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क्यों ब्लैक डॉलर से डरी हुई है आप, केजरीवाल से क्या है इसका रिश्ता

आतिशी ने कहा कि शराब नीति घोटाले और स्वाति मालीवाल केस के फेल होने के बाद अब भाजपा 11 साल पुराने केस को फिर उठा लाई है

आम आदमी पार्टी में इन दिनों मची आंतरिक कलह किसी से छिपी नहीं है वो पूरे देश के सामने जगजाहिर है पहले दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल का जेल जाना और उसके बाद आप की राज्यसभा सांसद से सीएम आवास पर हुई मारपीट के मामले ने पूरी पार्टी में कोलाहल का माहौल बना रखा है इसी बीच एक और खबर ऐसी सामने आ गई जिसने पूरी आम आदमी पार्टी में पहले से मची आग में घी का काम कर दिया है

दरअसल इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर बताया है कि आम आदमी पार्टी को विदेशी फंडिंग में 7 करोड़ रुपए से ज्यादा फंड मिला है आम आदमी पार्टी को यह फंडिंग 2014 से 2022 के बीच कनाडा, अमेरिका, मिडिल ईस्ट, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से मिलने का दावा किया गया है एजेंसी के मुताबिक यह FCRA यानि फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है .

पंजाब के पूर्व MLA सुखपाल सिंह खैरा और अन्य लोगों के खिलाफ ड्रग्स से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में एजेंसी को कुछ डॉक्यूमेंट और ईमेल मिले थे,जिसके बाद एजेंसी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है एजेंसी ने यह जांच 2021 में शुरू की थी और खैरा को उसी साल ED ने गिरफ्तार भी कर लिया था बतादें कि अब खैरा कांग्रेस पार्टी में हैं

हालांकि ED के इन आरोपों के बाद आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मामले को मोदी की साजिश करार दिया और कहा- मैं पीएम मोदी को लेकर गुस्से से भरी हूं। भाजपा साफतौर पर दिल्ली और पंजाब की सभी 20 लोकसभा सीटें हारने वाली है, इसलिए ED का सहारा लेकर राजनीतिक षड्यंत्र रच रही है।

आतिशी ने कहा कि शराब नीति घोटाले और स्वाति मालीवाल केस के फेल होने के बाद अब भाजपा 11 साल पुराने केस को फिर उठा लाई है. इस केस से जुड़े सभी सवाल ED, CBI, गृह मंत्रालय और इलेक्शन कमीशन को दिए जा चुके हैं। ED की तरफ से लगाए गए आरोप AAP का नाम खराब करने की मोदी की साजिश है.

अगर आधिकारिक सूत्रों की मानें तो , ED ने पिछले साल अगस्त में गृह मंत्रालय को डिटेल में इस पूरे केस की जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था कि AAP ने FCRA और रेप्रिजेंटशन ऑफ पीपुल्स एक्ट का उल्लंघन किया है। अब ED ने इस केस से जुड़े कुछ नए इनपुट गृह मंत्रालय से शेयर किए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ED को पता चला कि AAP को विदेश से डोनेशन के तौर पर 7.08 करोड़ रुपए मिले हैं और पार्टी ने ये डोनेशन देने वाले फॉरेन डोनर की पहचान और नेशनैलिटी की जानकारी देने में गड़बड़ी की है। इसके अलावा कुछ और डिटेल्स में भी गड़बड़ी पाई गई है.जिसको लेकर अब पार्टी पर भी एक्शन हो सकता है.

वहीं खबर ये भी है कि, जांच एजेंसी ने गृह मंत्रालय को उन सभी डोनर्स के वेरिफाइड नाम, नेशनैलिटी, पासपोर्ट नंबर, डोनेट किया गया अमाउंट, डोनेशन का मोड और डोनेशन पाने वाले का बैंक अकाउंट नंबर, बिलिंग नाम, एड्रेस, फोन नंबर्र ईमेल, डोनेशन का टाइम और डेट और इस्तेमाल किया गया पेमेंट गेटवे भी दिया है.

एजेंसी ने गृह मंत्रालय को बताया कि अमेरिका और कनाडा में AAP की ओवरसीज विंग के वॉलेंटियर्स की तरफ से 2015 और 2016 में कुछ फंडरेजिंग इवेंट्स के जरिए FCRA का उल्लंघन करते हुए ये पैसा जुटाया गया था।

ED ने गृह मंत्रालय को बताया कि कनाडा में रहने वाले कुछ लोगों के नाम और उनकी राष्ट्रीयता को पार्टी के फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स में छुपाकर रखा गया है ताकि पार्टी के भारतीय बैंक अकाउंट में किए गए विदेश डोनेशन को छुपाया जा सके।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, FCRA उल्लंघन के केस की जांच CBI करती है, लिहाजा गृह मंत्रालय CBI को लिखकर ED की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच करवा सकती है.तो अब बस देखने ये है कि पहले से ही शराब घोटाले का आरोप झेल रही पूरी आम आदमी पार्टी पर इस अवैध फंडिग केस को लेकर गृह मंत्री अमित शाह क्या ऐक्शन लेते है.

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