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किसान आंदोलन ने लिया भयंकर रुप , मांगे पूरी न होने पर यूपी बॉर्डर पर एक किसान ने दी जान

किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है।

इस कड़ाके की ठंड में भी किसानों का हौसला टस से मस नहीं हुआ। दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन पिछले 38 दिनों से लगातार जारी है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है। हर दिन किसान आंदोलन एक नया मोड़ ले रहा है। इसी बीच आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने सरकार से  निराश होकर आत्महत्या कर ली। किसान के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला जिसमें सरकार को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया।

बताया जा रहा है की आत्महत्या करने वाले किसान कश्मीर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा की आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। हमारी मांगे सरकार सुन नहीं रही है इसलिए अपनी जान देकर जा रहा हूं। आगे मांग करते हुए लिखा की मेरा अंतिम संस्कार मेरे पोते-बच्चे के हाथों यहीं दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। बता दें की मृतक किसान का परिवार भी यहा किसान आंदोलन में सेवा कर रहा है।

घटना स्थल पर पहुंचने के बाद सुसाइड नोट यूपी पुलिस ने अपने कब्जे में कर लिया है, और आगे की कार्रवाई की जा रही है। यह  सुसाइड नोट पंजाबी भाषा में लिखा गया था जिसका अनुवाद कराया जा रहा  है। बताते चले आज सिंघु बॉर्डर पर किसान बैठक का आयोजन किया जाएगा , जिसमें आगे की रणनीती के बारे में विचार किया जाएगा।

 

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