TCS नहीं रही टाटा ग्रुप की सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी, जानिए कौन निकल गया है उससे आगे

फाइनेंशियल ईयर 2024 की चौथी तिमाही में टाटा ग्रुप के लिए सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने के मामले में टीसीएस पिछड़ गई. 10 साल में पहली बार ऐसा हुआ है. लेकिन सालाना प्रॉफिट के मामले में टीसीएस अब भी नंबर वन पर है. आखिर टाटा ग्रुप की किस कंपनी ने ये कमाल किया है.

देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS अब Tata Group की सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी नहीं रह गई है। एक दशक में पहली बार टाटा मोटर्स उससे आगे निकल गई है।

टाटा मोटर्स काफाइनेंशियल ईयर 2024 की चौथी तिमाही में कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 17,483 करोड़ रुपये रहा। इस दौरानटीसीएस का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 12,434 करोड़ रुपये रहा।टाटा मोटर्स का नेट प्रॉफिट पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 213.7% बढ़ गया।पिछले साल चौथी तिमाही में यह 5,573.8 करोड़ रुपये रहा था। दूसरी ओरटीसीएस के प्रॉफिट में पिछले साल के मुकाबले केवल 9.1 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।

पिछले साल समान तिमाही में इस आईटी कंपनी का प्रॉफिट 11,392 करोड़ रुपये रहा था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक टाटा ग्रुप की 16 कंपनियों ने अब तक अपनी चौथी तिमाही का रिजल्ट जारी किया है। इन कंपनियों के कंबाइंड नेट प्रॉफिट में पिछले साल के मुकाबले 64 फीसदी तेजी रही है। ग्रुप की कंपनी टाटा स्टील ने अब तक अपना रिजल्ट जारी नहीं किया है। टाटा ग्रुप की कंपनियों में सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने के मामले में टाटा मोटर्स पहले नंबर पर है। कंपनी एक दशक बाद इस मुकाम पर पहुंची है। इससे पहले 2014 की जून तिमाही में यह मुकाम हासिल किया था। तब

टाटा मोटर्स का नेट प्रॉफिट 5,330.6 करोड़ रुपये रहा था।तबटीसीएस का नेट प्रॉफिट 5,186.6 करोड़ रुपयेऔरटाटा स्टील का 400.6 करोड़ रुपये रहा था।आपको बता दें कि सालाना प्रॉफिट के मामले में टीसीएस अब भी टाटा ग्रुप की सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी है।2023-24 में उसका कुल प्रॉफिट 46,625 करोड़ रुपये रहा जबकि इस दौरान टाटा मोटर्स ने 32,078 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाकर दिया।

टाटा मोटर्स के मुनाफे में तेजी से ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की वित्तीय ताकत भी बढ़ी है। टाटा मोटर्स बिक्री के हिसाब से मारुति और हुंडई के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। पंच, नेक्सन, टियागो और अल्ट्रोज जैसे मॉडलों से कंपनी ने जबरदस्त वापसी की है। टाटा मोटर्स की मिनी एसयूवी पंच देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली मॉडल है। मार्च में पंच की बिक्री 17,547 यूनिट और अप्रैल में 19,158 यूनिट रही।

विश्लेषकों का कहना है कि टाटा मोटर्स यह देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑटो कंपनी बन सकती है। इसकी वजह यह है कि कंपनी तेजी से नए मॉडल ला रही है और इलेक्ट्रिक कार बाजार में उसका दबदबा है। पंच के पेट्रोल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वर्जन उपलब्ध हैं। इसके पेट्रोल वर्जन की कीमत 6.1 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) से शुरू होती है

जबकि इलेक्ट्रिक वर्जन की कीमत 11 लाख रुपये से अधिक है। जैसे-जैसे कंपनी के मॉडल बाजार में ज्यादा मशहूर होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता जा रहा है। कंपनी मौजूदा मॉडलों में इलेक्ट्रिक वर्जन जोड़ रही है। साथ ही इलेक्ट्रिक या ग्रीन कारों को लाने पर भी काम कर रही है।

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