नई दिल्ली। कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच आठवें दौर की वार्ता शुक्रवार को भी बेनतीजा रही। अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होगी।
बता दें कि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
केंद्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है। वहीं, प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
जानकारी के अनुसार बैठक में सरकार की ओर से कहा गया कि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है क्योंकि काफी किसान कानून के पक्ष में हैं। वहीं, दूसरी तरफ किसान संघ कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को दोहराते रहे। ऐसे में एक बार फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा साबित हुई।