Kanpur: भारतीय जनता पार्टी ने एक तरफ एंटी रोमियो स्क्वॉट का गठन किया हुआ है। वही दूसरी तरफ इन्ही के पार्टी के नेता खुले आम रंगरेलियां मना रहे हैं। और लगता की शादी के बाद भी बाहर किसी अन्य के साथ सम्बन्ध रखना आम होता जा रहा है।
शनिवार को उत्तर प्रदेश के कानपूर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां भारतीय जनता पार्टी के कानपुर – बुंदेलखंड के क्षेत्रीय महामंत्री मोहित सोनकर पार्टी की महिला मोर्चा उपाध्यक्ष बिंदु के साथ सरेआम रंगरेलियां मना रहे थे। इसी दौरान उनकी पत्नी और परिवारी जनों ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ा। जिसके बाद परिजनों ने नेता जी की चप्पलों से पिटाई की।
बतादें की बाबूपुरवा क्षेत्र निवासी मोहित सोनकर बीजेपी में कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय मंत्री हैं। उनका विवाह नौबस्ता क्षेत्र की युवती से हुआ था। किसी व्यक्ति से सुचना मिलने पर की पति उनके आनंदपुरी में कार में किसी अन्य महिला के साथ है। जिसके बाद पत्नी ने परिजनों के साथ वह पहुँच के पति को घसीटते हुए कार से बहार निकला।
सोंचने वाली बात यह है कि खुले आम इस तरह से रंगरेलियां मनाने से समा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। जहा एक तरफ भारतीय जनता पार्टी सुशासन की बात करती है वहीं दूसरी तरफ इसकी ही पार्टी के पदाधिकारियों के द्वारा इस तरह से पार्कों में सरेआम माहौल ख़राब करना कितना उचित है।
DESK : यूपी सरकार की बुलडोजर एक्शन को लेकर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई है. मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया. साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार से 3 दिन में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में बुलडोजर कार्रवाई पर सरकार से जवाब मांगा है.
नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से पूछा है कि जो बुलडोजर की कार्रवाई हुई है क्या वह कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है या नही? सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार ये स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी तोड़फोड़ की कार्रवाई कानून की प्रक्रिया के अनुसार हो.
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि राज्य को सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. कोर्ट ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये बदले की कार्रवाई है, ये सही भी हो सकती हैं और गलत भी. अगर इस तरह के विध्वंस किए जाते हैं. कम से कम जो कुछ किया जा रहा है वह कानून की प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्टने राज्य सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे, आप जवाब दाखिल करें और सुनिश्चित करें कि इस दौरान कुछ भी अनहोनी न हो. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सी. यू. सिंह ने बहस की शुरुआत की. सी. यू. सिंह ने जमीयत की तरफ से बहस की.
वहीं मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए समय मिलेगा. हमें इस दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. वे भी समाज का हिस्सा हैं, जब किसी को कोई शिकायत होती है तो उन्हें इसका समाधान करने का अधिकार होता है. इस तरह के विध्वंस केवल अधिनियम के अनुसार हो सकते हैं.