दिल्ली :संसद में पेश केंद्रीय बजट को लेकर बिहार में तमाम विपक्षी पार्टी और नेताओं ने दी तीखी प्रक्रिया। किसी ने बजट के रूप में देशवासियों के सामने इसे मोदी सरकार की एक बार फिर जुमलाबाजी करार दिया तो किसी ने आम आदमी और किसानों को ठगने वाला बताया। किसी ने बजट को दिशाहीन एवं बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया तो किसी ने बजट को कंपनी राज को बढ़ावा देने वाला करार दिया।
कांग्रेस ने बजट को दिशाहीन एवं बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताया है। पार्टी के बिहार प्रभारी व पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्त चरण दास ने कहा है कि इस बजट में बिहार की पूरी उपेक्षा हुई है। यह बजट दिशाहीन एवं विकास विरोधी है। बेरोजगारी हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार का कोई प्रावधान नहीं है। कहा है कि जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां सड़क, रेलवे एवं इंफ्रास्टक्चर पर भारी निवेश का प्रावधान है, जो केन्द्र सरकार की नीति को दर्शाता है।
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस एवं उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन मध्यवर्ग के आयकर की सीमा में कोई बढ़त नहीं की गई है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि मुनाफे में चल रहे सरकारी प्रतिष्ठानों को कम कीमत पर बेचने की तैयारी चल रही है। बजट में उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने भी बजट को दिशाहीन बताया है। मीडिया विभाग के अध्यक्ष एचके वर्मा, प्रवक्ता डॉ. हरखु झा और राजेश राठौड़ ने भी बजट को दिशाहीन एवं बेरोजगारी बढ़ानेवाला बताया।