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टूलकिट मामला,निष्पक्ष जांच कराने की मांग

टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी की आलोचना करने वालों की न्यायपालिका और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पूर्व सदस्यों ने निंदा करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है। उन्होंने इसमें आरोप लगाया है कि निहित स्वार्थ वाले लोग अपनी राष्ट्र विरोधी हरकतों को छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस पर कीचड़ उछाल रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना यह स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि ‘टूलकिट दस्तावेज के तार आईएसआई(पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) और खालिस्तानी संगठनों से जुड़े हुए हैं। राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 47 लोगों में राजस्थान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी एस कोकजे, दिल्ली और पटना उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश रह चुके न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी सी डोगरा, सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव तथा केरल के पूर्व डीजीपी आर पद्मनाभन शामिल हैं।

उन्होंने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि दिल्ली पुलिस को निहित स्वार्थ वाले लोगों के गैर वाजिब दबाव के बगैर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करने दिया जाए तथा भारत में और विदेश में अलगावावादी ताकतों के हाथों की कठपुतली बने लोगों को न्याय के दायरे में लाने दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि कई विपक्षी पार्टियों और संगठनों ने दिशा की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि यह लोकतंत्र पर हमला है। साथ ही, उन्होंने सरकार पर अपनी आलोचना करने वालों को खामोश करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है। उनमें से कई ने दिशा के कम उम्र के होने को लेकर भी पुलिस की आलोचना की है।

पत्र में कहा गया है, दुख के साथ इस बात का जिक्र करना पड़ रहा है कि कुछ भारतीय नागरिक प्रतिबंधित तत्वों और संगठनों के साथ संपर्क रखे हुए हैं, जिन्होंने अमेरिका, कनाडा, ब्रिअेन और यूरोप के प्रमुख शहरो में सभी भारतीय

दूतावाओं, उच्चायोगों और महावाणिज्य दूत कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करने की योजना को अंजाम दिया, ताकि भारत सरकार को अपमानित किया जा सके…।

 

टूलकिट केस : पुलिस रिमांड खत्म, दिशा रवि  को कोर्ट ने तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

नई दिल्ली। टूलकिट मामले में आरोपी बनाई गई पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की आज पुलिस रिमांड खत्म हो गई। पुलिस ने उन्हें आज अदालत में पेश किया। अदालत ने दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं, दिशा ने आज जमानत याचिका भी दायर की थी, जिसकी सुनवाई कल यानी शनिवार को होगी।

कोर्ट ने दिशा की जमानत पर सुनवाई कल यानी शनिवार तक के लिए टाल दी है। बता दें कि टूलकिट मामले में दिशा की पांच दिन की पुलिस रिमांड आज खत्म हो रही थी। दिशा को बंगलुरु से रविवार को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया था और पुलिस को पांच दिन की रिमांड मिल गई थी।

क्या है पूरा मामला

दिशा पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन को वैश्विक रूप में फैलाने के लिए बने एक गूगल टूलकिट में कई बार एडिटिंग की और फिर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को भेजा। पुलिस के अनुसार इस टूलकिट के माध्यम से किसान आंदोलन के समर्थन में ट्विटर स्टॉर्म लाए जाने की बात थी।

टूलकिट केस में आरोपी निकिता जैकब की याचिका पर फैसला आज

दिल्ली। जलवायु के क्षेत्र में काम करने वाली मशहूर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए ‘टूलकिट’ दस्तावेज मामले में मुंबई की वकील-कार्यकर्ता निकिता जैकब की अग्रिम जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज फैसला सुना सकती है।

मामले में संदिग्ध, वकील निकिता जैकब की इसी तरह की याचिका पर मुंबई में उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने कहा कि वह बुधवार को आदेश पारित करेंगे।

आईपीसी की धारा 124 (ए) (राजद्रोह), 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश रचना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ की न्यायमूर्ति विभा कांकनवाड़ी ने मुलुक को दस दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी, जिससे वह राहत पाने के लिए दिल्ली में उपयुक्त अदालत के समक्ष अपनी याचिका दायर कर सकें।

दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि दिशा रवि तथा मुम्बई की वकील निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की।

टूलकिट मामले में अपनी जांच को तेज करते हुए दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मंच जूम को पत्र लिखकर, कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक एक समूह द्वारा 11 जनवरी को आयोजित ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है, जबकि जांचकर्ता वित्त पोषण के पहलू की भी जांच कर रहे है।