DESK: भारत का 21 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ। सरगम कौशल ने मिसेज वर्ल्ड 2022 का खिताब अपने नाम कर लिया हैं। ये लम्हा हर किसी के लिये बेहद खुशनुमा और इमोशनल भरा रहा। इससे पहले उन्होंने मिसेज इंडिया 2022 का खिताब अपने नाम किया था।
मिसेज वर्ल्ड 2022 बनीं सरगम कौशल
आपको बता दें, अमेरिका में मिसेज वर्ल्ड 2022 का कार्यक्रम आयोजन किया गया था। जिसमे ब्यूटी कॉम्पटिशन में बॉलीवुड के बड़े स्टार्स ने शिरकत की। सरगम कौशल ने इस पूरे मोमेंट की झलक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है। वीडियो में जब ‘मिसेज वर्ल्ड’ का नाम अनाउंस होता है, तो अपना नाम सुनकर सरगम शॉक रह जाती हैं। उनके आंखों में आंसू आ जाते हैं, सरगम ने इस इमोशनल मोमेंट की झलक शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “ 21 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ, आज हमारे पास ताज वापस आया है!” इस दौरान सरगम कौशल ने ब्लश पिंक कलर का लॉन्ग गाउन पहना हुआ था। एक्ट्रेस ने अपने लुक को डायमंड इयररिंग्स से पूरा किया था। ग्लॉसी न्यूड मेकअप में वह बहुत खूबसूरत दिख रही थी।
जम्मू-कश्मीर में खुशी का माहौल
सरगम कौशल मूल रुप से जम्मू-कश्मीर की रहने वाली है। वो एक शिक्षक और मॉडल भी हैं। सरगम की शादी 2018 में हुई थी। शादी के बाद से ही उनके दिल में ब्यूटी पेजेंट जीतने का जुनून सवार था। जिसके बाद उन्होंने मिसेज वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।सरगम कौशल का मिसेज वर्ल्ड 2022 बनना पूरे देश के लिए गौरव भरा पल रहा। परिवार में खुशी का माहौल है तो वहीं जम्मू-कश्मीर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। बेटी की इतनी बड़ी उपलब्धि पर माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू हैं। जम्मू के बाहु फोर्ट में सरगम के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
सरगम की मेहनत रंग लाई- पिता जीएस कौशल
पेशे से शिक्षिका सरगम के पिता जीएस कौशल जोकि बैंक आफ इंडिया में चीफ मैनेजर रह चुके हैं, उन्होंने बताया कि सरगम की मेहनत रंग लाई है। सरगम की शिक्षा के क्षेत्र में विशेष रुचि है। वह चाहती हैं कि शिक्षकों का पुराना सम्मान लौटना चाहिए। सरगम के पति नौ सेना में हैं। और वह मुंबई ड्यूटी में तैनात है।
21 साल बाद ताज वापस आया- अदिति गोवित्रीकर
मिसेज वर्ल्ड 2022 का ताज जीतने के बाद सरगम कौशल को सेलेब्स से बधाईयां मिलनी का सिकसिला शुरू हो गया हैं। अदिति गोवित्रीकर ने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 21 साल बाद ताज वापस आया है। आपको दिल से बधाई। 2001 में अदिति गोवित्रीकर ने ये ताज अपने नाम करके देश का मान बढ़ा दिया था।