उत्तरप्रदेश। सीएम पोर्टल तक शिकायत पहुंचने के बाद उपभोक्ता पर लगा बिजली चोरी का दाग धुल गया। कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद विजिलेंस की छापेमारी और उसके आधार पर लगाया गया जुर्माना सवालों के घेरे में है। अब सवाल उठने लगा है कि घूस की रकम वापस लेने का बदला लेने के लिए उपभोक्ता पर दाग लगाने वालों पर क्या कार्रवाई होगी।
सूरजकुण्ड क्षेत्र के इलाहीबाग की शहनाज बानो पत्नी खुर्शीद आलम के घर पर 4 किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है। खुर्शीद ने बताया कि पिछले साल 10 अक्तूबर को क्षेत्रीय जेई व एसडीओ की टीम जांच के बाद कहा कि मीटर में छेड़छाड़ है। हमने कहा कि विभाग ने जैसे लगाया था वैसे ही है।
तीसरे दिन जेई, एसडीओ विजिलेंस टीम के साथ पहुंचे और मीटर उखाड़ कर उसे मौके पर तोड़ दिया। आरोप लगाया कि मीटर का डिस्पले बदला गया है। विरोध पर टीम ने बिजली कटवा दी। यह पूरी घटना सीसीटीवी में रिकार्ड हो गई। हमने वितरण खण्ड द्वितीय के एक्सईएन से शिकायत की तब उन्होंने बताया कि कहा कि आपके खिलाफ विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कराया है।
मुकदमे में स्वीकृति से तीन किलोवाट अधिक लोड के इस्तेमाल व मीटर में छेड़छाड़ का आरोप है। उन्होंने शमन शुल्क व राजस्व निर्धारण की राशि जमा करने के बाद ही कनेक्शन जोड़ने की बात कही। इस पर खुर्शीद ने 28 हजार रुपये शमन शुल्क व 50 हजार रुपये राजस्व निर्धारण का भुगतान कर कनेक्शन जोड़वाया। साथ ही ऊर्जामंत्री समेत सीएम पोर्टल व मुख्य अभियंता से शिकायत दर्ज कराई। सभी को सीसीटीवी फूटेज भी दी।
सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायत का संज्ञान लेकर मुख्य अभियंता ने दो अभियंताओं की कमेटी गठित कर जांच कराई। जांच रिर्पोट के मुताबिक 3919 वाट का लोड मिला जो स्वीकृत लोड के अनुरूप है जबकि विजिलेंस टीम ने एफआईआर में 7 किलोवाट लोड के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। विजिलेंस टीम का यह आरोप खारिज किया जाता है।