उत्तरप्रदेश की सियासत फिर गर्मा गई है, इस बार कावड़ यात्रा के रस्ते पर मौजूद दुकानों और दुकानदारों के नाम को लेकर. यूपी सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है कि सभी दुकानों के बाहर मालिक नाम और पहचान लिखी होनी चाहिए.
दुकानों पर होनी चाहिए नेम प्लेट,योगी के निर्देश के पीछे क्या है वजह
योगी सरकार के फैसले से पहले मुजफ्फरनगर पुलिस और सहारनपुर मंडल के डीआईजी ने आदेश जारी किया था कि शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सभी दुकानदारों को दुकान के बाहर नेम प्लेट लगानी होगी. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए जिनमें फल बेचने वाले मुस्लिम शख्स ने अपना नाम बोर्ड पर लिख कर अपने ठेले पर लगा रखा था, हालांकि जब इस मामले ने तूल पकड़ा और कई राजनीतिक दल इसमें कुद पड़े तो मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपना फैसला वापस ले लिया. लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी ने ही नेम प्लेट वाला आदेश जारी कर दिया है.
मुजफ्फरनगर के पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने कहा
जिले में सावन माह की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट जिले में पड़ता है. मार्ग में होटल, ढाबा और ठेले सहित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवड़ियों के बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। सभी स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं.’
नेम प्लेट विवाद पर समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव, AIMIM चीफ ओवैसी, बसपा सुप्रीमों मायावती कड़ा विरोध जताया है. इनका कहना है कि ये मस्लिमों का बहिष्कार करना है, ये धर्म के नाम पर खाई को और गहरा करेगा. वहीं सोशल मीडिया पर कई लोग ये बोल रहे है कि इसमे गलत क्या है, अगर आपको अपनी पहचान पर गर्व है तो उसे क्यों छुपाना है. वैसे आपकी क्या राय है हमें कमेंट करके जरूर बताएं.