Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal

चेहरा चमकाने की राजनीति की कलंक कथा ! लोन देने वाले विज्ञापन पर राज्य सरकार ने खर्च किए…

DESK : नौ की लकड़ी 90 खर्चा यह एक ऐसा मुहावरा है जो सरकारी योजनाओं पर अक्षरशः सटीक है. ऐसा ही हुआ एक योजना के साथ जिसके प्रचार पर 19 करोड़ रुपए खर्च हुए और उससे लाभ मिला सिर्फ 2 को. दरअसल दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा 2015 में “दिल्ली उच्च शिक्षा और कौशल विकास गारंटी योजना” शुरू की गई थी. इस योजना से दिल्ली से 10वीं या 12वीं पास करने वाले छात्रों को कॉलेज में पढ़ाई करने हेतु 10 लाख रुपए तक के लोन की सुविधा उपलब्ध कराना है.

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योजना को लेकर अरविंद केजरीवाल नीत आप सरकार की ओर से खूब प्रचार प्रसार किया गया है. इसे अरविंद सरकार अपनी बड़ी उपलब्धि भी बताती रही है और बाकायदा विज्ञापन देकर जमकर प्रचार किया गया. लेकिन प्रचार तो हुआ लेकिन लाभ पाने वाले ही वंचित रह गए. जैसे वित्त वर्ष 2021-22 में इस योजना के प्रचार पर प्रिंट मीडिया में 46 लाख 22 हज़ार 685 रुपए और टेलीविजन मीडिया को 18 करोड़ 81 लाख 618 रुपए के विज्ञापन दिए गए. यानी कुल मिलाकर 19 करोड़ 27 लाख रुपए योजना के विज्ञापन पर खर्च हुए, जबकि इस साल योजना का लाभ सिर्फ दो छात्रों को मिला. यानी सिर्फ 2 छात्रों को 10 -10 लाख रुपए का लाभ मिला. ऐसे में अगर देखा जाए तो 20 लाख का लोन देने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने 19 करोड़ 27 लाख रुपए का विज्ञापन दे दिया.

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आरटीआई से मांगी गई जानकारी में खुद अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह विवरण दिया है. हालांकि इस योजना के लिए वर्ष 2015-16 से अब तक कुल 1139 छात्रों ने आवेदन किया लेकिन सिर्फ 363 आवेदकों को ही लोन मिल पाया. संयोग से 2015-16 ही एक मात्र ऐसा वर्ष रहा जब 58 लोगों ने आवेदन किया और 58 को लोन का लाभ मिला. वहीं सर्वाधिक 424 ने वर्ष 2016- 17 में आवेदन किया और सबसे ज्यादा 176 को उसी वर्ष लोन का लाभ मिला. बाद के वर्षों में आवेदकों की संख्या घटती गई और उसी अनुरूप लोन पाने वालों की संख्या भी कम गई. अततः पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 89 छात्रों ने आवेदन किया और सिर्फ 2 को लोन का लाभ मिला.

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इसके उलट योजना के प्रचार प्रसार पर अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से किया जाने वाला खर्च लगातार बढ़ता गया. स्थिति यहां तक हो गई कि 2021-22 में दिल्ली सरकार ने अपनी इस लोक लुभावन योजना पर 19 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया और उसके मुकाबले सिर्फ 2 छत्रों को 10-10 लाख रुपए के लोन का लाभ मिला. अब रिपोर्ट उजागर होने के बाद अब दिल्ली सरकार निशाने पर है.

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यह कोई पहला मौका नहीं है जब दिल्ली सरकार अपनी विज्ञापन नीति को लेकर आलोचना का शिकार हुई है. इसके पहले भी कैग की ओर से कहा गया कि 39 योजनाएं हैं, जिसकी घोषणा दिल्ली सरकार ने की लेकिन वो जमीन पर नहीं उतरी हैं. इसमें दिल्ली सरकार का शिक्षा मॉडल और “दिल्ली उच्च शिक्षा और कौशल विकास गारंटी योजना” भी शामिल है. वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर 490 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

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