तिरंगा पर सियासी लड़ाई, देशद्रोही पर आई ; राहुल गांधी का भाजपा पर हमला…
न्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाने वालों को द्रेशद्रोही संगठन का बताया है...
DESK : मोदी सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा जहां इस अभियान के जोर-शोर से प्रचार में जुट गई है, तो कांग्रेस ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली है। इस पर तरह-तरह के सवाल भी खड़े होने लगे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाने वालों को द्रेशद्रोही संगठन का बताया है।
राहुल गांधी ने कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग में तिरंगे के साथ तस्वीरों को ट्वीट करते हुए लिखा, कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग के सभी साथियों से मिलकर बहुत खुशी हुई। इतिहास गवाह है, ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। आज़ादी की लड़ाई से ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।
बाइक रैली में नहीं शामिल हुआ विपक्षी सांसद
हर घर तिरंगा अभियान को लेकर बुधवार को भाजपा की ओर से बाइक रैली निकाली गई थी। इस रैली में सरकार के कई बड़े मंत्री भी शामिल हुए। लेकिन रैली को लेकर सियासत उस समय तेज हो गई जब इसमें विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। इस पर केंद्र सरकार का कहना है कि हमने आह्वान किया था कि इस रैली में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसद शामिल हों, लेकिन विपक्ष का एक भी नेता शामिल नहीं हुआ। सरकार ने कहा कि तिरंगा पूरे देश का है इसलिए इसमें राजनीति करना कहां तक सही है।
सपा सांसद बर्क ने दिया विवादित बयान
अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का राष्ट्रीय ध्वज पर दिया गया बयान सियासी गलियारों के साथ ही देश में चर्चा का विषय बना है। बर्क ने कहा कि हमारी देशभक्ति झंडे पर नहीं है। हमारी देशभक्ति कुर्बानी पर है। इस देश के लिए हम क्या कुर्बानी दे रहे हैं, क्या कुर्बानी दी है और क्या कुर्बानी देंगे, ये महत्वपूर्ण है। हर घर तिरंगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये अपनी मर्जी है कोई घर पर झंडा लगाए या न लगाए। तिरंगे को घर पर लगाना अनिवार्य नहीं होना चाहिए।