्रतिनिधि के तौर पर सैफई जाने के निर्देश दिए हैं.  कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसके लिए लिखित आदेश निकाला है. वहीं इसके बाद अब राजस्थान की सियासत गरमा गई है.

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सियासी गलियारों में मची हलचल
दरअसल सोनिया गांधी के इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में ये हलचल मच गई है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसमें दरकिनार किया गया है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि क्या गहलोत के कांग्रेस आलाकमान से रिश्ते बिगड़ गए हैं.

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अशोक गहलोत होंगे शामिल
माना ये भी जा रहा है कि पिछले महीने राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम के चलते सीएम गहलोत को मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में कांग्रेस का प्रतिनिधि बनाकर नहीं भेजा है. हालांकि अशोक गहलोत मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान की तरफ से उन्हें नहीं भेजा जा रहा है.

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गहलोत ने मांगी थी माफी
बता दें कि 25 सितंबर को अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने नए सीएम के चयन का अधिकार हाईकमान को देने के लिए बुलाई गई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर बगावत कर दी थी. इसके बाद अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाने पर माफी मांगी और इसकी सार्वजनिक घोषणा की थी. माना जारहा है कि इस घटना के बाद अशोक गहलोत के प्रति गांधी परिवार का विश्वास नहीं रह गया और सोनिया गांधी अब भी नाराज हैं.

प्रधानमंत्री के प्रमाणपत्र से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की आक्रामकक्रूरता, लापरवाही और अव्यवस्था की सच्चाई छिप नहीं सकती-प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस के मिशन उत्तर प्रदेश का आगाज करने लिए पार्टी की महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंच गई हैं। अमौसी एयरपोर्ट पहुंचीं प्रियंका वाड्रा का पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। लखनऊ पहुंचने से पहले उन्होंने ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर कड़ा कटाक्ष भी किया। प्रियंका ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ पर कहा कि प्रधानमंत्री के प्रमाणपत्र से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की आक्रामक क्रूरता, लापरवाही और अव्यवस्था की सच्चाई छिप नहीं सकती है।

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी जी के सर्टिफिकेट से उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की आक्रामक क्रूरता, लापरवाही और अव्यवस्था की सच्चाई छिप नहीं सकती। लोगों ने अपार पीड़ा, बेबसी का सामना अकेले किया। इस सच्चाई को मोदी जी, योगी जी भूल सकते हैं, जिन्होंने कोरोना का दर्द सहा, वे नहीं भूलेंगे।

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तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचीं प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार यूपी कांग्रेस मुख्यालय में दोपहर 2:30 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगी। इससे पहले अमौसी एयरपोर्ट से वह आलमबाग, चारबाग, केकेसी तिराहा, बर्लिंगटन चौराहा, बापू भवन, विधान भवन होते हुए जीपीओ स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया व कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक अशोक सिंह ने बताया कि इसके बाद प्रियंका प्रदेश कांग्रेस कमेटी दफ्तर पहुंचेंगी जहां वह प्रदेश कार्यकारणी के पदाधिकारियों तथा जिला और शहर अध्यक्षों के अलावा विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठकें करेंगी।

अमरिंदर, आर-पार की लड़ाई के मूड में थे पंजाब सीएम,बैठक के बाद संतुष्ट खे पंजाब दिके मुख्‍यमंत्री

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कल कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गए थे तो आक्रामक मूड में थे। वह पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह को निपटाने के इरादे से सोनिया गांधी के मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद कैप्टन ने जिस तरह बाहर आकर मीडिया से ज्यादा बात नहीं की, उससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि वह मुलाकात के दौरान हुई चर्चा के बाद काफी हद तक संतुष्ट हैं। वहीं विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कैप्टन आप-पार की लड़ाई के मूड में सोनिया गांधी के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे और अपना इस्तीफा भी साथ लेकर गए थे।

सोनिया गांधी के साथ हुई लंबी बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह को संकेत दिए गए हैं कि पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव तक पार्टी उनके साथ ही खड़ी नजर आएगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री कैबिनेट में बदलाव करने के भी इच्छुक हैं। वह मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर एक सूची साथ ले गए थे।बताया जाता है कि इस सूची में माझा क्षेत्र के कुछ मंत्रियों के पर कतरने की तैयारी थी। माझा से ही कांग्रेस सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री हैं जिनमें सुखविंदर सिंह सरकारिया, ओपी सोनी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और अरुणा चौधरी के नाम शामिल हैं।

ये पांचों मंत्री केवल दो जिलों अमृतसर व गुरदासपुर से संबंध रखते हैं और किसी समय कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास रहे हैं, लेकन अब उनका विरोध कर रहे हैं। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू को भी माझा के कोटे से ही मंत्री बनाया गया था लेकिन उनके इस्तीफा देने के बाद से एक मंत्री पद खाली पड़ा है

कैप्टन अमरिंदर सिंह जिस समय सोनिया गांधी के साथ बैठक करने उनके आवास पर जा रहे थे तो उनके साथ दिल्ली गए अमृतसर से दलित नेता व विधायक डा. राजकुमार वेरका ने मीडिया से बात करते हुए संकेत दिए कि कैबिनेट में बड़ा बदलाव हो सकता है। उन्होंने पार्टी के संगठन में भी बड़े बदलाव के संकेत दिए, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक के बाद मीडिया के साथ बातचीत में इसे लेकर कुछ नहीं कहा।

कैप्टन ने केवल इतना कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जो भी फैसला करेंगी वह उन्हें मंजूर होगा। हालांकि कैप्टन जिस तरह कांग्रेस के हिंदू नेताओं को अपने साथ लेकर गए थे उसे देखकर जानकारों की ओर से यही अनुमान लगाया गया कि मुख्यमंत्री किसी भी सूरत में नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनते नहीं देखना चाहते हैं।

#पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन  अमरिंदर सिंह मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे

पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को खत्म करने की कोशिशों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले 22 जून को, अमरिंदर सिंह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एआईसीसी पैनल से मुलाकात की थी, लेकिन वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मिले बिना ही चंडीगढ़ लौट गए थे।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने 2015 में सिख ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की जांच पूरी करने में कथित देरी जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री तके सामने मोर्चा खोल दिया है। अप्रैल में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच को रद्द किए जाने के बाद से ही सिद्धू ने अमरिंदर सिंह की आलोचना  शुरू कर दी। वहीं, सीएम अमरिंदर ने उनकी नाराजगी को ‘पूर्ण अनुशासनहीनता’ बताया है।

केंद्रीय नेतृत्व अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में जारी गुटबाजी को खत्म करने का रास्ता तलाश रही

है। इसके लिए सोनिया गांधी ने एक पैनल का गठन किया था, जिसने अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू सहित पार्टी के विधायकों के साथ बातचीत की थी। सिद्धू ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। पंजाब कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी राष्ट्रीय राजधानी में चार दिनों तक राहुल गांधी के साथ बैठकें की थीं।

एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। हाल ही में सिद्धू की राहुल और प्रियंका के साथ बैठक के बाद पार्टी नेता हरीश रावत ने उम्मीद जताई थी कि पार्टी की पंजाब इकाई से संबंधित मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से एक है जहां पार्टी अभी भी सत्ता में है।

…तो हरीश रावत ने इसलिए की सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती को भारत रत्न देने की मांग !

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती को भारत रत्न देने की मांग की है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए भारत सरकार से दोनों को पुरस्कार दिए जाने की मांग की है। इसके लिए रावत ने महिला सशक्तिकरण का हवाला दिया है। हालांकि, बसपा ने रावत की कोशिशों पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि ये जनता को बेवकूफ बनाने की सोची समझी रणनीति है।

अपने ट्विटर हैंडल पर  हरीश रावत ने लिखा है कि आदरणीय सोनिया गांधी जी व सम्मानित बहन मायावती जी, दोनों प्रखर राजनैतिक व्यक्तित्व हैं। आप उनकी राजनीति से सहमत और असहमत हो सकते हैं, मगर इस तथ्य से आप इंकार नहीं कर सकते हैं कि सोनिया जी ने भारतीय महिला की गरिमा और सामाजिक समर्पण व जनसेवा के मापदंडों को एक नई ऊंचाई व गरिमा प्रदान की है। आज उन्हें भारत की नारीत्व का गौरवशाली स्वरूप माना जाता है। मायावती जी ने वर्षों से पीड़ित-शोषित लोगों के मन में एक अद्भुत विश्वास का संचार किया है। भारत सरकार को चाहिये कि इन दोनों व्यक्तित्वों को इस वर्ष का भारत रत्न देकर अलंकृत करें।